- महिला क्रिकेट टीम ने वर्ल्ड कप जीतकर पूरे देश में जश्न का माहौल बना दिया है, खासकर आगरा और आसपास के गांवों में
- दीप्ति शर्मा ने वर्ल्ड कप में सर्वाधिक विकेट और रन बनाकर प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट का खिताब जीता है
- दीप्ति ने अपने भाई सुमित के बलिदान और परिवार के समर्थन को अपनी सफलता का प्रमुख कारण बताया है
Deepti Sharma NDTV Exclusive Interview: भारतीय महिला वर्ल्ड कप जीत का जश्न हर शहर-गांव में हर रोज़ मनाया जा रहा है. वर्ल्ड कप में सबसे ज़्यादा 22 विकेट लेने और 215 रन बनाकर प्लेयर ऑफ़ द टूर्नामेंट बनी दीप्ति शर्मा के शहर आगरा और आसपास के गांवों में भी जश्न का सिलसिला जारी है. सड़कों पर खिलाड़ियों के होर्डिंग्स लगाये जा रहे हैं. रोड शो निकाले जा रहे हैं.
असम से लेकर महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़, प. बंगाल से लेकर कर्नाटक और पंजाब, हिमाचल तक खिलाड़ियों को चीफ गेस्ट बनाकर नवाज़ा जा रहा है. इसी दौरान NDTV स्पोर्टस एडिटर विमल मोहन से लंबी EXCLUSIVE बात करते हुए दीप्ति शर्मा ने शाहरुख़ ख़ान से मिलने, बांह पर हनुमान जी के टैटू, प्रधानमंत्री मोदी के ‘डीएसपी' कहकर बुलाये जाने को लेकर खुलकर बात की कहा कि महिला क्रिकेट में नया सवेरा होने वाला है.
सवाल: क्रिकेट में एक कहावत है कि बल्लेबाज़ मैच जिताता है जबकि गेंदबाज़ टूर्नामेंट. दीप्ति आपने ऑलराउंडर के तौर पर कमाल का प्रदर्शन किया. वर्ल्ड कप जीत के जश्न की ख़बरों के बीच आप अपने भाई के योगदान के बारे में बतायें..
दीप्ति शर्मा: मेरे भाई सुमित का सैक्रिफाइस (बलिदान) तो है ही. इसके बारे में जितना बोलूं कम होगा. भाई ने नौकरी छोड़ दी और परिवार ने भी पूरा साथ दिया. भाई ने तो इसके लिए अपनी नौकरी तक छोड़ दी. इन सबके बिना मैं यहां तक नहीं पहुंच सकती थी. बचपन में भाई के क्रिकेट मैदान पर एक थ्रो के साथ मेरा क्रिकेट शुरू हुआ और फिर मैंने इसके बाद भाई के साथ बहुत मेहनत भी की. मैं बहुत लकी हूं कि मुझे ऐसा भाई मिला.
सवाल: आपके भाई कहते हैं कि वो बहुत लकी हैं कि उन्हें आपकी जैसी बहन मिली. आपने सेमीफ़ाइनल से पहले भी अपने भाई से बात भी की थी. आपने सेमीफ़ाइनल में जेमाइमा (रोड्रिगेज़) के लिए अपना विकेट जाने दिया.
दीप्ति शर्मा: बिल्कुल, क्योंकि जेमी सेट बैटर बनकर खेल रही थी. वो टीम को जीत की तरफ ले जा रही थी. टीम की जीत ज़रूरी थी. इसलिए उसकी जगह मैं रन आउट हुई और मैंने उससे कहा था कि वो काम पूरा करके ही आये.
सवाल: ये एक कम्प्लीट टीम के संघर्ष से कामयाबी की शानदार कहानी है. लेकिन जब टीम नॉक आउट से पहले तीन मैच हारी तो किसी ने इसे चांस नहीं दिया था. ये टीम कैसे एकजुट होकर खेली. इस टीम को एक रखने का सबसे बड़ा फ़ैक्टर क्या था जिसने इस टीम को हार से जीत का रास्ता दिखाकर बाज़ीगर बना दिया?
दीप्ति शर्मा: देखिए, वही टीम इंडियन टीम कहलाती है जो हार कर भी जीत जाए. हारना किसी भी टीम के साथ हो सकता है. हमारे लिए ज़रूरी था कि हम अपना फ़ोकस आनेवाले मैचों पर रखें. हारने पर तो सब एक-दूसरे को सपोर्ट करते ही हैं. हम हारने के बाद भी एक-दूसरे का साथ देते रहे. एक-दूसरे का हौसला बढ़ाते रहे. ऐसा करते हैं तभी अच्छा रिज़ल्ट आता है.
सवाल: जीत के बाद आप पीएम से मिलीं. पीएम ने आपको ‘डीएसपी' कहकर बुलाया..
दीप्ति शर्मा: बिल्कुल, हमलोग वर्ल्ड कप जीत के बाद प्रधानमंत्री मोदी जी से मिले.. तो उन्होंने मुझसे कहा और डीएसपी आप बतायें.. मुझे डीएसपी कहकर बुलाया. सबसे अच्छी बात ये है कि उन्हें सबके बारे में पता है. स्पेशली जब उन्हेंने मेरे हाथ पर ‘हनुमान जी' के टैटू के बारे में पूछा तो मैं हैरान हो गई. मुझे बहुत अच्छा लगा. उन्हें ये भी पता है कि मुझे खाने में पनीर पसंद है. कमाल की बात ये है कि इतना बिज़ी शेड्यूल होने के बावजूद वो सबके बारे में जानते हैं. ये सब जानकर बहुत अच्छा लगा. उन्होंने ये वर्ल्ड कप बहुत ही क्लोज़ली देखा. उनका भी सपोर्ट था कहीं ना कहीं.
सवाल: आपको सबसे बड़ा कॉम्पिलेमेंट क्या मिला. सबसे बड़ा सेलिब्रेशन क्या रहा है..
दीप्ति शर्मा: वर्ल्ड कप जीतने के बाद जो हमने कप उठाया उससे बड़ा सेलिब्रेशन कुछ नहीं हो सकता. वो मेरे जीवन का ऐसा लम्हा है जिसे मैं कभी नहीं भूलूंगी. बहुत सारे क्रिकेटर्स के मैसेज आये बहुत अच्छा लगा. विराट (कोहली) भैया का भी मैसेज आया तो वो बहुत ही अच्छा लगा.
सवाल: आपने वर्ल्ड कप फ़ाइनल में हाफ़ सेंचुरी और 5 विकेट लेने का रिकॉर्ड तो बनाया ही. आपने ओपनिंग करते हुए पूनम राउत के साथ भी पहले रिकॉर्ड पारी खेली है.. आप किसी भी लेवल पर बैटिंग कर सकती हैं..बॉलिंग करती हैं...आप का कमपैरिज़न हार्दिक पांड्या से भी होता है...टीम के लिए आप मिस डिपेंडेबल खिलाड़ी हैं..
दीप्ति शर्मा: मैं खुद को दीप्ति शर्मा के तौर पर ही जानी जाना चाहूंगी. बिल्कुल, मैं हर सिचुएशन के लिए तैयारी करती हूं. 5 ओवर बचे रहते हैं तो उसके लिए भी विज़ुअलाइज़ करती हूं. हर सिचुएश्न में टीम के लिए खेलने को तैयार रहती हूं.
सवाल: मॉडर्न क्रिकेट में विज़ुएलाइज़ेशन और मैनिफ़ेस्टेशन बहुत अहम हो गया है..
दीप्ति शर्मा: बिल्कुल, विज़ुएलाइज़ेशन बेहद अहम है. मैच चल रहा हो और डग आउट में हूं तब भी मैं ये विज़ुअलाइज़ करती रहती हूं कि नई गेंद हो, सेमी नई गेंद हो या पुरानी गेंद हो तो मेरे पास ऑप्शन्स (विकल्प) क्या होंगे. फ़ील्ड देख लेती हूं पहले ही, तो मैच में जाने से काम आसान हो जाता है.
सवाल: मैंने फाइनल के बाद देखा आपकी टीम ने एक गाना गया था..क्या था वो..
दीप्ति शर्मा: हमारी टीम ने एक टीम सॉन्ग बनाया था. चार साल पहले हमने ये बनाया था. बहुत ही इंस्पाइरिंग है. (“टीम इंडिया..टीम इंडिया ..कर दे सबकी हवा टाइट, टीम इंडिया इज़ हियर टू फाइट... कोई ना लेगा हमको लाइट.. ओSSS आवर फ्यूचर इज़ ब्राइट..साथ में चलेंगे, साथ में उठेंगे, हम हैं टीम इंडिया, हम साथ में जीतेंगे.. ना लेगा कोई पंगा, कर देंगे हम नंगा. रहेगा सबसे ऊपर, हमारा तिरंगा...हम हैं टीम इंडिया, हम हैं टीम इंडिया...हम हैं टीम इंडिया”). आप चाहें तो यूट्यूब पर इसे देख सकते हैं.
सवाल: आप यहां से टीम इंडिया को कहां तक जाता हुआ देखती हूं..
दीप्ति शर्मा: आगरा में मेरी फैमिली ने बताया कि होर्डिंग लगी है. अच्छी बात ये है कि अब इससे गांवों में भी महिला क्रिकेट के बारे में पता चल रहा है. कई लोगों ने हमारे मैच देखे. बताया जा रहा है कि फ़ाइनल का मैच मेन्स टी-20 की तरह देखा गया. मुझे नहीं लगता है कि इससे अच्छी कोई बात हो सकती है. छोटे-छोटे बच्चों ने भी हमारे मैच देखे. तो बहुत कुछ बदलाव होने वाला है महिला क्रिकेट में.
सवाल: मुझे बताया गया है कि आप शाहरुख़ ख़ान की फ़ैन हैं..
दीप्ति शर्मा: मैं और मेरी फ़ैमिली शाहरुख़ ख़ान की बहुत बड़ी फ़ैन हैं. उनकी सारी फिल्में कई बार देखते हैं. मैंने उनकी पिक्चर ओम शांति ओम पहली बार देखी थी. मैं उनसे मिलना चाहती हूं. शाहरुख़ ख़ान से मिलना मेरा सपना है!
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