"उस खिलाड़ी का नाम बताओ जिससे फोन करने की उम्मीद कर रहे थे" गावस्कर ने कोहली पूछा सीधा सवाल

"अगर उन्होंने कोई नाम लिया होता तो आप उस व्यक्ति से पूछ सकते हैं कि आपने उससे संपर्क किया है या नहीं. मैंने जो सुना है वह यह है कि वह केवल यह कह रहा है कि टेस्ट कप्तानी छोड़ने के बाद सिर्फ महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें फोन किया".

विराट के बयान के बाद सुनील गावस्कर ने दिया जवाब

नई दिल्ली:

भारत के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने सोमवार को कहा कि विराट कोहली को उस खिलाड़ी का नाम बताना चाहिए जिससे वह टेस्ट कप्तानी छोड़ने के बाद फोन करने की उम्मीद कर रहे थे और साथ ही यह भी बताएं कि वह किस तरह के संदेश का इंतजार कर रहे थे.

रविवार को एशिया कप के मैच में पाकिस्तान के हाथों भारत की पांच विकेट की हार के दौरान सर्वाधिक 60 रन बनाने वाले कोहली ने कहा कि पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को छोड़कर किसी भी पूर्व खिलाड़ी ने उन्हें फोन नहीं किया. कोहली ने मैच के बाद कहा,‘‘एक बात मैं आपको बताऊं कि जब मैंने टेस्ट कप्तानी छोड़ी तो सिर्फ एक व्यक्ति का मुझे संदेश आया और वह थे महेंद्र सिंह धोनी . उन्होंने कहा, कई लोगों के पास मेरा नंबर है और कई लोग टीवी पर राय देते हैं लेकिन जिन लोगों के पास मेरा नंबर है, उनमें से किसी और ने मुझे संदेश नहीं भेजा.

कोहली की शिकायत के बारे में पूछे जाने पर गावस्कर ने ‘स्पोर्ट्स तक' से कहा, ‘‘यह कहना बहुत मुश्किल है कि विराट किसका जिक्र कर रहे हैं? अगर उन्होंने कोई नाम लिया होता तो आप उस व्यक्ति से पूछ सकते हैं कि आपने उससे संपर्क किया है या नहीं. मैंने जो सुना है वह यह है कि वह केवल यह कह रहा है कि टेस्ट कप्तानी छोड़ने के बाद सिर्फ महेंद्र सिंह धोनी ने उन्हें फोन किया.'' उन्होंने कहा, ‘‘अगर वह पूर्व खिलाड़ियों के बारे में बात कर रहा है जो उसके साथ खेले हैं तो हम जानते हैं कि टीवी पर कौन आता है. उसे उस खिलाड़ी का नाम देना चाहिए जिसका वह जिक्र कर रहा है. उनसे पूछो क्या भाई आपने कोई संदेश नहीं भेजा.''


गावस्कर ने हालांकि इसके बाद कहा, ‘‘वह क्या संदेश चाहता था? प्रोत्साहन? लेकिन वह कप्तानी छोड़ चुका था तो उसे प्रोत्साहन की आवश्यकता क्यों थी? वह अध्याय (कप्तानी) पहले ही बंद हो चुका था.'' गावस्कर यह उल्लेख करना नहीं भूले कि जब उन्होंने 1985 में आस्ट्रेलिया में बेन्सन एंड हेजेस विश्व क्रिकेट चैंपियनशिप जीतने के बाद कप्तानी छोड़ी तो उनके लिए कोई विशेष संदेश या फोन नहीं आया था. उन्होंने कहा, ‘‘मैंने 1985 में (बी एंड एच) क्रिकेट विश्व चैम्पियनशिप के बाद कप्तानी छोड़ दी. उस रात हमने जश्न मनाया, एक-दूसरे को गले लगाया लेकिन इससे आगे आप और क्या उम्मीद करते हैं?''गावस्कर अर्शदीप सिंह को ट्रोल करने वालों को बहुत अधिक महत्व दिए जाने पर भी मुखर थे. अर्शदीप मैच के अंतिम ओवरों में आसिफ अली का एक आसान कैच लेने से चूक गए और इसके बाद उनके विकीपीडिया पेज के साथ छेड़छाड़ की गई.

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गावस्कर ने कहा, ‘‘किसी भी पूर्व क्रिकेटर ने अर्शदीप की आलोचना नहीं की है. ये लोग कौन हैं जो अर्शदीप की आलोचना कर रहे हैं. हमें उन्हें श्रेय देने की आवश्यकता क्यों हैं? उनमें से कितने स्टैंड में आने वाली गेंद को कैच कर सकते हैं. शायद ही कोई. तो उनकी टिप्पणी कैसे मायने रखती है.''