
महेंद्र सिंह धोनी (फाइल फोटो)
- एक इंटरव्यू में धोनी ने बताया कि 2007 में कैसे बने थे कप्तान
- कुल 199 वनडे मैचों कप्तानी में टीम इंडिया ने 110 मैच जीते
- मेरे योग्यता और गेम को परखने की निर्भरता पर मिली
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2007 में जब वह 26 साल के थे तब उन्हें नए फॉर्मेट टी-20 का कप्तान कैसे चुना गया, इसका खुलासा धोनी ने खुद एक इंटरव्यू में दिया. 'द प्रिंट' नाम के वेब पोर्टल को दिए गए इंटरव्यू में धोनी ने बताया कि मैं उस वार्तालाप या बैठक में नहीं था जब मुझे भारतीय टीम के कप्तान के रूप में चुना गया था. यह सबकुछ मेरे योग्यता और गेम को परखने की निर्भरता पर मिली.
उन्होंने आगे बताया कि अपने खेल (क्रिकेट) को पढ़ना एक महत्वपूर्ण बात है. उस वक्त मैं सबसे युवा खिलाड़ियों में से एक था. जब भी सीनियर खिलाड़ियों द्वारा मेरा दृष्टिकोण जानने की कोशिश की जाती थी तो मैं कभी भी अपनी बात रखने में हिचक नहीं करता था. उन्होंने आगे बताया कि उस वक्त की टीम सदस्यों के साथ मेरा व्यवहार सभी खिलाड़ियों के प्रति बेहद अच्छा रहा, शायद इन्हीं वजहों से मुझे नए फॉर्मेट का कप्तान बनाया.
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धोनी ने कुल 199 वनडे मैचों कप्तानी की, जिसमें टीम इंडिया ने 110 मैच जीते. धोनी की कप्तानी में घरेलू वनडे मैचों में कुल 73 में से 43 मैचों जीत हासिल की. वनडे में बैटिंग स्ट्राइक रेट व औसत की बात की जाए तो एबी डिविलियर्स के बाद धोनी दुनिया के दूसरे सफलतम कप्तान हैं. 199 मैचों की कप्तानी करते हुए धोनी ने कुल 6633 रन, जबकि डिविलियर्स ने 87 मैचों की कप्तानी में 4217 रन बनाए.
36 साल की उम्र में आज भले ही टी-20 मैच में आलोचकों के शिकार बन रहे हैं, लेकिन यह नहीं भूलना चाहिए कि पहले टी-20 वर्ल्ड कप दिलाने वाले महेंद्र सिंह धोनी ने करोड़ों फैन्स का दिल जीता था.
VIDEO: महेंद्र सिंह धोनी ने दिया आलोचकों को जवाब
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