
MS Dhoni Opens Up About Relationship With Father: धोनी (MS Dhoni) ने कंटेंट क्रिएटर राज समानी को इंटव्यू दिया है. राज समानी के साथ धोनी ऐप पर पॉडकास्ट करते हुए माही ने अपने बचपन को लेकर बात की और ये भी कहा कि उनका बचपन किस तरह से बिता है. उन्होंने इंटरव्यू में अपने पिता को लेकर भी बात की और खुलासा किया कि वो बचपन में अपने पिता से काफी डरते थे. बता दें कि धोनी इस समय आईपीएल खेल रहे हैं और हाल ही में दिल्ली कैपिटल्स के खिलाफ मैच के दौरान माही के माता-पिता पान सिंह और देवकी देवी एमए चिदंबरम स्टेडियम में मौजूद थे. जिसके बाद ये कयास लगने लगे थे कि क्या यह धोनी का आईपीएल में आखिरी मैच है. लेकिन क्रिएटर राज समानी के इंटरव्यू में धोनी ने अपने रिटायरमेंट पर बात की और कहा कि अभी वो इस बारे में नहीं सोच रहे हैं.
धोनी ने podcaster राज समानी के साथ एक पॉडकास्ट में साफ कर दिया, "मैं अभी आईपीएल खेल रहा हूं. मैंने चीज़ें बेहद सरल रखी हैं. एक समय में एक साल पर फोकस करुंगा. मैं 43 का हूं. इस सीजन को खत्म करने के साथ जुलाई में 44 का हो जाऊंगा. इस लिए मेरे पास 10 महीने का वक्त होगा..ये तय करने के लिए कि मैं एक और साल खेलूं कि नहीं. ये मैं नहीं मेरा शरीर फैसला करेगा कि मैं आगे खेलूं या नहीं."

कभी नहीं सोचा था कि भारत के लिए खेल पाउंगा
धोनी ने अपने क्रिकेट जर्नी पर भी बात की और कहा कि, "उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वो क्रिकेटर बन पाएंगे. रांची में रहता था. पहले बिहार था अब झारखंड हैं. हमारे तरफ क्रिकेट करियर का इतिहास नहीं रहा है. जब मैं स्कूल में था तो उस समय यह मैंने कभी नहीं सोचा था कि इंडिया के लिए खेलूंगा. जब हम लोग स्कूल में थे तो टेनिस बॉल से भी खेलता था और समय मैं बॉलिंग किया करता था."
इंटरव्यू में माही ने आगे कहा, "उस समय मैं छोटा सा था-पतला दुबला था. तब मुझसे कहा गया कि तू विकेटकीपिंग कर..मैं हमेशा अपने से ऊपर वाले लोगों के खिलाफ क्रिकेट खेला करता था. मेरे उम्र के लड़के बहुत कम थे जो क्रिकेट खेला करते थे. इसलिए अपने से बड़े लोगों के साथ क्रिकेट खेलना मेरे लिए काफी अहम रहा. सीनियर के साथ खेलने से मुझे मदद मिली. उसके अलावा कुछ नहीं किया. पापा से डर बहुत लगता था. वो हमेशा पंक्चुअल रहते थे. मैं भी पापा की तरह ही हूं..

पापा से डर लगता था..
धोनी ने अपने पिता को लेकर आगे कहा, "वो बहुत सख्त थे. हमेशा अनुशासित रहते थे..हमेशा समय पर आना चाहिए था.. लेकिन यही कारण है कि मैं भी अनुशासित हूं. ऐसा नहीं है कि वो हमें पीटते थे या कुछ और.. लेकिन उनका डर हमारे में बना रहता था. मेरे दोस्त कॉलोनी में दीवारों पर चढ़ जाते थे, लेकिन मैंने कभी हिम्मत नहीं की. अगर मेरे पिता ने देख लिया, तो क्या होगा. हमें कभी नहीं पता था कि परिणाम क्या होंगे, लेकिन फिर भी हम डरते थे."
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