
World Cup 2023 के लिए अकदम से प्रबल दावेदार बन गए भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज के शुरुआती मुकाबले में मोहाली में उतरे, यह पिछले एक साल और आठ महीने में पहला मौका रहा, जब वह पचास ओवरों के फॉर्मेट में टीम इंडिया किा हिस्सा बने. 37 साल के अश्विन ने आखिरी वनडे मुकाबला 21 जनवरी 2022 को खेला था. उन्हें लेफ्टी स्पिनर अक्षर पटेल के चोटिल होने के बाद बैक-अप के तौर पर टीम में लाया गया है, लेकिन एक बड़ा वर्ग उन्हें World Cup 2023 टीम में जगह देने की मांग कर रहा है.
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कंगारुओं के खिलाफ मैच से पहले अश्विन ने अपनी "वापसी यात्रा" पर खुलासा करते हुए कहा, "विंडीज दौरा खत्म होने के बाद प्रबंधन ने उन्हें कॉन्फिडेंस में लिया हुआ था. प्रबंधन ने उनसे अवसर मिलने पर पूरी तरह तैयार रहने के लिए कह दिया था. उन्होंने कहा कि मैं विंडीज से वापस आया, ब्रेक लिया और कुछ क्लब मैच खेले. प्रबंधन मुझसे संपर्क में था. मुझसे कहा गया था कि कभी भी मौका आ सकता है. आप तैयार रहिए.
अश्विन बोले कि ऐसे मे मैंने कुछ सेशन बॉलिंग की. और अब मैं बिना दबाव लिए इस मिले सुनहरे अवसर का पूरी तरह से लुत्फ उठाना चाहता हूं. ऑफी ने कहा कि यह मेरे लिए बहुत ही बड़ा मौका है. जैसा कि मैंने पिछले 3-4 साल में हमेशा ही कहा है कि महत्व इसका नहीं है कि मैं इन अवसरों से क्या हासिल करना चाहता हूं. महत्वपूर्ण यह है कि मैं खुद को आनंदित महसूस करने के लिए सर्वश्रेष्ठ मौका देना चाहता हूं.
वनडे मैचों में अश्विन का औसत 33. 49 और इकॉनमी रन-रेट 4.94 का रहा है. दरअसल टीम का चयन होने के बाद ऑफ स्पिनर की साफ कमी महसूस हुई, तो वहीं पूर्व क्रिकेटरों की आलोचना ने भी चयन समिति पर दबाव बना दिया. ऐसे में अक्षर चोटिल हुए, तो BCCI ने अश्विन और वॉशिंगटन को तुरंत टीम से जोड़ दिया. ध्यान दिला दें कि अश्विन साल 2011 और 2015 World Cup का भी हिस्सा रह चुके हैं. उन्होंने मेगा इवेंट के 10 मैचो में 17 विकेट चटकाए हैं.
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