
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (CM Devendra Fadnavis) ने रविवार को सिंधुदुर्ग जिले के राजकोट में छत्रपति शिवाजी महाराज (Chhatrapati Shivaji Maharaj) की प्रतिमा के पूजा और दर्शन कार्यक्रम में भाग लिया. इस मौके पर फडणवीस ने कहा कि मुझे खुशी है कि छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा एक बार फिर गौरव और भव्यता के साथ खड़ी है.
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस कहा कि उन्हें इस बात की खुशी और संतुष्टि है कि राजकोट में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा एक बार फिर पहले से अधिक ऊंची, गौरवशाली और भव्य हो गई है. पिछले दिनों हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद रिकॉर्ड समय में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को पुनः स्थापित करने का निर्णय लिया गया. मुख्यमंत्री फडणवीस ने लोक निर्माण विभाग को बधाई देते हुए कहा कि आज छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा की पूजा की गई.

शिवाजी महाराज की 60 फीट ऊंची प्रतिमा
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने कहा कि कोंकण में विभिन्न प्रकार के तूफान आते हैं. इन तूफानों की तीव्रता का अध्ययन करने के बाद प्रतिमा को इस प्रकार डिजाइन किया गया है कि यह अधिक तीव्रता वाले तूफानों में भी खड़ी रह सके. यह संभवतः देश में छत्रपति शिवाजी महाराज की सबसे ऊंची प्रतिमा है. इस मूर्ति की ऊंचाई 60 फीट, तलवार सहित ऊंचाई 83 फीट और जमीन से पूरी संरचना की ऊंचाई 93 फीट है. यह प्रतिमा इतनी मजबूत है कि किसी भी वातावरण में कम से कम 100 वर्षों तक टिकी रह सकती है. मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि जिन लोगों ने प्रतिमा स्थापित की है, उन्हें ही इसके रखरखाव की जिम्मेदारी भी दी गई है.

कोकण के विकास को प्राथमिकता: फडणवीस
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस क्षेत्र में उपलब्ध भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा और अन्य व्यवस्था की जाएगी. मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि क्षेत्र का विकास इस तरह किया जाएगा कि यहां आने वाले पर्यटक स्वराज्य का अनुभव कर सकें और यहां की भव्यता देख सकें. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोंकण के विकास को प्राथमिकता दे रही है.
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सहित राज्य सरकार के कई मंत्री और अन्य लोग मौजूद थे.
विपक्ष ने सरकार पर बोला था हमला
इस किले में दिसंबर 2023 में स्थापित एक प्रतिमा कुछ महीने बाद ही पिछले साल 26 अगस्त को ढह गई थी, जिसके बाद विपक्ष ने महाराष्ट्र सरकार पर तीखा हमला बोला था. विपक्ष ने निर्माण में भ्रष्टाचार होने का आरोप लगाया था और दावा किया था कि यह घटना महान योद्धा राजा का अपमान है.
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