कोच्चि:
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में स्पॉट फिक्सिंग के दोषी पाए जाने के बाद आजीवन प्रतिबंध की सजा पाने वाले टेस्ट खिलाड़ी शांताकुमारन श्रीसंत बहुत निराश और हताश हैं लेकिन इन सबके बीच उन्होंने जोरदार वापसी की इच्छा जाहिर की है।
श्रीसंत बार-बार यही कह रहे हैं कि वह निर्दोष हैं और साजिश का शिकार हुए हैं। श्रीसंत ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा शुक्रवार को आजीवन प्रतिबंध की सजा मिलने के बाद भी खुद को निर्दोष बताया था और दिल्ली से कोच्चि पहुंचने के बाद भी उन्होंने खुद को बेकसूर करार दिया।
श्रीसंत ने कोच्चि में कहा, "बीसीसीआई का फैसला मेरे जीवन का सबसे बड़ा झटका है। मैं इससे बहुत निराश हूं। मैं इस खराब दौर से निकलते हुए जोरदार वापसी का प्रयास करूंगा।"
श्रीसंत ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा, "मुझ पर भरोसा रखिए..मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि मैं बहुत जल्द खुद को बेकसूर साबित कर दूंगा..मैं इससे जरूर बाहर निकलूंगा..मुझे पूरा यकीन है। ईश्वर महान है।"
उल्लेखनीय है कि बीसीसीआई की अनुशासन समिति ने आईपीएल से जुड़े स्पॉट फिक्सिंग मामले में दोषी पाए जाने के बाद श्रीसंत और राजस्थान रॉयल्स टीम के उनके साथ अंकित चव्हाण पर आजीवन प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था।
बोर्ड ने इसी मामले में शामिल अमित सिंह पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया जबकि राजस्थान रॉयल्स के ही तेज गेंदबाज सिद्धार्थ त्रिवेदी को सच को छुपाने के लिए एक साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।
युवा स्पिन गेंदबाज हरमीत सिंह को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया जबकि इस मामले में जेल में बंद राजस्थान रॉयल्स टीम के ही अजीत चंदीला को लेकर सुनवाई बाद में की जाएगी।
त्रिवेदी और हरमीत सिंह को सटोरियों द्वारा सम्पर्क किए जाने के बाद इस मामले की जानकारी बोर्ड को नहीं देने का दोषी पाया है। इन दोनों के खिलाफ भी एक से पांच साल के प्रतिबंध की बात कही गई थी।
ये सभी खिलाड़ी बीसीसीआई की भ्रष्टाचार निरोधी इकाई के प्रमुख रवि सावानी के नेतृत्व वाली जांच समिति द्वारा स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाए गए थे।
सावानी ने अपनी रिपोर्ट में इन चार खिलाड़ियों को 'मैच फिक्सिंग' और 'स्पॉट फिक्सिंग' का दोषी बताते हुए इन पर पांच साल से लेकर आजीवन प्रतिबंध लगाने की बात कही थी।
श्रीसंत बार-बार यही कह रहे हैं कि वह निर्दोष हैं और साजिश का शिकार हुए हैं। श्रीसंत ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड द्वारा शुक्रवार को आजीवन प्रतिबंध की सजा मिलने के बाद भी खुद को निर्दोष बताया था और दिल्ली से कोच्चि पहुंचने के बाद भी उन्होंने खुद को बेकसूर करार दिया।
श्रीसंत ने कोच्चि में कहा, "बीसीसीआई का फैसला मेरे जीवन का सबसे बड़ा झटका है। मैं इससे बहुत निराश हूं। मैं इस खराब दौर से निकलते हुए जोरदार वापसी का प्रयास करूंगा।"
श्रीसंत ने शनिवार को ट्विटर पर लिखा, "मुझ पर भरोसा रखिए..मैं इस बात को लेकर आश्वस्त हूं कि मैं बहुत जल्द खुद को बेकसूर साबित कर दूंगा..मैं इससे जरूर बाहर निकलूंगा..मुझे पूरा यकीन है। ईश्वर महान है।"
उल्लेखनीय है कि बीसीसीआई की अनुशासन समिति ने आईपीएल से जुड़े स्पॉट फिक्सिंग मामले में दोषी पाए जाने के बाद श्रीसंत और राजस्थान रॉयल्स टीम के उनके साथ अंकित चव्हाण पर आजीवन प्रतिबंध लगाने का फैसला किया था।
बोर्ड ने इसी मामले में शामिल अमित सिंह पर पांच साल का प्रतिबंध लगाया जबकि राजस्थान रॉयल्स के ही तेज गेंदबाज सिद्धार्थ त्रिवेदी को सच को छुपाने के लिए एक साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया है।
युवा स्पिन गेंदबाज हरमीत सिंह को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया जबकि इस मामले में जेल में बंद राजस्थान रॉयल्स टीम के ही अजीत चंदीला को लेकर सुनवाई बाद में की जाएगी।
त्रिवेदी और हरमीत सिंह को सटोरियों द्वारा सम्पर्क किए जाने के बाद इस मामले की जानकारी बोर्ड को नहीं देने का दोषी पाया है। इन दोनों के खिलाफ भी एक से पांच साल के प्रतिबंध की बात कही गई थी।
ये सभी खिलाड़ी बीसीसीआई की भ्रष्टाचार निरोधी इकाई के प्रमुख रवि सावानी के नेतृत्व वाली जांच समिति द्वारा स्पॉट फिक्सिंग का दोषी पाए गए थे।
सावानी ने अपनी रिपोर्ट में इन चार खिलाड़ियों को 'मैच फिक्सिंग' और 'स्पॉट फिक्सिंग' का दोषी बताते हुए इन पर पांच साल से लेकर आजीवन प्रतिबंध लगाने की बात कही थी।
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