लखनऊ:
इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट शृंखला के पहले दो टेस्ट के लिए सोमवार को घोषित टीम से बाहर किए गए प्रतिभाशाली बल्लेबाज सुरेश रैना के कोच दीपक शर्मा का मानना है कि प्रदर्शन में निरंतरता की कमी के कारण ही उनके शिष्य ने टीम में गंवाई है। उन्होंने हालांकि उम्मीद जताई कि रैना जल्द ही वापसी करेगा।
क्रिकेट की बाइबल कही जाने वाली किताब ‘विजडन’ में प्रशंसा पा चुके बाएं हाथ के बल्लेबाज रैना को इस खेल का ककहरा सिखाने वाले कोच शर्मा ने ‘भाषा’ से बातचीत में कहा कि रैना निश्चित रूप से बेहद प्रतिभाशाली हैं लेकिन प्रदर्शन में निरंतरता की कमी उनकी राह का सबसे बड़ा रोड़ा है।
उन्होंने कहा कि टेस्ट टीम में अपना स्थान पक्का करने के लिए लगातार बड़े स्कोर बनाना जरूरी है और दुर्भाग्य से रैना ऐसा नहीं कर सके हैं। शायद इसीलिये वह टेस्ट क्रिकेटर के तौर पर चयनकर्ताओं का भरोसा नहीं जीत सके। रैना को रणजी ट्राफी मुकाबलों में बड़े स्कोर बनाने होंगे।
गौरतलब है कि 17 टेस्ट मैचों में एक शतक और सात अर्द्धशतक की मदद से 28.44 की औसत से 768 रन बना चुके रैना को इंग्लैंड के खिलाफ 15 नवंबर से शुरू होने वाली टेस्ट शृंखला के पहले दो टेस्ट मैचों के लिये भारतीय टीम में नहीं चुना गया है।
जुलाई 2005 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले रैना ने खूब प्रशंसा बटोरी थी। इतनी प्रतिभा होने के बावजूद टेस्ट टीम में स्थान पक्का नहीं कर पाने के कारण के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा कि रैना की तकनीक में कोई खामी नहीं है, बस उन्हें अपने लिए एक सटीक ‘योजना’ की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि आज के युग में किसी भी खिलाड़ी को टेस्ट, एकदिवसीय तथा टी-20 प्रारूप में ढालना बहुत जरूरी है। ऐसे में प्रदर्शन में निरंतरता बनाए रखना बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है।
शर्मा ने कहा कि रैना इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट शृंखला के लिए भारतीय टीम में नहीं चुने जाने से आहत जरूर हैं लेकिन उन्हें विश्वास है कि उनका शिष्य रणजी मुकाबलों में बेहतरीन प्रदर्शन करके टीम में वापस जगह बना लेगा। उन्होंने कहा कि रैना जल्द ही लखनऊ आएंगे तो वह उन्हें टेस्ट टीम में जगह पक्की करने के लिए कुछ ‘गुरुमंत्र’ देंगे।
क्रिकेट की बाइबल कही जाने वाली किताब ‘विजडन’ में प्रशंसा पा चुके बाएं हाथ के बल्लेबाज रैना को इस खेल का ककहरा सिखाने वाले कोच शर्मा ने ‘भाषा’ से बातचीत में कहा कि रैना निश्चित रूप से बेहद प्रतिभाशाली हैं लेकिन प्रदर्शन में निरंतरता की कमी उनकी राह का सबसे बड़ा रोड़ा है।
उन्होंने कहा कि टेस्ट टीम में अपना स्थान पक्का करने के लिए लगातार बड़े स्कोर बनाना जरूरी है और दुर्भाग्य से रैना ऐसा नहीं कर सके हैं। शायद इसीलिये वह टेस्ट क्रिकेटर के तौर पर चयनकर्ताओं का भरोसा नहीं जीत सके। रैना को रणजी ट्राफी मुकाबलों में बड़े स्कोर बनाने होंगे।
गौरतलब है कि 17 टेस्ट मैचों में एक शतक और सात अर्द्धशतक की मदद से 28.44 की औसत से 768 रन बना चुके रैना को इंग्लैंड के खिलाफ 15 नवंबर से शुरू होने वाली टेस्ट शृंखला के पहले दो टेस्ट मैचों के लिये भारतीय टीम में नहीं चुना गया है।
जुलाई 2005 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में पदार्पण करने वाले रैना ने खूब प्रशंसा बटोरी थी। इतनी प्रतिभा होने के बावजूद टेस्ट टीम में स्थान पक्का नहीं कर पाने के कारण के बारे में पूछे जाने पर शर्मा ने कहा कि रैना की तकनीक में कोई खामी नहीं है, बस उन्हें अपने लिए एक सटीक ‘योजना’ की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि आज के युग में किसी भी खिलाड़ी को टेस्ट, एकदिवसीय तथा टी-20 प्रारूप में ढालना बहुत जरूरी है। ऐसे में प्रदर्शन में निरंतरता बनाए रखना बेहद चुनौतीपूर्ण हो गया है।
शर्मा ने कहा कि रैना इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट शृंखला के लिए भारतीय टीम में नहीं चुने जाने से आहत जरूर हैं लेकिन उन्हें विश्वास है कि उनका शिष्य रणजी मुकाबलों में बेहतरीन प्रदर्शन करके टीम में वापस जगह बना लेगा। उन्होंने कहा कि रैना जल्द ही लखनऊ आएंगे तो वह उन्हें टेस्ट टीम में जगह पक्की करने के लिए कुछ ‘गुरुमंत्र’ देंगे।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं