नई दिल्ली:
DDCA में भ्रष्टाचार के खुलासे का दावा करते हुए भाजपा सांसद और पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि DDCA ने कई फर्जी कंपनियों से करार कर करोड़ों रुपये दिए। DDCA में किराये पर लिए गए सामान पर बड़ी फिजूलखर्ची की गई। यहां तक की DDCA ने प्रिंटरों और कंप्यूटरों तक को भारी कीमत पर किराए पर लिया।
डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चला रहे बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद ने रविवार को पत्रकार सम्मेलन को संबोधित किया, लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली का एक बार भी नाम नहीं लिया। डीडीसीए मामले की जांच ईडी और प्रवर्तन निदेशालय से कराने की मांग करते हुए आजाद ने इस मुद्दे को जेटली के साथ जोड़ने से इनकार किया।
पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी और सुरिंदर खन्ना के साथ पत्रकार सम्मेलन में मौजूद आजाद ने कहा कि उनके सैद्धांतिक अभियान में कोई निजी लड़ाई नहीं है, लेकिन उन्होंने वीडियो फुटेज भी दिखाई। डीडीसीए की 2011-12 की एजीएम की इस फुटेज में आजाद को जेटली से सवाल करते हुए कथित तौर पर दिखाया गया है। उस वक्त जेटली अध्यक्ष थे।
(ये आरोप कीर्ति आजाद द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए गए हैं। NDTV इनकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।)
बिहार के दरभंगा से लोकसभा सदस्य कीर्ति आजाद का यह पत्रकार सम्मेलन उस वक्त हुआ, जब आम आदमी पार्टी के नेताओं और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेटली पर डीडीसीए का 14 साल तक अध्यक्ष रहने के दौरान भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है।
जेटली ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि यह केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले से ध्यान भटकाने का प्रयास है। सीबीआई ने राजेंद्र कुमार से पूछताछ की है।
बार-बार यह पूछे जाने पर कि वह जेटली का नाम क्यों नहीं ले रहे हैं और वित्त मंत्री के खिलाफ उनके क्या आरोप हैं तो आजाद ने कहा, यह सिद्धांतों का मामला है और हम यह लड़ाई बीते नौ सालों से लड़ रहे हैं।
इस बीच ख़बर आ रही है कि DDCA ने वित्तीय अनियमितताओं की बात मान ली है। DDCA ने इसके लिए अपने पुराने प्रमुख स्नेह बंसल पर आरोप लगाया है और कहा है कि उन्होंने फंड्स में घोटाला किया। DDCA ने कहा कि स्नेह बंसल के खिलाफ कार्रवाई की गई और उनसे पैसा वसूला गया।
(ये भी पढें- क्रिकेट में फैले भ्रष्टाचार पर 'आजाद जुबान' रखने वाले कीर्ति के बारे में खास बातें)
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कीर्ति आजाद द्वारा कही गई बातों के मुख्य अंश-
डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम चला रहे बीजेपी सांसद कीर्ति आजाद ने रविवार को पत्रकार सम्मेलन को संबोधित किया, लेकिन वित्त मंत्री अरुण जेटली का एक बार भी नाम नहीं लिया। डीडीसीए मामले की जांच ईडी और प्रवर्तन निदेशालय से कराने की मांग करते हुए आजाद ने इस मुद्दे को जेटली के साथ जोड़ने से इनकार किया।
पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी और सुरिंदर खन्ना के साथ पत्रकार सम्मेलन में मौजूद आजाद ने कहा कि उनके सैद्धांतिक अभियान में कोई निजी लड़ाई नहीं है, लेकिन उन्होंने वीडियो फुटेज भी दिखाई। डीडीसीए की 2011-12 की एजीएम की इस फुटेज में आजाद को जेटली से सवाल करते हुए कथित तौर पर दिखाया गया है। उस वक्त जेटली अध्यक्ष थे।
(ये आरोप कीर्ति आजाद द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस में लगाए गए हैं। NDTV इनकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।)
बिहार के दरभंगा से लोकसभा सदस्य कीर्ति आजाद का यह पत्रकार सम्मेलन उस वक्त हुआ, जब आम आदमी पार्टी के नेताओं और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेटली पर डीडीसीए का 14 साल तक अध्यक्ष रहने के दौरान भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है।
जेटली ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि यह केजरीवाल के प्रधान सचिव राजेंद्र कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले से ध्यान भटकाने का प्रयास है। सीबीआई ने राजेंद्र कुमार से पूछताछ की है।
बार-बार यह पूछे जाने पर कि वह जेटली का नाम क्यों नहीं ले रहे हैं और वित्त मंत्री के खिलाफ उनके क्या आरोप हैं तो आजाद ने कहा, यह सिद्धांतों का मामला है और हम यह लड़ाई बीते नौ सालों से लड़ रहे हैं।
इस बीच ख़बर आ रही है कि DDCA ने वित्तीय अनियमितताओं की बात मान ली है। DDCA ने इसके लिए अपने पुराने प्रमुख स्नेह बंसल पर आरोप लगाया है और कहा है कि उन्होंने फंड्स में घोटाला किया। DDCA ने कहा कि स्नेह बंसल के खिलाफ कार्रवाई की गई और उनसे पैसा वसूला गया।
(ये भी पढें- क्रिकेट में फैले भ्रष्टाचार पर 'आजाद जुबान' रखने वाले कीर्ति के बारे में खास बातें)
प्रेस कॉन्फ्रेंस में कीर्ति आजाद द्वारा कही गई बातों के मुख्य अंश-
- मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके अभियान का बड़ा प्रशंसक हूं।
- मैं सिर्फ भंडाफोड़ करना जानता हूं।
- हमारा विरोध किसी से व्यक्तिगत नहीं, सिर्फ करप्शन के विरुद्ध।
- DDCA ने कई फर्जी कंपनियों से करार किए।
- जिन कंपनियों से करार किए गए, उनके पते फर्जी निकले।
- किराये पर लिए सामान पर फ़िज़ूलख़र्ची।
- फ़र्ज़ी कंपनियों से क़रार कर करोड़ों दिए।
- प्रिंटर, कंप्यूटर पर किराए में फ़िज़ूलखर्ची।
- फ़र्ज़ी सप्लायरों को करोड़ों रुपये दिए।
- DDCA से जुड़ी 14 फर्जी कंपनियां सामने आईं।
- 24 करोड़ का ठेका बढ़कर पहले 57 करोड़ रुपये हुआ।
- DDCA के ऑडिटर ने भी खातों में फर्जीवाड़ा किया।
- सप्लायरों को DDCA के बिलों में फर्जीवाड़ा। (इनपुट एजेंसी से)
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