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'शमी साहब...', मोहम्मद शमी के विवाद में जावेद अख्तर की हुई एंट्री, कह दी बड़ी बात

Javed Akhtar Support Mohammed Shami: जावेद अख्तर ने मोहम्मद शमी का बचाव किया है. उनका कहना है कि आप (मोहम्मद शमी) देश के महान भारतीय टीम में से एक हैं, जो हम सभी को गौरवान्वित महसूस करा रही है.

'शमी साहब...', मोहम्मद शमी के विवाद में जावेद अख्तर की हुई एंट्री, कह दी बड़ी बात
Javed Akhtar

Javed Akhtar Support Mohammed Shami: आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 का रोमांच अपने चरम पर है. टूर्नामेंट का निर्णायक यानी कि फाइनल मुकाबला भारत और न्यूजीलैंड के बीच नौ मार्च को दुबई स्थित दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेला जाएगा. अहम मुकाबले से पूर्व देश के दिग्गज तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी मुस्लिम धर्मगुरुओं के निशाने पर आ गए हैं. उन्होंने शमी के मैदान में एनर्जी ड्रिंक पीने पर सवाल उठाया है. यही नहीं कुछ लोगों ने स्टार तेज गेंदबाज की आलोचना भी की है. जिसपर देश के जाने माने गीतकार जावेद अख्तर ने अपना विचार साझा किया है. 

बॉलीवुड स्टार ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट करते हुए लिखा है, 'शमी साहब, उन कट्टर मूर्खों की परवाह मत कीजिए, जिन्हें दुबई के क्रिकेट ग्राउंड में आपके पीने के पानी से कोई समस्या है. इस कार्य से उनका कोई लेना देना नहीं है. आप देश के महान भारतीय टीम में से एक हैं, जो हम सभी को गौरवान्वित महसूस करा रही है. आपको और हमारी पूरी टीम को मेरी तरह से शुभकामनाएं.'

एनर्जी ड्रिंक पीने की वजह से लोगों के निशाने पर हैं मोहम्मद शमी 

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार मार्च को दुबई में सेमीफाइनल मुकाबला खेला गया था. जहां गेंदबाजी के दौरान थकावट और प्यास लगने के बाद शमी को एनर्जी ड्रिंक पीते हुए देखा गया था. उसी के बाद से कुछ मुस्लिम धर्मगुरुओं ने शमी के ऊपर सवाल उठाए हैं.

आपको बता दें कि मौजूदा समय में मुस्लिम समुदाय का पवित्र महीना रमजान चल रहा है. पाक महीने में मुस्लिम भाई रोजा रखते हैं. उन्हें उम्मीद थी कि शमी भी रीति रिवाज का पालन करेंगे, लेकिन शमी ने पहले अपने कर्तव्य को चुना और देश के लिए शिरकत करने का फैसला लिया. 

अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने जताई थी आपत्ति 

बरेली के ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने भारतीय तेज गेंदबाज के एनर्जी ड्रिंक पीने पर आपत्ति जताई थी. उनका कहना है कि इस्लाम में रोजा रखना एक फर्ज है. अगर कोई जानबूझकर रोजा नहीं रखता है तो वह गुनाह का रहा है. इसका जवाब अल्लाह को देखना होगा. 

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