अपने जमाने के दिग्गज ऑलराउंडर कपिल देव ने कहा कि वह गुंडप्पा विश्वनाथ को अपने बचपन का आदर्श मानते हैं और इस महान बल्लेबाज को अपने सामने खेलते हुए देखने से पहले रेडियो कमेंट्री में उनकी बल्लेबाजी के बारे में सुनते थे. हिंदी खेल कमेंटेटर स्वर्गीय जसदेव सिंह की आत्मकथा ‘ऑन द विंग्स ऑफ रेडियो वेव्स - ए ब्रॉडकास्टर जर्नी' का विमोचन करते हुए कपिल ने कहा, ‘गुंडप्पा विश्वनाथ क्रिकेट में मेरे बचपन के आदर्श थे और रेडियो पर कमेंट्री सुनकर मैंने अपने मन में उनकी छवि बनायी थी. यह उससे कई साल पहले की बात है जब मैंने उन्हें अपने सामने बल्लेबाजी करते देखा.'
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यह पुस्तक जसदेव की हिंदी में आत्मकथा ‘मैं जसदेव सिंह बोल रहा हूं', का अंग्रेजी संस्करण है. इसे उनके बेटे गुरदेव सिंह ने संकलित और संपादित किया है. कपिल ने कहा, ‘मैं रेडियो पर आंखों देखा हाल सुनता था जिससे कलात्मक बल्लेबाज विश्वनाथ की मेरे दिमाग में छवि बन गयी थी. कमेंटेटर जिस तरह से उनके व्यक्तित्व और बल्लेबाजी का बखान करते थे, उससे वह मेरे लिये दुनिया के सबसे बड़े खिलाड़ी बन गये थे.'
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उन्होंने कहा, ‘खेल के टेलीविजन के जरिये घरों तक पहुंचने से पहले मेरी तरह कई युवाओं ने खिलाड़ियों को अपना आदर्श मानना शुरू कर दिया था.' जब कपिल ने 1978 में टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया तो विश्वनाथ भारतीय टीम के अहम सदस्य थे। बाद में ये दोनों कई वर्ष तक साथ में खेले.
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