सचिन तेंदुलकर ने विराट कोहली की टीम के क्षेत्ररक्षण की जमकर सराहना की है (फाइल फोटो)
कोलकाता:
क्रिकेट के 'भगवान' कहे जाने वाले मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर मौजूदा टीम इंडिया के फील्डिंग के ऊंचे स्तर से बेहद खुश हैं. टीम इंडिया की फील्डिंग की जमकर प्रशंसा करते हुए सचिन ने कहा कि भारतीय टीम इस समय जिस तरह से इस समय फील्डिंग कर रही है उसे देखने में मजा आता है. यही नहीं, सचिन यह का मानना है कि फील्डिंग के क्षेत्र में विराट कोहली की टीम इस समय दुनिया की श्रेष्ठ टीमों के साथ खड़ी है.
कोलकाता मैराथन के कार्यक्रम में आए तेंदुलकर ने कहा, 'हम इस समय फील्डिंग के क्षेत्र में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक है. इन सभी खिलाड़ियों को फील्डिंग करते हुए देखने में मजा आता है. फील्डिंग करते समय इनका आक्रामक अंदाज देखते ही बनता है.' मौजूदा समय और अपने समय के दौरान के क्षेत्ररक्षण के स्तर की तुलना करते हुए सचिन ने कहा, 'हमारे समय में फिटनेस कार्यक्रम थोड़ा सा अलग था. उस समय इतनी जानकारी नहीं थी. समय के साथ नई चीजों के बारे में पता चला और धीरे-धीरे यह फिटनेस कार्यक्रम का हिस्सा बनती चली गईं.' सचिन ने कहा कि अच्छी फील्डिंग करने के लिए दिमाग और शरीर का एक साथ काम करना जरूरी है.
उन्होंने कहा, "मानसिक तौर पर आक्रामक होना एक चीज है. ,एक अन्य महत्वपूर्ण बात यह है कि आपका शरीर भी दिमाग के साथ काम करना चाहिए और यह तभी मुमकिन हो सकता है जब आप फिट हों और लगातार अभ्यास करें." कोलकाता मैराथन से जुड़े तेंदुलकर ने कहा कि वह आयोजकों द्वारा दिए गए प्रस्ताव को ठुकरा नहीं पाए क्योंकि वह हमेशा से ही फिटनेस गतिविधियों से जुड़े रहते हैं. उन्होंने कहा, 'जहां तक मैदान पर की जाने वाली गतिविधियों का सवाल है, मैं हमेशा से ही इनके समर्थन में रहता हूं. आज की पीढ़ी एक जगह पर बैठकर सब कुछ हासिल कर सकती है. वीडियो गेम, कम्प्यूटर और इंटरनेट जैसी कई चीजों से वह अपने आप को व्यस्त रख सकते हैं लेकिन लोगों को घर के बाहर जा कर भी खेलना चाहिए.' (एजेंसी से भी इनपुट)
कोलकाता मैराथन के कार्यक्रम में आए तेंदुलकर ने कहा, 'हम इस समय फील्डिंग के क्षेत्र में दुनिया की सर्वश्रेष्ठ टीमों में से एक है. इन सभी खिलाड़ियों को फील्डिंग करते हुए देखने में मजा आता है. फील्डिंग करते समय इनका आक्रामक अंदाज देखते ही बनता है.' मौजूदा समय और अपने समय के दौरान के क्षेत्ररक्षण के स्तर की तुलना करते हुए सचिन ने कहा, 'हमारे समय में फिटनेस कार्यक्रम थोड़ा सा अलग था. उस समय इतनी जानकारी नहीं थी. समय के साथ नई चीजों के बारे में पता चला और धीरे-धीरे यह फिटनेस कार्यक्रम का हिस्सा बनती चली गईं.' सचिन ने कहा कि अच्छी फील्डिंग करने के लिए दिमाग और शरीर का एक साथ काम करना जरूरी है.
उन्होंने कहा, "मानसिक तौर पर आक्रामक होना एक चीज है. ,एक अन्य महत्वपूर्ण बात यह है कि आपका शरीर भी दिमाग के साथ काम करना चाहिए और यह तभी मुमकिन हो सकता है जब आप फिट हों और लगातार अभ्यास करें." कोलकाता मैराथन से जुड़े तेंदुलकर ने कहा कि वह आयोजकों द्वारा दिए गए प्रस्ताव को ठुकरा नहीं पाए क्योंकि वह हमेशा से ही फिटनेस गतिविधियों से जुड़े रहते हैं. उन्होंने कहा, 'जहां तक मैदान पर की जाने वाली गतिविधियों का सवाल है, मैं हमेशा से ही इनके समर्थन में रहता हूं. आज की पीढ़ी एक जगह पर बैठकर सब कुछ हासिल कर सकती है. वीडियो गेम, कम्प्यूटर और इंटरनेट जैसी कई चीजों से वह अपने आप को व्यस्त रख सकते हैं लेकिन लोगों को घर के बाहर जा कर भी खेलना चाहिए.' (एजेंसी से भी इनपुट)
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