हम्बानटोटा:
श्रीलंका ने राजपक्षे अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम में मंगलवार को खेले गए दूसरे एकदिवसीय मुकाबले में भारत को नौ विकेट से करारी शिकस्त देकर पहले मुकाबले में मिली हार का बदला ले लिया। इस जीत के साथ पांच मैचों की इस शृंखला में दोनों टीमें एक-एक मुकाबले जीतकर 1-1 की बराबरी पर पहुंच गई हैं। विकेट और शेष बची गेंदों के लिहाज से श्रीलंका के खिलाफ यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी हार है।
भारतीय टीम ने इस मैच घटिया में बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया। सिर्फ गौतम गम्भीर ही 65 रन बना सके। उनके अलावा सभी बल्लेबाजों ने आया राम, गया राम की तर्ज पर बल्लेबाजी की। बाकी कसर गेंदबाजों ने अपनी घटिया गेंदबाजी से पूरी कर दी। क्षेत्ररक्षण भी दोयम दर्जे का रहा और टीम इंडिया ने कुछ आसान कैच भी टपकाए।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने श्रीलंका के समक्ष 139 रनों का लक्ष्य रखा था, जिसे श्रीलंकाई बल्लेबाजों ने 19.5 ओवरों में एक विकेट के नुकसान पर 181 गेंदें शेष रहते हासिल कर लिया। जीत में गेंदों के अंतर के लिहाज से यह भारतीय टीम की दूसरी सबसे बड़ी हार है। इससे पहले भारतीय टीम को 2010 में दाम्बुला में श्रीलंका ने 209 गेंद शेष रहते हराया था।
यही नहीं श्रीलंका के खिलाफ भारत को नौ विकेट से दूसरी बार हार मिली है। विकेटों के लिहाज से देखा जाए तो श्रीलंका के खिलाफ भारत की यह दूसरी सबसे बड़ी हार भी है। इससे पहले श्रीलंका ने 1996 में कोलम्बो में भारत को नौ विकेट से पराजित किया था।
श्रीलंका की कसी हुई गेंदबाजी के आगे भारतीय शेर सिर्फ 138 रनों पर ढेर हो गए। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम सिर्फ 33.3 ओवर ही मैदान पर टिक सकी।
गौतम गम्भीर ही एकमात्र बल्लेबाज रहे जो श्रीलंकाई गेंदबाजों का कुछ हद तक मुकाबला कर सके। उन्होंने पारी की शुरुआत करते हुए 65 रन बनाए। गम्भीर ने 96 गेंदों पर चार चौकों की मदद से ये रन बनाए। भारत की ओर से आउट होने वाले गम्भीर आखिरी बल्लेबाज थे।
गम्भीर के अलावा सिर्फ तीन भारतीय बल्लेबाज ही दहाई का आंकड़ा पार कर सके। रविचंद्रन अश्विन ने 21, पिछले मुकाबले में 96 रनों की पारी खेलने वाले वीरेंद्र सहवाग ने 15 और कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने 11 रन बनाए।
श्रीलंका की ओर से थिसारा परेरा और एंजेलो मैथ्यूज ने तीन-तीन विकेट झटके जबकि लसिथ मलिंगा के खाते में दो और रंगना हेराथ खाते में एक विकेट गया।
परेरा ने आठ ओवर में केवल 19 रन देकर तीन विकेट चटकाए। उन्होंने चोटी के दो भारतीय बल्लेबाजों को पवेलियन भेजकर कमर ही तोड़ दी। इसके बाद भरतीय बल्लेबाज कुछ नहीं कर सके। परेरा को उनके इस शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया।
भारत की ओर से रखे गए 139 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी सलामी बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान और उपुल थरंगा की जोड़ी ने अपनी टीम को शानदार शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए उन्होंने 119 रन जोड़े। दिलशान 50 रन बनाकर 17वें ओवर में रविचंद्रन अश्विन के शिकार बने। उन्होंने 49 गेंदों का सामना किया और पांच चौके लगाए।
थरंगा ने भी शानदार बल्लेबाजी की और उन्होंने नाबाद 59 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 60 गेंदों का सामना किया और आठ चौके लगाए। दूसरी छोर पर दिनेश चांडीमल छह रन बनाकर थरंगा के साथ नाबाद पवेलियन लौटे।
बल्लेबाजी में घटिया प्रदर्शन के बाद भारतीय गेंदबाजों ने भी निराश किया। सिर्फ 19.5 ओवरों की गेंदबाजी में उन्होंने 24 अतिरिक्त रन दिए जिनमें 14 तो वाइड थे। क्षेत्ररक्षण भी लचर रहा। सहवाग ने शुरुआत में ही दिलशान का एक आसान सा कैच टपका दिया, जिसके बाद उन्होंने थरंगा के साथ मिलकर टीम की जीत की सशक्त बुनियाद रखी।
इससे पहले, शनिवार को खेले गए मुकाबले में भारत ने मेजबान टीम को 21 रनों से पराजित कर पांच मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बनाई थी। इस मुकाबले में भारत की ओर से कोहली ने 106 और सहवाग ने 96 रन बनाए थे।
श्रीलंका के लिए अनुभवी तेज गेंदबाज नुवान कुलासेकरा का चोट के कारण श्रृंखला से बाहर होना उसके लिए तगड़ा झटका है। कुलासेकरा की जगह तेज गेंदबाज इसुरु उदाना को टीम में जगह दी गई।
भारतीय टीम ने इस मैच घटिया में बल्लेबाजी का प्रदर्शन किया। सिर्फ गौतम गम्भीर ही 65 रन बना सके। उनके अलावा सभी बल्लेबाजों ने आया राम, गया राम की तर्ज पर बल्लेबाजी की। बाकी कसर गेंदबाजों ने अपनी घटिया गेंदबाजी से पूरी कर दी। क्षेत्ररक्षण भी दोयम दर्जे का रहा और टीम इंडिया ने कुछ आसान कैच भी टपकाए।
टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने श्रीलंका के समक्ष 139 रनों का लक्ष्य रखा था, जिसे श्रीलंकाई बल्लेबाजों ने 19.5 ओवरों में एक विकेट के नुकसान पर 181 गेंदें शेष रहते हासिल कर लिया। जीत में गेंदों के अंतर के लिहाज से यह भारतीय टीम की दूसरी सबसे बड़ी हार है। इससे पहले भारतीय टीम को 2010 में दाम्बुला में श्रीलंका ने 209 गेंद शेष रहते हराया था।
यही नहीं श्रीलंका के खिलाफ भारत को नौ विकेट से दूसरी बार हार मिली है। विकेटों के लिहाज से देखा जाए तो श्रीलंका के खिलाफ भारत की यह दूसरी सबसे बड़ी हार भी है। इससे पहले श्रीलंका ने 1996 में कोलम्बो में भारत को नौ विकेट से पराजित किया था।
श्रीलंका की कसी हुई गेंदबाजी के आगे भारतीय शेर सिर्फ 138 रनों पर ढेर हो गए। टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम सिर्फ 33.3 ओवर ही मैदान पर टिक सकी।
गौतम गम्भीर ही एकमात्र बल्लेबाज रहे जो श्रीलंकाई गेंदबाजों का कुछ हद तक मुकाबला कर सके। उन्होंने पारी की शुरुआत करते हुए 65 रन बनाए। गम्भीर ने 96 गेंदों पर चार चौकों की मदद से ये रन बनाए। भारत की ओर से आउट होने वाले गम्भीर आखिरी बल्लेबाज थे।
गम्भीर के अलावा सिर्फ तीन भारतीय बल्लेबाज ही दहाई का आंकड़ा पार कर सके। रविचंद्रन अश्विन ने 21, पिछले मुकाबले में 96 रनों की पारी खेलने वाले वीरेंद्र सहवाग ने 15 और कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने 11 रन बनाए।
श्रीलंका की ओर से थिसारा परेरा और एंजेलो मैथ्यूज ने तीन-तीन विकेट झटके जबकि लसिथ मलिंगा के खाते में दो और रंगना हेराथ खाते में एक विकेट गया।
परेरा ने आठ ओवर में केवल 19 रन देकर तीन विकेट चटकाए। उन्होंने चोटी के दो भारतीय बल्लेबाजों को पवेलियन भेजकर कमर ही तोड़ दी। इसके बाद भरतीय बल्लेबाज कुछ नहीं कर सके। परेरा को उनके इस शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाजा गया।
भारत की ओर से रखे गए 139 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी सलामी बल्लेबाज तिलकरत्ने दिलशान और उपुल थरंगा की जोड़ी ने अपनी टीम को शानदार शुरुआत दी और पहले विकेट के लिए उन्होंने 119 रन जोड़े। दिलशान 50 रन बनाकर 17वें ओवर में रविचंद्रन अश्विन के शिकार बने। उन्होंने 49 गेंदों का सामना किया और पांच चौके लगाए।
थरंगा ने भी शानदार बल्लेबाजी की और उन्होंने नाबाद 59 रन बनाए। इस दौरान उन्होंने 60 गेंदों का सामना किया और आठ चौके लगाए। दूसरी छोर पर दिनेश चांडीमल छह रन बनाकर थरंगा के साथ नाबाद पवेलियन लौटे।
बल्लेबाजी में घटिया प्रदर्शन के बाद भारतीय गेंदबाजों ने भी निराश किया। सिर्फ 19.5 ओवरों की गेंदबाजी में उन्होंने 24 अतिरिक्त रन दिए जिनमें 14 तो वाइड थे। क्षेत्ररक्षण भी लचर रहा। सहवाग ने शुरुआत में ही दिलशान का एक आसान सा कैच टपका दिया, जिसके बाद उन्होंने थरंगा के साथ मिलकर टीम की जीत की सशक्त बुनियाद रखी।
इससे पहले, शनिवार को खेले गए मुकाबले में भारत ने मेजबान टीम को 21 रनों से पराजित कर पांच मैचों की श्रृंखला में 1-0 की बढ़त बनाई थी। इस मुकाबले में भारत की ओर से कोहली ने 106 और सहवाग ने 96 रन बनाए थे।
श्रीलंका के लिए अनुभवी तेज गेंदबाज नुवान कुलासेकरा का चोट के कारण श्रृंखला से बाहर होना उसके लिए तगड़ा झटका है। कुलासेकरा की जगह तेज गेंदबाज इसुरु उदाना को टीम में जगह दी गई।
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