- शुभमन गिल ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में लगातार अठारह मैचों में टॉस हारकर एक अनचाहा विश्व रिकॉर्ड बनाया है
- क्रिकेट में टॉस जीतने या हारने का सामान्य मौका पचास प्रतिशत होता है, पर गिल ने ढाई लाख में एक मौका निभाया है
- पूर्व कप्तानों ब्रायन लारा और रोहित शर्मा के बारह बार टॉस हारने के रिकॉर्ड की तुलना में गिल का रिकॉर्ड अधिक है
Shubman Gill, India vs Australia: सिडनी में एक बार फिर भारतीय टीम को विपक्षी कप्तान के मुताबिक मैच की शुरुआत करनी पड़ी. मिचेल मार्श ने टॉस जीतकर भारत को पहले फील्डिंग का मौक़ा दिया. कप्तान शुभमन गिल ने सिडनी में लगातार तीसरा टॉस गंवाया जो वडे मैचों में टीम इंडिया के लिए टॉस गंवाने का 18वां मौका साबित हुआ.
लगातार 18 टॉस हारने का वर्ल्ड रिकॉर्ड
विंडीज़ टीम के पूर्व कप्तान ब्रायन लारा और पूर्व भारतीय कप्तान रोहित शर्मा के नाम 12-12 बार टॉस हारने का रिकॉर्ड दर्ज था तो न्यूज़ीलैंड के पूर्व कप्तान पीटर बॉरेन के नाम 11 और इंग्लैंड के पूर्व कप्तान जॉस बटलर के नाम लगातार 9 बार टॉस हारने का रिकॉर्ड दर्ज है. भारत ने आखिरी बार वनडे में वर्ल्ड कप 2023 के सेमीफाइनल में न्यूज़ीलैंड के खिलाफ टॉस जीता था. शुभमन गिल के सिडनी में टॉस हारते ही वनडे में टीम इंडिया के नाम एक अनोखा, अनचाहा वर्ल्ड रिकॉर्ड कायम कर चुके हैं.
ढाई लाख में एक बार से 10 लाख में एक बार!
टीम इंडिया लगातार 18 वनडे मैचों में टॉस गंवाकर अनचाहा वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुकी है और ये सिलसिला अभी टूटा नहीं है. गणित की भाषा में इसका मतलब है कि 18वें मैच में टॉस गंवाने का भारतीय कप्तान के पास तकरीबन ढाई लाख में एक मौक़ा (संभावना या प्रोबैबिलिटि) हो सकते थे. मगर ये भी मुमकिन हो गया.
सरल गणित की भाषा में 1 मैच में टॉस जीतने या हारने का 50 फीसदी या 0.5 या दो में से एक मौक़ा होता है. दो मैचों में लगातार टॉस जीतने या हारने के 4 में से एक या 0.25 या 25% चांस हो जाते हैं. उसी तरह 18 मैचों में ये चांस 2 घात 18 या (2 टू पा पॉवर 18) यानी 262144 मौके हो सकते हैं. भारतीय कप्तान गिल की किस्मत से ये भी मुमकिन हो गया है.
अब अगर ऑस्ट्रेलिया में ही वो अगले दो मैचों में भी टॉस हार जाते हैं तो 10 लाख (1048576) में 1 टॉस जीतने का मौक़ा भी गंवा सकते हैं.
टॉस का बॉस नहीं, मैच का बॉस!
आम क्रिकेट फ़ैन्स की एक राय ये हो सकती है कि ढाई लाख में एक टॉस जीत का मौका गंवाने वाले शुभमन गिल की किस्मत का गणित ही बिगड़ा हुआ है. मगर, फिर भी कप्तान शुभमन गिल किस्मत वाले हैं कि उन्हें सिर्फ 25 की उम्र में टीम इंडिया की कप्तानी मिली है और उनके ईर्द-गिर्द ऐसी टीम भी बनती जा रही है जिसके सहारे वो टीम इंडिया की कई जीत का इतिहास कायम करते नज़र आते हैं.
इंग्लैंड के ख़िलाफ टेस्ट सीरीज़ में बतौर कप्तान और बैटर उन्होंने जो कुछ किया उससे वर्ल्ड क्रिकेट में उनका रौब बढ़ता जा रहा है. टॉस का बॉस नहीं बने तो क्या गिल मैच का बॉस बनकर भारतीय क्रिकेट फ़ैन्स का दिल जीत रहे हैं.
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