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This Article is From Oct 05, 2018

IND vs WI 1st Test: सचिन की 'इस स्पेशल सलाह' ने पृथ्वी शॉ के लिए 'जादू' का काम किया

IND vs WI 1st Test: सचिन की 'इस स्पेशल सलाह' ने पृथ्वी शॉ के लिए 'जादू' का काम किया
सचिन के साथ पृथ्वी की फाइल फोटो
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
क्रिकेटप्रेमी कर रहे सचिन सें तुलना
कुछ समय पहले पृथ्वी ने की थी मास्टर ब्लास्टर से चर्चा
मास्टर ने खोला पृथ्वी खास पहलुओं का राज़

मुंबई के 18 साल के पृथ्वी शॉ की दुनिया भर में चर्चा हो रही है. और आखिर हो भी क्यों न. सिर्फ 18 साल की छोटी उम्र में ऐसी पारी, जिसे करोड़ों क्रिकेटप्रेमी शायद ही कभी भूल पाएं. दुनिया का हर क्रिकेटर पृथ्वी शॉ की प्रशंसा कर रहा है. एक तबका मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर से भी उनकी तुलना कर रहा है. सचिन भी पृथ्वी की इस पारी के मुरीद हो गए और उन्होंने बताया क्या विशेषता है भारतीय क्रिकेट के इस नए सुपरस्टार में. साथ ही, सचिन ने बहुत ही अहम मोड़ पर पृथ्वी शॉ को दी गई उस बहुत ही अहम सलाह के बारे में भी बताया, जिसने पृथ्वी के लिए जादू का का काम किया

सचिन तेंदुलकर ने कहा कि मुझे भरोसा है कि अपने पहले ही टेस्ट में शतकीय पारी खेलकर पृथ्वी काफी राहत महसूस कर रहे होंगे. एक बड़ा सवाल हमेशा यह रहता है कि 'एक खिलाड़ी ने घरेलू क्रिकेट में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है, तो क्या वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऐसा प्रदर्शन कर पाएगा'.  खिलाड़ी कितना भी टैलेंटिड हो, उसके सामने यह सवाल रहता ही है. सचिन ने कहा कि जैसी शतकीय पारी पृथ्वी ने खेली, वह जादुई है. हर खिलाड़ी अलग सोचते हुए शुरुआत करता है. मेरे हिसाब से जिस बड़ी बाधा पृथ्वी  सामना करने जा रहे थे, वह उन्होंने पार कर ली है. ऐसा प्रदर्शन टीम में आपकी जगह पक्की करता है. और आप दुनिया को बताते है कि आप इस स्तर पर आ चुके हैं. इस महान बल्लेबाज ने कहा कि जो बात मैंने पृथ्वी में देखी है, वह यह है कि वह बहुत ही तेजी से सीखने वाले हैं. मेरे हिसाब से प्रतिभाशाली होना एक अलग बात है, लेकिन आप अपनी प्रतिभा के साथ क्या करते हैं, यह ज्यादा महत्वपूर्ण है. अगर आप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सफल होना चाहते हैं, तो आपको बहुत तेजी से सीखना होगा. और पृथ्वी बहुत ही अच्छे लर्नर हैं. जब किसी खिलाड़ी को इस स्तर पर प्रदर्शन करना और टिके रहना होता है, तो खुद को ढालना एक बहुत ही अहम बात है. मुझे लगता है कि पृथ्वी ने खुद को अलग-अलग हालात में ढाला है और यह पृथ्वी की सबसे बड़ी ताकत है. 

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सचिन ने कहा कि कुछ समय पहले पृथ्वी ने अपने बैकफुट खेल को लेकर मुझसे बात की. मैंने उससे पूछा कि क्या तुम बैकफुट खेल को लेकर असहज महसूस कर रहे हो, तो उसने 'ना' में जवाब दिया. इसके अलावा मैंने पृथ्वी से कई सवाल किए और फिर यही कहा कि जब जब चीजें टूटी नहीं हैं, तो उन्हें तोड़ने की जरूरत नहीं है. अनावश्यक बदलाव नहीं होना चाहिए. मैंने कहा कि अगर तुम खुद को ढालने में सक्षम हो, तो यह अच्छा है. समय गुजरने और अनुभव के साथ ही आपको अपने खेल में बहुत ज्यादा बदलाव करने होंगे. जब किसी खिलाड़ी का करियर आगे बढ़ता है, तो काफी बदलाव होते हैं.

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दिग्गज बल्लेबाज ने कहा कि मैंने पृथ्वी से कहा कि मैंने उन्हें उनके खेल में कई बदलाव करते हुए देखा है क्योंकि तुमने हर समय खुद को ढालने की कोशिश की. जैसे-जैसे तुम शीर्ष स्तर पर ज्यादा क्रिकेट खेलेंगे, तो बदलाव होंगे. यह एक अनिवार्य बात है, लेकिन तब तक खुद के खेल में त्रुटि ढूंढते रहने की जरूरत नहीं है. जिस किसी भी बदलाव की जरूरत हो सकती है, वह समय के साथ होगा. लेकिन फिलहाल हर बात सही है. इसलिए ज्यादा समस्याएं तलाशने की ओर मत देखो. सचिन ने अपनी एक लोकप्रिय सलाह पर भी कहा कि मैंने पृथ्वी से कहा ता कि अगर कोई भी उससे उसकी बैटिंग ग्रिप बदलने को कहे, तो तुम उस शख्स या कोच से कहना है कि वह मुझसे बात करे. 

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सचिन ने कहा कि मैंने पृथ्वी से यही कहा कि तब तक वह किसी चीज में बदलाव न करें, जब तक वे उन चीजों से खुद परेशान न हो जाएं. अगर आप बार-बार एक ही तरीके से आउट हो रहे हैं, तो तब यह समय होता है, जब आप इस बारे में काम कर सकते हैं. 

 

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