मेहमान ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच खेले जाने वाले टेस्ट सीरीज फरवरी 9 को शुरू होने जा रही है, लेकिन उससे पहले ही यह साफ हो गया है कि भारतीय ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Aswhin) मेहमान टीम के लिए कितनी बड़ी दहशत बन चुके हैं. यह कंगारू टीम के पिछले कुछ दिनों से "डुप्लीकेट अश्विन (महेश पिथिया)" के सामने जमकर अभ्यास और उसके खिलाड़ियों के बयानों से साफ समझा जा सकता है. कंगारू टीम के इन तौर-तरीकों ने सीरीज शुरू होने से पहले ही अश्विन को फैंस और पंडितों के बीच चर्चा का विषय बना दिया है, तो वहीं अश्विन के चाहने वालों और इस ऑफ स्पिनर की नजर भी एक बड़ी उपलब्धि पर लगी है.
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दरअसल अश्विन गावस्कर-बॉर्डर ट्रॉफी के इतिहास में सबसे ज्यााद विकेट लेने वाले दूसरे गेंदबाज बनने से बस कुछ ही दूरी पर खड़े हैं. यूं तो दोनों देशों के बीच क्रिकेट इतिहास बहुत ही पुराना है, लेकिन गावस्कर-बॉर्डर ट्रॉफी शुरुआत सल 1996 में हुयी थी. और तब से लेकर अभी तक खासी क्रिकेट और कई सीरीज का आयोजन हो चुका है.
गावस्कर-बॉर्डर ट्रॉफी में सबसे ज्यादा विकेट लेने का कारनामा भारत के दिग्गज अनिल कुंबले ने नाम पर है, जिन्होंने 20 टेस्ट में सबसे ज्याादा 111 विकेट लिए हैं, तो हरभजन के नाम पर 35 टेस्ट में 95 और नॉथन लॉयन के नाम पर 22 टेस्ट में 94 विकेट हैं. इसमें दो राय नहीं की शुरू होने जा रही सीरीज में लॉयन और अश्विन दोनों ही विकेटों के शतक को चेज करेंगे. अश्विन की बात करें, तो उन्होंने गावस्कर-बॉर्डर ट्ऱॉफी में 18 टेस्ट में 89 विकेट लिए हैं. मतलब उन्हें शतक जड़ने के लिए 11 विकेटों की जरूरत है. और उम्मीद है कि वह शुरू होने जा रही चार टेस्ट की सीरीज में इसे जरूरत हासिल करेंगे.
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