यह ख़बर 01 नवंबर, 2013 को प्रकाशित हुई थी

निर्णायक मुकाबले में भारत को बल्लेबाजों से फिर उम्दा प्रदर्शन की उम्मीद

बेंगलुरु:

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक-दिवसीय क्रिकेट शृंखला के सातवें और निर्णायक मैच में भारत को शनिवार को अपने बल्लेबाजों से एक बार फिर आतिशी प्रदर्शन की उम्मीद होगी।

रांची और कटक में दो मैच बारिश में धुलने के बाद भारत ने नागपुर में 351 रन के मुश्किल लक्ष्य का पीछा करके शानदार जीत दर्ज की थी। इस जीत से भारत को जयपुर में मिली जीत की याद ताजा हो गई, जब भारतीय टीम ने 360 रन के लक्ष्य का पीछा किया था, तो एक-दिवसीय क्रिकेट के इतिहास में लक्ष्य का पीछा करते हुए दूसरी सबसे बड़ी जीत थी।

रन उगलती सपाट पिचों पर दोनों टीमों के गेंदबाजों पर काफी दबाव है। शृंखला में अभी तक 2500 से अधिक रन बन चुके हैं। यहां तक कि 350 रन का स्कोर भी काफी नहीं रहा और शनिवार के मैच में भी चिन्नास्वामी स्टेडियम पर रनों का पहाड़ लगने की उम्मीद है।

ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज मिशेल जॉनसन इस मैच में नहीं खेलेंगे, जो एशेज शृंखला की तैयारी के लिए स्वदेश लौट रहे हैं। भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी उम्मीद कर रहे होंगे कि उनके बल्लेबाज इसी लय को कायम रखेंगे। भारत के लिए विराट कोहली और सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने सर्वाधिक रन बनाए हैं, जबकि धोनी ने मध्यक्रम की कमान संभाली। सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने धवन के साथ भारत को अच्छी शुरुआत दी है।

धोनी खुद मोहाली के प्रदर्शन को दोहराना चाहेंगे, जहां उन्होंने शानदार शतक लगाकर भारत को 300 से अधिक रन का स्कोर दिया था। हालांकि ऑस्ट्रेलिया ने उसे हासिल करके जीत दर्ज की। भारत के लिए चिंता का सबब मध्यक्रम की बल्लेबाजी है, क्योंकि सुरेश रैना और युवराज सिंह अभी तक कोई बड़ी पारी नहीं खेल सके हैं। दोनों के पास पिछली नाकामियों को भुलाने का एक और मौका है। दोनों को ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों खासकर मिशेल जॉनसन की गति और उछाल ने परेशान किया है।

धोनी के पास अंबाती रायुडू को टीम में जगह देने का विकल्प है, लेकिन भारतीय खेमा शायद टीम संयोजन से छेड़छाड़ नहीं करना चाहेगा। गेंदबाजी में भारतीय गेंदबाज बल्लेबाजों की मददगार पिच पर कोई प्रभाव नहीं छोड़ सके। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चार टेस्ट मैचों की शृंखला में 29 विकेट लेने वाले ऑफ स्पिनर आर अश्विन की ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों खासकर कप्तान जॉर्ज बेली ने जमकर धुनाई की है। नागपुर में शृंखला का अपना पहला मैच खेलने वाले लेग स्पिनर अमित मिश्रा ने 10 ओवर में 78 रन दे डाले, लेकिन उन्हें कोई विकेट नहीं मिली।

भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, जयदेव उनादकट और आर विनय कुमार काफी महंगे साबित हुए हैं। धोनी के पास युवराज सिंह और रैना जैसे अनियमित गेंदबाजों को आजमाने का विकल्प है, लेकिन नए वनडे नियमों के तहत फील्डिंग पाबंदियों ने उनके लिए इसे मुश्किल बना दिया है। ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों ने भी शृंखला में जबर्दस्त प्रदर्शन किया है। बेली ने भारतीय गेंदबाजी आक्रमण की खूब धज्जियां उड़ाई हैं, जबकि शेन वॉटसन ने पिछले मैच में शानदार सैकड़ा जड़ा।


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