नई दिल्ली:
हरारे में सोमवार को लगातार दूसरा वनडे मैच में भारत ने जिम्बाब्वे को आठ विकेट से करारी शिकस्त दी। इसी के साथ तीन एक दिवसीय मैचों की सीरीज में भारत ने अजेय बढ़त हासिल कर ली।
इस हार के बाद जिम्बाब्वे के अस्थाई कोच मखाया एनटीनी खुद तो नाराज थे और कई प्रशंसकों ने भी नाराजगी व्यक्त की। एनटीनी ने कहा, कि मैंने खुद को फांसी पर लटका लिया होता। कोच ने हार पर इतना लज्जित महसूस किया इसका अंदाजा उनकी कही इस बात से लगाया जा सकता है जब उन्होंने कहा कि अगर मैदान के बाहर टमाटर का पौधा होता, तो मैंने उसी से फांसी लगा ली होती।
उन्होंने कहा, यह अच्छा नहीं हुआ। हमारे पास तजुर्बेगार खिलाड़ी हैं, जो खेल को अच्छे से समझ सकते थे। हम बिल्कुल सही स्थिति में थे। मैदान पर जिम्बाब्वे के लिए यह भी सही नहीं रहा कि सीन विलियम्स की जगह क्रैग इरविन को लाया गया और मैदान पर उतरने से पहले वार्म अप में ही वह घायल हो गए और बैट करने नहीं आए।
उधर, मैच के दौरान जिम्बाब्वे के कमजोर प्रदर्शन की वजह से कई समर्थकों ने विरोध में प्रदर्शन भी किया और कुछ समर्थक बैनर भी लिए हुए थे। भारत की बल्लेबाजी के शुरुआत में उन्होंने सीटियां भी बजाई थी।
जिम्बाब्वे के बल्लेबाज सिबांडा ने कहा कि कुछ लोग कह रहे थे कि बाहर आओ, उनका अंदाज सही नहीं था। हम देश के लिए खेल रहे थे और वह भी हमारी ही तरह हताश थे। उन्होंने कहा कि उन्हें हमारा साथ देना चाहिए ताकि हम आगे अच्छा प्रयास करें क्योंकि ऐसा नहीं होगा तो कुछ भी हाथ नहीं लगेगा।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
इस हार के बाद जिम्बाब्वे के अस्थाई कोच मखाया एनटीनी खुद तो नाराज थे और कई प्रशंसकों ने भी नाराजगी व्यक्त की। एनटीनी ने कहा, कि मैंने खुद को फांसी पर लटका लिया होता। कोच ने हार पर इतना लज्जित महसूस किया इसका अंदाजा उनकी कही इस बात से लगाया जा सकता है जब उन्होंने कहा कि अगर मैदान के बाहर टमाटर का पौधा होता, तो मैंने उसी से फांसी लगा ली होती।
उन्होंने कहा, यह अच्छा नहीं हुआ। हमारे पास तजुर्बेगार खिलाड़ी हैं, जो खेल को अच्छे से समझ सकते थे। हम बिल्कुल सही स्थिति में थे। मैदान पर जिम्बाब्वे के लिए यह भी सही नहीं रहा कि सीन विलियम्स की जगह क्रैग इरविन को लाया गया और मैदान पर उतरने से पहले वार्म अप में ही वह घायल हो गए और बैट करने नहीं आए।
उधर, मैच के दौरान जिम्बाब्वे के कमजोर प्रदर्शन की वजह से कई समर्थकों ने विरोध में प्रदर्शन भी किया और कुछ समर्थक बैनर भी लिए हुए थे। भारत की बल्लेबाजी के शुरुआत में उन्होंने सीटियां भी बजाई थी।
जिम्बाब्वे के बल्लेबाज सिबांडा ने कहा कि कुछ लोग कह रहे थे कि बाहर आओ, उनका अंदाज सही नहीं था। हम देश के लिए खेल रहे थे और वह भी हमारी ही तरह हताश थे। उन्होंने कहा कि उन्हें हमारा साथ देना चाहिए ताकि हम आगे अच्छा प्रयास करें क्योंकि ऐसा नहीं होगा तो कुछ भी हाथ नहीं लगेगा।
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