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This Article is From Jun 15, 2017

खराब टेस्ट रिकॉर्ड के सवाल पर बोले युवराज - सर जिंदगी बच गई मेरी, वो सबसे बड़ी बात है

अपने करियर का 300वां वनडे अंतरराष्टीय खेलने जा रहे युवराज सिंह से जब यह पूछा गया कि क्या उनको कोई मलाल है तो उन्होंने कहा, "सर जिंदगी बच गई हमारी, वो सबसे बड़ी बात है."

खराब टेस्ट रिकॉर्ड के सवाल पर बोले युवराज - सर जिंदगी बच गई मेरी, वो सबसे बड़ी बात है
युवराज ने कहा कि भारत के खेलना इतना मुश्किल नहीं है लेकिन इसे बरकरार रखना काफी कठिन है..
बर्मिंघम: अपने करियर का 300वां वनडे अंतरराष्टीय खेलने जा रहे युवराज सिंह से जब यह पूछा गया कि क्या उनको कोई मलाल है तो उन्होंने कहा, "सर जिंदगी बच गई हमारी, वो सबसे बड़ी बात है." यह सवाल उनके टेस्ट रिकार्ड के संदर्भ में पूछा गया था जो इतना शानदार नहीं है. इस अनुभवी युवराज को पता चल गया था कि इस सवाल का संदर्भ क्या है. बांग्लादेश के खिलाफ आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी के सेमीफाइनल से पहले युवराज किसी भी नकारात्मकता से दूर रहना चाहते हैं.

युवराज 2019 विश्व कप खेलना चाहते हैं, उन्होंने यह स्पष्ट करते हुए कहा, "मैं जब अच्छी स्थिति में हूं तो मैं पछतावों के बारे में बात नहीं करना चाहता. मैं अच्छा खेल रहा हूं और कुछ और साल ऐसा करना जारी रखना चाहूंगा. जब तक मैं प्रदर्शन कर रहा हूं, तब तक खेलना चाहूंगा." बाएं हाथ के इस क्रिकेटर ने कहा कि भारतीय जर्सी हासिल करना भले ही इतना मुश्किल नहीं हो लेकिन 17 वर्षों तक इसे पहनने के लिए आत्मविश्वास और अलग स्तर के दृढ़निश्चय की जरूरत होती है.

उन्होंने कहा, "भारत के खेलना इतना मुश्किल नहीं है लेकिन इसे बरकरार रखना काफी कठिन है. आपके पास दृढ़निश्चय और आत्मविश्वास होना चाहिए, वही अहम है." युवराज ने कहा, "जब चीजें अच्छी नहीं चल रही होती तो लोगों की काफी राय होती हैं और आपको खुद पर भरोसा रखना चाहिए कि यह सिर्फ समय की बात है और आप दोबारा ऐसा कर सकते हो."  

भारत के लिए खेलने के लिए बेकरार खिलाड़ियों को क्या करना चाहिए क्या नहीं, इसके बारे में पूछने पर युवराज ने कहा, "क्या करना चाहिए, इसमें अहम है कि उन्हें अपनी प्रक्रिया पर अडिग रहना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा ट्रेनिंग करनी चाहिए. क्या नहीं करना चाहिए में, मीडिया से दूर रहो." उनकी उपलब्धि के बारे में पूछने पर, वह इस बात से सहमत थे कि उनके लिए निश्चित रूप से यह काफी बड़ी है. उन्होंने कहा, "मैं नहीं जानता कि मैं आदर्श हूं या नहीं, लेकिन 300 मैच तक पहुंचना मेरे लिए बड़ी उपलब्धि है.यह बड़ा सम्मान है. जब मैंने खेलना शुरू किया था तो मैं भारत के लिए केवल एक मैच खेलकर ही खुश था. तब यह मेरे लिए बड़ी उपलब्धि होती लेकिन अब मैं यहां पहुंच गया हूं." युवराज ने कहा, "मैंने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं. मुझे खुद पर गर्व है कि मैं यहां तक पहुंचा और फिर 300 मैच खेल रहा हूं. एक समय मैं सोच रहा था कि मैं दोबारा खेल पाऊंगा या नहीं, लेकिन मैं यहां हूं."


(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

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