
युवराज सिंह ने कहा कि उनके दिमाग में यह खयाल आता है कि शायद वह अब फिर से कभी भारत की तरफ से नहीं खेल पाएं। हालांकि उन्होंने इसके साथ ही जोड़ा कि अगर वह भारतीय क्रिकेट टीम में वापसी करने में नाकाम रहते हैं, तो यह काफी तकलीफदेह होगा।
कैंसर जैसी बीमारी से सफलतापूर्वक उबरने के बाद युवराज ने भारतीय टीम में कुछ समय के लिए वापसी की थी। उन्होंने भारत की तरफ से आखिरी वनडे मैच दिसंबर 2013 में खेला था।
बाए हाथ के इस बल्लेबाज ने 'विजडन इंडिया' से कहा, 'निश्चित तौर पर भारतीय टीम में वापसी करना लक्ष्य है। जब आप टीम में जगह नहीं बना पाते तो काफी निराशा होती है। लेकिन पिछले दो साल उतार चढ़ाव वाले रहे। इसलिए यह मेरा फैसला नहीं है कि मुझे चुना जाएगा या नहीं। उम्मीद है कि चीजें बदलेंगी और मुझे फिर से चुना जाएगा अन्यथा जिंदगी काफी निराशाजनक होगी। मैं केवल प्रयास कर सकता हूं और अपना सर्वश्रेष्ठ कर सकता हूं।'
युवराज से पूछा गया कि क्या कभी उनके दिमाग में यह बात आयी कि उन्हें फिर से कभी भारत की तरफ से खेलने का मौका नहीं मिलेगा, उन्होंने सकारात्मक जवाब दिया।
उन्होंने कहा, 'निश्चित तौर पर ऐसी संभावना है कि मैं फिर से भारत की तरफ से नहीं खेल पाउं। मैंने इस पर विचार किया। लेकिन ऐसी भी संभावना है कि मैं फिर से भारत के लिए खेलूं। जब तक मैं यह सोचता रहूंगा कि मैं वापसी कर सकता तब तक मैं अपनी तरफ से हर संभव प्रयास करूंगा।'
भारत की कई जीत के नायक रहे युवराज ने कहा कि टीम से बाहर चल रहे अन्य खिलाड़ियों जैसे कि हरभजन सिंह, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर के साथ वे अच्छे दिनों को लेकर बात करते हैं।
उन्होंने कहा, 'हम हमेशा उन दिनों के बारे में बात करते हैं जो हमने भारत की तरफ से खेलते हुए साथ में बिताये थे। हम सभी जानते हैं कि वे हमारी जिंदगी के शानदार साल थे। लेकिन जब आप टीम में नहीं होते हो तब भी जिंदगी आगे बढ़ती है। आपको केवल सकारात्मक बने रहने और कड़ी मेहनत जारी रखनी होती है।'
युवराज भले ही राष्ट्रीय टीम में वापसी के मजबूत दावेदार नहीं हैं लेकिन उन्होंने अब भी उम्मीद नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा, 'मैं वास्तव में चयन को लेकर बात नहीं कर सकता। मेरे पास सर्वश्रेष्ठ मौका क्या हैं। दलीप ट्राफी, रणजी एकदिवसीय और अन्य मैच जो भी मुझे खेलने को मिलेंगे। जैसे मैंने कहा कि अगर मैं टीम में जगह बनाता हूं तो यह बहुत बड़ी बात होगी। वापसी करके भारत की तरफ से फिर से विश्व कप में खेलना शानदार होगा। अगर ऐसा नहीं होता है तो भी जिंदगी चलती रहेगी। इसे स्वीकार करना मुश्किल होगा लेकिन मुझे इसे स्वीकार करना पड़ेगा।'
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