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This Article is From Jul 16, 2013

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह मेरा सर्वश्रेष्ठ दौर : रोहित शर्मा

अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में यह मेरा सर्वश्रेष्ठ दौर : रोहित शर्मा
नई दिल्ली: रोहित शर्मा को भारतीय टीम में सलामी बल्लेबाज के रूप में मिली अपार सफलता ने उनके अंतरराष्ट्रीय करियर को नया जीवन प्रदान किया है और उनका मानना है कि जब से उन्होंने भारतीय जर्सी पहनी है, उनकी मौजूदा फॉर्म उनके लिए 'सर्वश्रेष्ठ और सबसे संतोषजनक दौर' है।

रोहित शर्मा ने एक साक्षात्कार के दौरान कहा, निरंतर अच्छे प्रदर्शन को देखते हुए, यह बतौर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर निश्चित रूप से मेरा सर्वश्रेष्ठ दौर है... मैं सलामी बल्लेबाज के रूप में अपनी नई भूमिका का लुत्फ उठा रहा हूं... मैं सफल हो रहा हूं और मेरे योगदान से टीम को मदद मिल रही है, ये चीजें इस दौर को और संतोषजनक बना देती हैं... मैं इस अच्छी फॉर्म को बरकरार रखने की उम्मीद लगाए हूं...

दरअसल, पारी का आगाज़ करने के लिए कहे जाने के बाद से मुंबई के इस 26-वर्षीय क्रिकेटर ने 12 मैचों में पांच अर्द्धशतकों के अलावा दो 50 रन के करीब की पारियां खेली हैं और वह इसके लिए अपनी बेहतरीन तकनीक को श्रेय देते हैं।

मोहाली में इंग्लैंड के खिलाफ बतौर सलामी बल्लेबाज पहली पारी में उन्होंने 83 रन की मैच विजेता पारी खेली थी। उन्होंने कहा, मुझे अपनी तकनीक पर हमेशा भरोसा था... सलामी बल्लेबाज का काम 'विशेषज्ञता' वाला है, लेकिन मैं हमेशा जानता था कि अगर मुझे शीर्ष क्रम में मौका दिया गया तो मैं यह जिम्मेदारी बखूबी निभा सकता हूं... मैंने भारत के लिए टी-20 में दो बार पारी का आगाज़ किया है, इसलिए मेरे लिए यह बिलकुल नया अनुभव नहीं था... हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि पारी का आगाज़ करने की पेशकश अचानक उनके पास आई थी।

रोहित ने 98 वन-डे इंटरनेशनल मैचों में दो शतकों और 17 अर्द्धशतकों की मदद से 2,459 रन बनाए हैं। उन्होंने कहा, मैं एक तरह से हैरान नहीं था, लेकिन मैं जानता था कि यह चुनौतीपूर्ण होगा, लेकिन जीवन में जब आपको चुनौतियां दी जाती हैं तो आपको अपनी काबिलियत पर भरोसा करना चाहिए और इसे निभाना चाहिए... इंग्लैंड के खिलाफ 83 रन की पारी सर्वश्रेष्ठ नहीं थी, लेकिन निश्चित रूप से प्रयास था, जो मेरे मनोबल को बढ़ाने वाला साबित हुआ...

वन-डे में सलामी बल्लेबाज की भूमिका की चुनौती (क्योंकि अब दो नई गेंदें इस्तेमाल की जाती हैं) के बारे में पूछने पर रोहित ने स्वीकार किया कि यह निश्चित रूप से एक बड़ी चुनौती है... उन्होंने कहा, दो नई गेंदों से खेलने के लिए सलामी बल्लेबाज की भूमिका बदल गई है... यह ऐसा नहीं रहा कि गेंदबाजी शुरू होते ही आप उन पर हावी हो जाओ... कुछ शॉट ऐसे होते हैं, जिनसे शुरुआती ओवरों में आपको बचना चाहिए...

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