
- क्रिस वोक्स ने भारत के खिलाफ पांचवें टेस्ट के पांचवें दिन कंधे की चोट के बावजूद बल्लेबाजी की थी.
- चोट लगने के बाद वोक्स चार दिन तक मैदान से दूर रहे और अंतिम दिन इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रन चाहिए थे.
- वोक्स ने चोट के बावजूद रन लेने की कोशिश की और उन्होंने कहा कि उन्हें हमेशा बल्लेबाजी करने का यकीन था.
Chris Woakes on Batting With Injury vs India: इंग्लैंड क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज क्रिस वोक्स ने आखिरकार द ओवल में भारत के खिलाफ पांचवें टेस्ट मैच के पांचवें दिन कंधे की हड्डी खिसकने के कारण बल्लेबाजी करने के बारे में खुलकर बात की है. वोक्स को मैच के पहले दिन के दौरान चोट लगी थी. इस चोट के बाद वह चार दिनों तक मैदान से दूर रहे थे. आखिरी दिन इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रन चाहिए थे और भारत को 4 विकेट, तो सबकी नजरें पर पर थी कि क्या वोक्स बल्लेबाजी को आएंगे और हुआ भी ऐसा ही.
357 के स्कोर पर इंग्लैंड को जोश टंग के रूप में पारी का झटका लगा. इस समय इंग्लैंड को जीत के लिए 17 रन चाहिए थे और तब वोक्स मैदान पर आए. उन्हें दौड़ने में दिक्कत हो रही थी, लेकिन उन्हें फिर भी सिंगल लिया. हालांकि, अंत में सिराज ने एटकिंसन को बोल्ड कर भारत को जीत दिलाई. लेकिन वोक्स ने सबका दिल जीत लिया. वहीं अब एक इंटरव्यू के दौरान क्रिस वोक्स ने खुलासा किया है कि उन्हें हमेशा यकीन था कि जरूरत पड़ने पर वह बल्लेबाजी करेंगे. इसके साथ ही उन्होंने इंग्लैंड को 6 रन से मिली हार पर अफसोस जताया है.
ओवल टेस्ट में इंग्लैंड को मिली हार के पर द गार्जियन से बात करते हुए क्रिस वोक्स ने कहा,"मैं अभी भी निराश हूं. हम आखिरी में चमत्कार नहीं कर पाए. लेकिन मैंने कभी भी वहां न जाने के बारे में नहीं सोचा, भले ही जीतने के लिए अभी भी 100 रन या कुछ और होता. तालियां बजाना अच्छा था और कुछ भारतीय खिलाड़ी अपना सम्मान दिखाने के लिए आए. लेकिन कोई भी अन्य खिलाड़ी भी ऐसा ही करता. आप नौ विकेट गिरने पर इसे रद्द नहीं कर सकते."
भले ही उन्होंने गेंद का सामना नहीं किया, लेकिन गस एटकिंसन के साथ रन लेना वोक्स के लिए भी आसान काम नहीं था. सिंगल लेते समय वह स्पष्ट रूप से संघर्ष कर रहे थे और वोक्स ने उस समय दर्द का खुलासा किया. वोक्स ने कहा,"पहला वाला सबसे खराब था." "मैंने जो कुछ भी लिया था वह कोडीन था और यह बहुत पीड़ादायक था. यहां तक कि मेरी बांह नीचे बंधी होने के बावजूद मैंने दौड़ने की कोशिश की जैसा कि आप स्वाभाविक रूप से करते हैं. मैं वास्तव में चिंतित था कि मेरा कंधा फिर से बाहर आ गया था, इसलिए आपने मुझे अपना हेलमेट उतार दिया, दस्ताने को अपने दांतों से फाड़ दिया, और जांच की कि यह ठीक है."
बर्मिंघम में घर वापस आकर अपनी चोट को लेकर वोक्स कहते हैं,"मुझे नहीं पता कि यह क्या है." "आप बस इतना जानते हैं कि आप किसी बड़ी चीज़ का हिस्सा हैं. यह सिर्फ आप ही नहीं हैं जिनके लिए आप वहां खेल रहे हैं. यह आपकी टीम और आपके साथी हैं, उनकी सारी मेहनत और बलिदान हैं, घर और मैदान में देख रहे लोग हैं. आप बस हर किसी के लिए ऐसा करना अपना कर्तव्य महसूस करते हैं."
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