यह ख़बर 02 जनवरी, 2012 को प्रकाशित हुई थी

'हम हताश नहीं, दमदार वापसी करेंगे'

खास बातें

  • भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने स्वीकार किया है कि विदेशी धरती पर लगातार पांचवीं हार से उनकी टीम का आत्मविश्वास थोड़ा डगमगा जरूर गया है, लेकिन वे हताश नहीं हैं।
सि़डनी:

भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने स्वीकार किया है कि विदेशी धरती पर लगातार पांचवीं हार से उनकी टीम का आत्मविश्वास थोड़ा डगमगा जरूर गया है, लेकिन वे हताश नहीं हैं। उन्होंने कहा कि टीम इंडिया सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मंगलवार से शुरू होने जा रहे दूसरे टेस्ट में दमदार वापसी के लिए तैयार है।
इंग्लैंड में पिछले साल गर्मियों में 0-4 से शर्मनाक हार झेलने के बाद भारत को ऑस्ट्रेलिया के हाथों मेलबर्न में पहले टेस्ट मैच में भी 122 रन से हार का सामना करना पड़ा था। धोनी ने सिडनी मैच की पूर्व संध्या पर कहा, इससे यह (आत्मविश्वास) थोड़ा प्रभावित हुआ है, लेकिन हम टूटे नहीं हैं, क्योंकि हम सभी जानते हैं कि वास्तव में क्या हुआ और आप गलतियों से सीखते हो। हम सकारात्मक पहलुओं पर ध्यान दे रहे हैं। विदेशी सरजमीं पर हमने जो पिछले पांच मैच गंवाए, उनमें हमारे लिए कई सकारात्मक बातें रहीं।
उन्होंने कहा, हमें केवल बल्लेबाजी और गेंदबाजी में सुधार के बजाय इकाई के तौर पर सुधार करने की जरूरत है। इंग्लैंड की तरह यहां हमें चोटों से नहीं जूझना पड़ रहा है, जो हमारे लिए सकारात्मक पहलू है। ऑस्ट्रेलियाई टीम हमारी बल्लेबाजी लाइन-अप पर दबाव बनाए रखने की कोशिश करेगी और यही बात गेंदबाजों पर भी लागू होती है।
जब धोनी से पूछा गया कि क्या सचिन तेंदुलकर के बहुप्रतीक्षित 100वें अंतरराष्ट्रीय शतक से टीम का ध्यान बंट रहा है, उन्होंने कहा, इससे मीडिया का ध्यान बंटा हुआ है, जो हमारे लिए अच्छा है। हम जहां भी जाते हैं, लोग इसी के बारे में बात करते हैं। टीम के रूप में चाहते हैं कि वह जल्द से जल्द इसे हासिल करें। सच्चाई यही है कि यह बहुत बड़ी उपलब्धि है और हम इसका हिस्सा बनना और इसका लुत्फ उठाना चाहेंगे। भारतीय कप्तान ने कहा कि सचिन किसी भी समय यह उपलब्धि हासिल कर सकते हैं और ऐसा नहीं लगता है कि इसमें हो रही देरी से वह किसी तरह प्रभावित हैं।
धोनी ने कहा, हम सभी जानते हैं कि यह शतक जरूर लगेगा। यह इस टेस्ट मैच में हो सकता है या अगले मैच या इस शृंखला में। आप इसे होने से रोक नहीं सकते। मुझे नहीं लगता कि वह इस बारे में ज्यादा सोच रहे हैं। उन्होंने कहा, निश्चित तौर पर वह जितनी जल्दी इसे हासिल करेंगे, उन पर से तथाकथित दबाव कम होगा, क्योंकि दबाव असफलता और प्रदर्शन का होता है। प्रदर्शन का दबाव हो सकता है, लेकिन वह वास्तव में इस बारे में बात नहीं करते और कभी ऐसा नहीं लगता कि उन पर 100वें शतक का दबाव है।
धोनी ने कहा कि टॉस जीतने की दशा में बल्लेबाजी या गेंदबाजी करने का फैसला मैच से पहले पिच को देखकर ही करेंगे। उन्होंने कहा, यह इस पर निर्भर करेगा कि मैच से पहले विकेट कैसा दिखता है। यदि विकेट पर नमी रहती है और आसमान में बादल रहते हैं और लगता है कि पहले सत्र के बाद भी ऐसी स्थिति रहेगी तो हम गेंदबाजी का फैसला करेंगे, लेकिन फैसला करने से पहले हम सुबह का विकेट देखना चाहेंगे। उन्होंने कहा, विकेट पर हरी घास के संकेत मिल रहे हैं। शुरू में इससे तेज गेंदबाजों को मदद मिल सकती है। इसके बाद यह बल्लेबाजी के लिए अनुकूल होगी। मैं पक्के तौर पर नहीं कह सकता, लेकिन बाद में इससे टर्न मिल सकता है, लेकिन यह इस पर निर्भर करेगा कि विकेट पर कितना रोलर चलाया जाता है।
धोनी ने कहा कि भारत ने भी ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों के लिए रणनीति बनाई है। ऐसा ही दावा ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने भारतीय बल्लेबाजों के लिए किया था।
धोनी से यह भी पूछा गया कि क्या उन्हें हरभजन सिंह की कमी खल रही है। उनसे स्लिप में सुरक्षित माने जाने वाले राहुल द्रविड़ के कैच छोड़ने के बारे में भी सवाल किया गया। भारतीय कप्तान ने कहा, हम उनके (द्रविड़ के) प्रदर्शन से खुश हैं। वह हमारे सर्वश्रेष्ठ कैचर में से एक है। क्रिकेट में आप कभी कुछ कैच छोड़ देते हो, लेकिन आप लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हो तो आपको स्लिप से बाहर रखने का कोई कारण नहीं होना चाहिए। भारत के लिए छठे नंबर का स्थान काफी परेशानी वाला रहा है तथा धोनी को विराट कोहली और रोहित शर्मा में से किसी एक का चयन इस नंबर के लिए करना होगा। उन्होंने कहा, वह अच्छा बल्लेबाज है और उसने अच्छी तैयारी की है। उसे लय हासिल करने की जरूरत है, इसलिए कुछ भी गलत नहीं है। उम्मीद है कि वह रन बनाएगा।
धोनी ने माना कि उनके बल्लेबाजों को शुरू में 15 से 20 ओवर तक बाहर जाती गेंदों का छोड़ना होगा। उन्होंने कहा, कूकाबुरा गेंद शुरुआती 15 से 20 ओवरों में काफी गुल खिला सकती है, इसलिए ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों को छोड़ने से मदद मिल सकती है, लेकिन आप वीरेंद्र सहवाग को यह बात नहीं कह सकते, जिन्हें ऐसी गेंदों के धुर्रे उड़ाने में मजा आता है। धोनी ने कहा, लेकिन सलामी बल्लेबाज के लिए गेंद छोड़ना हमेशा अच्छा रहता है और हमें इस पर काम करना होगा, लेकिन मैं फिर कहूंगा कि आप नहीं चाहोगे कि सहवाग बहुत अधिक गेंद छोड़े, जो कट शॉट पर काफी निर्भर है। ओपनिंग हमारे लिए महत्वपूर्ण है और हम चाहते हैं कि वे बड़ा स्कोर खड़ा करें।


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