पाकिस्तान के मुख्य कोच मिकी आर्थर का मानना है कि पाकिस्तान के लिए चैम्पियन्स ट्रॉफी का खिताब जीतना ज़रूरी था...
लंदन:
पाकिस्तान के मुख्य कोच मिकी आर्थर का मानना है कि जिस देश ने शीर्ष अंतरराष्ट्रीय टीमों के खिलाफ घरेलू सरजमीन पर लंबे समय से क्रिकेट नहीं खेला है, उसके लिए 'अपने नायकों को पहचानने के लिए' चैम्पियन्स ट्रॉफी का खिताब जीतना ज़रूरी था.
दक्षिण अफ्रीका से ताल्लुक रखने वाले आर्थर को अपनी टीम के कप्तान सरफराज अहमद की तरह उम्मीद है कि इस जीत से देश में क्रिकेट के नए युग की शुरुआत होगी. कोच ने मैच के बाद कहा, "मुझे लगता है कि इस जीत का बड़ा असर होगा... मैं उम्मीद करता हूं, और मुझे यकीन है कि पाकिस्तान काफी खुश होगा, क्योंकि वे इसके हकदार थे..."
श्रीलंका की क्रिकेट टीम बस पर वर्ष 2009 में हुए हमले के बाद से क्रिकेट खेलने वाले किसी बड़े देश ने पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है और उसे अपने 'घरेलू' मैच भी देश से बाहर खेलने के लिए बाध्य होना पड़ा है. जिम्बाब्वे एकमात्र देश है, जिसने दो साल पहले पाकिस्तान का दौरा किया था.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा इसी साल सितंबर में एक विश्व एकादश को पाकिस्तान भेजे जाने की संभावना है और आर्थर ने उम्मीद जताई कि इससे भविष्य के दौरों का रास्ता साफ होगा. उन्होंने कहा, "तीन ट्वेन्टी-20 मैचों के लिए सितंबर में विश्व एकादश के पाकिस्तान आने का कार्यक्रम है, इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि इससे भविष्य के दौरों का रास्ता साफ होगा... लेकिन हम सिर्फ उम्मीद कर सकते हैं..."
आर्थर पांच मौकों पर दक्षिण अफ्रीका के कोच रहे, जब टीम को आईसीसी की विभिन्न प्रतियोगिताओं के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कहा कि यह जीत उनके लिए नहीं है. आर्थर ने कहा, "निश्चित तौर पर यह मेरे और मेरे करियर के लिए नहीं है, यह उस ड्रेसिंग रूम में 15 अविश्वसनीय खिलाड़ियों का मामला है, जिन्होंने पिछले एक साल में बेहतरीन प्रदर्शन किया है... यही मामला है..."
उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो इस पर विश्वास नहीं होता... कुछ दिन पहले मैं किसी को बता रहा था कि दक्षिण अफ्रीका के साथ मैं पांच बार सेमीफाइनल में था, लेकिन हमारी टीम कभी फाइनल में नहीं पहुंची... मैं पाकिस्तान के साथ एक बार फाइनल में पहुंचा और पदक जीता..." कोच ने कहा, "यह बेहतरीन है, लेकिन श्रेय खिलाड़ियों को जाता है... वे बेहतरीन थे और मेरा साथी कोचिंग स्टाफ और प्रबंधन टीम भी शानदार थी..."
दक्षिण अफ्रीका से ताल्लुक रखने वाले आर्थर को अपनी टीम के कप्तान सरफराज अहमद की तरह उम्मीद है कि इस जीत से देश में क्रिकेट के नए युग की शुरुआत होगी. कोच ने मैच के बाद कहा, "मुझे लगता है कि इस जीत का बड़ा असर होगा... मैं उम्मीद करता हूं, और मुझे यकीन है कि पाकिस्तान काफी खुश होगा, क्योंकि वे इसके हकदार थे..."
श्रीलंका की क्रिकेट टीम बस पर वर्ष 2009 में हुए हमले के बाद से क्रिकेट खेलने वाले किसी बड़े देश ने पाकिस्तान का दौरा नहीं किया है और उसे अपने 'घरेलू' मैच भी देश से बाहर खेलने के लिए बाध्य होना पड़ा है. जिम्बाब्वे एकमात्र देश है, जिसने दो साल पहले पाकिस्तान का दौरा किया था.
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा इसी साल सितंबर में एक विश्व एकादश को पाकिस्तान भेजे जाने की संभावना है और आर्थर ने उम्मीद जताई कि इससे भविष्य के दौरों का रास्ता साफ होगा. उन्होंने कहा, "तीन ट्वेन्टी-20 मैचों के लिए सितंबर में विश्व एकादश के पाकिस्तान आने का कार्यक्रम है, इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि इससे भविष्य के दौरों का रास्ता साफ होगा... लेकिन हम सिर्फ उम्मीद कर सकते हैं..."
आर्थर पांच मौकों पर दक्षिण अफ्रीका के कोच रहे, जब टीम को आईसीसी की विभिन्न प्रतियोगिताओं के सेमीफाइनल में हार का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कहा कि यह जीत उनके लिए नहीं है. आर्थर ने कहा, "निश्चित तौर पर यह मेरे और मेरे करियर के लिए नहीं है, यह उस ड्रेसिंग रूम में 15 अविश्वसनीय खिलाड़ियों का मामला है, जिन्होंने पिछले एक साल में बेहतरीन प्रदर्शन किया है... यही मामला है..."
उन्होंने कहा, "ईमानदारी से कहूं तो इस पर विश्वास नहीं होता... कुछ दिन पहले मैं किसी को बता रहा था कि दक्षिण अफ्रीका के साथ मैं पांच बार सेमीफाइनल में था, लेकिन हमारी टीम कभी फाइनल में नहीं पहुंची... मैं पाकिस्तान के साथ एक बार फाइनल में पहुंचा और पदक जीता..." कोच ने कहा, "यह बेहतरीन है, लेकिन श्रेय खिलाड़ियों को जाता है... वे बेहतरीन थे और मेरा साथी कोचिंग स्टाफ और प्रबंधन टीम भी शानदार थी..."
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