नई दिल्ली:
अंग्रेज़ों को उन्हीं के घर में मात देकर चैम्पियन्स ट्रॉफी को अपनी झोली में डाल लेने के साथ ही टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने वह कारनामा कर दिखाया है, जो एक से बढ़कर एक धुरंधर कहे जाने वालों कप्तानों में से भी कोई नहीं कर पाया था... चैम्पियन्स ट्रॉफी 2013 के वर्षा से बाधित फाइनल मैच में पांच रन से हराकर भारतीय टीम ने खिताब तो जीता ही, इसके साथ ही धोनी दुनिया के एकमात्र कप्तान बन गए, जिन्होंने अपने नेतृत्व में आईसीसी की सभी विश्व चैम्पियनशिप्स जीती हों...
इस अनूठे रिकॉर्ड की शुरुआत धोनी की कप्तानी में वर्ष 2007 में टी-20 वर्ल्डकप जीतने के साथ हुई थी... उसके बाद वर्ष 2009 में टीम इंडिया टेस्ट क्रिकेट में नंबर एक बनी, और फिर वर्ष 2011 में उन्होंने वन-डे इंटरनेशनल मैचों का वर्ल्डकप जीतकर देश को आल्हादित कर दिया... अब मिनी वर्ल्डकप भी हमारे नाम हो गया है, और इसी के साथ महेंद्र सिंह धोनी दुनिया के पहले कप्तान बन गए, जिसने आईसीसी की सभी प्रतियोगिताएं जीतीं...
यह एक ऐसे कामयाब कप्तान की कहानी है, जिसने क्रिकेट के मैदान पर लीक से हटकर सोचने की हिम्मत दिखाई और कहने-सुनने के लिए कई किस्से अपनी टीम के चाहने वालों को दिए... अपने नेतृत्व में चैम्पियन्स ट्रॉफी की इस जीत के साथ महेंद्र सिंह धोनी धोनी ने वह मुकाम हासिल कर लिया है, जो उनसे पहले किसी भी कप्तान के लिए एक सपने-सरीखा था...
लेकिन प्यार से 'माही' कहकर पुकारे जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी की कामयाबी की कहानी इतनी आसान भी नहीं है, क्योंकि जिस समय धोनी को कप्तानी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, हालात बिल्कुल उलट थे... टीम इंडिया वेस्ट इंडीज़ में खेले गए वर्ल्डकप में बुरी तरह पिट गई थी, और लोग गुस्से से आग-बबूला थे... लेकिन जिस टीम से किसी को कोई उम्मीद नहीं थी, उसने उसी साल धोनी की कप्तानी में टी-20 वर्ल्डकप अपने नाम कर लिया, और जब धोनी अपने धुरंधरों के साथ वतन लौटे तो पूरी मुंबई उनकी एक झलक पाने के लिए सड़कों पर उतर आई...
भारतीय क्रिकेट के दिग्गज ओरिजिनल 'लिटिल मास्टर' सुनील गावस्कर ने भी महेंद्र सिंह धोनी के लिए कहा, "मैं किसी की किसी से तुलना नहीं करूंगा, लेकिन यह भारत का सौभाग्य है कि उनके (महेंद्र सिंह धोनी के) जैसा कप्तान हमारे पास है, जो कूल है, ठंडे दिमाग से खेलता है, और युवा खिलाड़ियों को एन्करेज (प्रोत्साहित) करता रहता है..."
मैदान पर हमेशा शतरंज की चालों सरीखे अनूठे फैसले लेने के लिए मशहूर महेंद्र सिंह धोनी की कामयाबी आंकड़ों में भी साफ बोलती है... उन्होंने अपनी कप्तानी में 63 प्रतिशत वन-डे इंटरनेशनल मैचों में जीत हासिल की है, जबकि टेस्ट मैचों में भी उनकी जीत का प्रतिशत 51.06 है... इनके अतिरिक्त ट्वेन्टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी धोनी ने अपनी कप्तानी में 51.25 प्रतिशत मैच टीम इंडिया को जिताए हैं... ये सभी आंकड़े किसी भी अन्य भारतीय कप्तान से बेहतर हैं...
वर्ष 1983 में अपनी कप्तानी में पहली बार भारतीय टीम को वन-डे इंटरनेशनल की वर्ल्डकप जिताने वाले और दुनिया के बेहतरीन ऑल-राउंडरों में शुमार किए जाने वाले कपिल देव भी महेंद्र सिंह धोनी से खासे प्रभावित हैं, और कहते हैं, "वह (महेंद्र सिंह धोनी) गैम्बलर है..."
इस अनूठे रिकॉर्ड की शुरुआत धोनी की कप्तानी में वर्ष 2007 में टी-20 वर्ल्डकप जीतने के साथ हुई थी... उसके बाद वर्ष 2009 में टीम इंडिया टेस्ट क्रिकेट में नंबर एक बनी, और फिर वर्ष 2011 में उन्होंने वन-डे इंटरनेशनल मैचों का वर्ल्डकप जीतकर देश को आल्हादित कर दिया... अब मिनी वर्ल्डकप भी हमारे नाम हो गया है, और इसी के साथ महेंद्र सिंह धोनी दुनिया के पहले कप्तान बन गए, जिसने आईसीसी की सभी प्रतियोगिताएं जीतीं...
यह एक ऐसे कामयाब कप्तान की कहानी है, जिसने क्रिकेट के मैदान पर लीक से हटकर सोचने की हिम्मत दिखाई और कहने-सुनने के लिए कई किस्से अपनी टीम के चाहने वालों को दिए... अपने नेतृत्व में चैम्पियन्स ट्रॉफी की इस जीत के साथ महेंद्र सिंह धोनी धोनी ने वह मुकाम हासिल कर लिया है, जो उनसे पहले किसी भी कप्तान के लिए एक सपने-सरीखा था...
लेकिन प्यार से 'माही' कहकर पुकारे जाने वाले महेंद्र सिंह धोनी की कामयाबी की कहानी इतनी आसान भी नहीं है, क्योंकि जिस समय धोनी को कप्तानी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी, हालात बिल्कुल उलट थे... टीम इंडिया वेस्ट इंडीज़ में खेले गए वर्ल्डकप में बुरी तरह पिट गई थी, और लोग गुस्से से आग-बबूला थे... लेकिन जिस टीम से किसी को कोई उम्मीद नहीं थी, उसने उसी साल धोनी की कप्तानी में टी-20 वर्ल्डकप अपने नाम कर लिया, और जब धोनी अपने धुरंधरों के साथ वतन लौटे तो पूरी मुंबई उनकी एक झलक पाने के लिए सड़कों पर उतर आई...
भारतीय क्रिकेट के दिग्गज ओरिजिनल 'लिटिल मास्टर' सुनील गावस्कर ने भी महेंद्र सिंह धोनी के लिए कहा, "मैं किसी की किसी से तुलना नहीं करूंगा, लेकिन यह भारत का सौभाग्य है कि उनके (महेंद्र सिंह धोनी के) जैसा कप्तान हमारे पास है, जो कूल है, ठंडे दिमाग से खेलता है, और युवा खिलाड़ियों को एन्करेज (प्रोत्साहित) करता रहता है..."
मैदान पर हमेशा शतरंज की चालों सरीखे अनूठे फैसले लेने के लिए मशहूर महेंद्र सिंह धोनी की कामयाबी आंकड़ों में भी साफ बोलती है... उन्होंने अपनी कप्तानी में 63 प्रतिशत वन-डे इंटरनेशनल मैचों में जीत हासिल की है, जबकि टेस्ट मैचों में भी उनकी जीत का प्रतिशत 51.06 है... इनके अतिरिक्त ट्वेन्टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भी धोनी ने अपनी कप्तानी में 51.25 प्रतिशत मैच टीम इंडिया को जिताए हैं... ये सभी आंकड़े किसी भी अन्य भारतीय कप्तान से बेहतर हैं...
वर्ष 1983 में अपनी कप्तानी में पहली बार भारतीय टीम को वन-डे इंटरनेशनल की वर्ल्डकप जिताने वाले और दुनिया के बेहतरीन ऑल-राउंडरों में शुमार किए जाने वाले कपिल देव भी महेंद्र सिंह धोनी से खासे प्रभावित हैं, और कहते हैं, "वह (महेंद्र सिंह धोनी) गैम्बलर है..."
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