5 Controversial Moments In Border Gavaskar Trophy: बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के इतिहास पर नजर डालें तो यहां विवादों की कमी नजर नहीं आती है. प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में ऐसी कई घटनाएं घटी हैं जो इस सीरीज को शर्मसार करती हैं. चाहे वो मंकीगेट कांड हो या 2008 में माइकल क्लार्क की तरफ से भारतीय खिलाड़ियों पर लगातार स्लेजिंग करने का मामला. सीरीज के दौरान कई बार ऐसी घटनाएं देखी गई हैं. जिससे क्रिकेट की साख को नुकसान पहुंचा है. बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी के आगामी सीजन से पूर्व बात करें ऐसी ही पांच बड़ी घटनाओं के बारे में जिससे बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी की छवि को नुकसान पहुंचा है, तो वो कुछ इस प्रकार है-
साइमंड्स और हरभजन की नोक-झोंक बनी 'मंकीगेट'
साल 2007-08 में भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया दौरे पर थी. सीरीज का एक मुकाबला सिडनी में खेला गया. जहां बल्लेबाजी के दौरान एंड्र्यू साइमंड्स और हरभजन सिंह के बीच तीखी नोकझोंक देखी गई. बाद में कंगारू खिलाड़ी ने हरभजन सिंह के ऊपर आरोप लगाया था कि उन्होंने मैच के दौरान उन्हें 'मंकी' कहकर पुकारा था. जिसके बाद हरभजन को तीन मैचों के लिए प्रतिबंधित भी कर दिया गया. मगर बाद में सबूतों के अभाव में प्रतिबंध को हटा दिया गया.
स्टीव स्मिथ ने खेल भावना को तोड़ा
साल 2017 में सीरीज का एक मुकाबला बेंगलुरु में खेला गया. जहां भारतीय खिलाड़ियों के आउट करने की अपील के बाद स्टीव स्मिथ को डीआरएस की मदद के लिए ड्रेसिंग रूम की तरफ देखा गया. यह बात भारतीय खिलाड़ियों और कप्तान विराट कोहली को बिल्कुल पसंद नहीं आई. उन्होंने तुरंत अंपायरों की तरफ रुख किया और सवाल खड़ा किया. जिसके बाद स्मिथ की खूब आलोचना हुई थी. यही नहीं उनके इस हरकत को खेल भावना के खिलाफ करार दिया गया था.
ऋषभ पंत और टिम पेन के बीच हुआ विवाद
2018-19 में ऋषभ पंत और टिम पेन के बीच मैदान में काफी कहा सुनी हुई थी. शुरुआत में तो दोनों खिलाड़ियों के बीच हल्की फुल्की नोकझोंक चली. मगर जैसे-जैसे टूर्नामेंट आगे बढ़ता रहा. वैसे-वैसे इनका वाक युद्ध भी बढ़ता गया. ऑस्ट्रेलियाई कप्तान टिम पेन ने पंत को उकसाते हुए कहा कि वह उनका बेबीसिटर बन जाएं, क्योंकि धोनी की वनडे टीम में वापसी हो गई है और अब शायद ही उन्हें मौका मिले. जिसके बाद पंत ने जवाब देते हुए कहा था कि ऑस्ट्रेलिया के अस्थायी कप्तान क्रीज पर आ गए हैं. इसका मतलब था खराब प्रदर्शन के बाद जल्द ही उनकी टीम से छुट्टी होने वाली है.
माइकल क्लार्क की स्लेजिंग
2007-08 में ऑस्ट्रेलियाई टीम बेहद मजबूत हुआ करती थी. वह विपक्षी टीम के ऊपर सभी तरह से वार करती थी. जिसमें स्लेजिंग भी शामिल था. सिडनी टेस्ट के दौरान पूर्व ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर माइकल क्लार्क ने भारतीय खिलाड़ियों पर खूब स्लेजिंग किए थे. यही नहीं इस मैच में अंपायरों का निर्णय भी बेहद निराशाजनक था. जिसकी वजह से इस मैच को हमेशा याद रखा जाता है.
पुणे पिच आलोचना
2017 में जब भारत और ऑस्ट्रेलिया की टीम पुणे में आमने-सामने हुई थी. उस दौरान स्पिनरों का जलवा देखने को मिला. नतीजा यह रहा कि यह मुकाबला महज तीन दिनों में ही समाप्त हो गया. जिसकी वह से पिच की काफी आलोचना हुई थी. हालांकि, कंगारु टीम मुकाबला अपने नाम करने में कामयाब रही. उसे इस मैच में 333 रनों के बड़े अंतर से जीत नसीब हुई थी.