भारतीय क्रिकेट बोर्ड आज पूरी तरह से अपने निर्वासित अध्यक्ष एन. श्रीनिवासन के समर्थन में खड़ा हो गया, जिन्हें मुद्गल समिति ने सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग के आरोपों से बरी कर दिया है। इसके साथ ही बीसीसीआई ने आईपीएल सीओओ सुंदर रमन का भी सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई में उनका साथ देने का फैसला किया।
बोर्ड की कार्यकारिणी की आपात बैठक में इसके अलावा अध्यक्ष सहित नए पदाधिकारियों के चुनाव के लिए सालाना आम सभा (एजीएम) स्थगित करने का फैसला किया गया। अब यह 20 नवंबर के बजाय 17 दिसंबर को होगी।
सुंदर रमन पर सटोरिया के संपर्क में रहने का आरोप है, लेकिन बोर्ड ने उनका भी समर्थन किया। बोर्ड ने श्रीनिवासन का साथ देने का फैसला किया, जिन्हें इन आरोपों से बरी कर दिया गया है कि उन्होंने जांच को प्रभावित करने की कोशिश की थी।
बीसीसीआई ने कहा कि बोर्ड को अस्थिर करने के मकसद से श्रीनिवासन के खिलाफ आरोप लगाए गए थे। श्रीनिवासन अभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के भी चेयरमैन हैं।
बीसीसीआई ने बयान में कहा, 'सदस्यों ने मुद्गल समिति की अंतिम रिपोर्ट के निष्कर्ष पर चर्चा की और उसे लगा कि श्रीनिवासन की तरफ से कुछ भी गलत नहीं किया गया और कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा उनके ऊपर लगाए गए आरोप आधारहीन हैं और उनका उद्देश्य बीसीसीआई के कामकाज को अस्थिर करना है।'
इसके अलावा कार्यकारिणी ने सुप्रीम कोर्ट में सौंपी गयी रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों के संबंध में रमण का पक्ष भी सुना। कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई 24 नवंबर को करेगा।
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