मुशफिकुर रहीम ने बल्ले से तो कमाल किया, लेकिन विकेट के पीछे नाकाम रहे (फाइल फोटो)
हैदराबाद:
आपने कुछ दिनों पहले ही एक खबर पढ़ी होगी कि टीम इंडिया से 4-0 से करारी हार के बाद इंग्लैंड के टेस्ट कप्तान एलिस्टर कुक ने इस्तीफा दे दिया है. यह वही कुक हैं, जिनकी कप्तानी में इंग्लैंड ने 2012 के भारत दौरे में 2-1 से जीत दर्ज कर ली थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ और उनकी टीम बुरी तरह हार गई. आमतौर यह देखा गया है कि जब भी कोई टीम विदेशी धरती पर हारती है तो कप्तान उसका सहज निशाना बन जाता है. जहां कुक को कप्तानी छोड़ने पड़ी, वहीं हाल ही में जब पाकिस्तान टीम ऑस्ट्रेलिया में हारी, तो कप्तान मिस्बाह उल हक भी निशाने पर आ गए थे. इंग्लैंड के बाद बांग्लादेश क्रिकेट टीम पहली बार भारत दौरे पर आई और उसका भी वही हाल हुआ. टीम इंडिया ने उसे खेल के हर विभाग में मात दी. अब ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि उसके कप्तान मुशफिकुर रहीम पर भी खतरा मंडरा रहा है. उनकी आलोचना का दौर शुरू हो गया है. खास बात यह कि कप्तान ने खुद ही कह दिया है कि यदि उनका बोर्ड कप्तानी की समीक्षा करना चाहता है, तो कर सकता है.
वास्तव में बांग्लादेश टीम ने अपनी धरती पर इंग्लैंड के खिलाफ शानदार खेल दिखाया था, लेकिन भारत दौरे पर वह परास्त हो गई. कप्तान मुश्फिकुर रहीम ने 127 रनों की शतकीय पारी तो खेली, लेकिन वह विकेट के पीछे और कप्तानी के मामले में कमतर नजर आए. उन्होंने टीम इंडिया के विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा की आसान सी स्टंपिंग मिस कर दी और साहा ने शतक ठोककर भारत को बेहद मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया था.
मुशफिकुर का कहना है कि बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) उनकी कप्तानी का 'विश्लेषण' कर सकता है और वह इसके लिए तैयार हैं. गौरतलब है कि भारत के खिलाफ सोमवार को समाप्त हुए एकमात्र टेस्ट मैच में बांग्लादेश को 208 रनों से हार मिली थी.
वेबसाइट 'ईएसपीएनक्रिकइन्फो डॉट कॉम' की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2013 में बांग्लादेश के वनडे टीम के कप्तान का पद छोड़ने के बाद से उनकी कप्तानी के बारे में चर्चा जारी रही है. 2015 के बाद से कप्तान के तौर पर उनकी आलोचनाएं बढ़ने लगीं और इसका असर भारत के खिलाफ खेले गए हैदराबाद टेस्ट मैच में साफ नजर आया, जहां उनकी विकेटकीपिंग भी सवालों के घेरे में आ गई.
हालांकि, मुश्फिकुर का कहना है कि वह टीम में विकेटकीपर, बल्लेबाज और कप्तान के तौर अपने किरदारों से खुश हैं और उन्होंने टीम को अपना बेस्ट दिया है. रहीम ने यह भी कहा है कि उन्हें टीम में विराट कोहली जैसे बल्लेबाज की कमी कल रही है, जो अपनी समझदारी भरी पारी से टेस्ट ड्रॉ करा सके. गौरतलब है कि शाकिब अल हसन, महमुदुल्लाह जैसे बल्लेबाजों ने संघर्ष तो दिखाया, लेकिन टीम को हार से नहीं बचा पाए.
बांग्लादेश के लिए हैदराबाद टेस्ट मैच की पहली पारी में मुश्फिकुर ने 127 रन बनाए थे, जिससे मध्यक्रम में बल्लेबाज के तौर पर उनकी भूमिका स्पष्ट हुई. उनका कहना है कि 2011 में बीसीबी द्वारा उन्हें विकेटकीपर, बल्लेबाज और कप्तान की भूमिकाएं सौंपे जाने के बाद से वह इन्हें निभाकर खुश हैं. यह बोर्ड पर है कि वह इस मुद्दे पर विचार करता है या नहीं.
मुश्फिकुर ने कहा, 'मेरा रन बनाने का औसत 33 या 34 से अधिक नहीं है. तो, फिर किस प्रकार मैं बांग्लादेश का शीर्ष बल्लेबाज कहला सकता हूं. यह जरूर है कि अगर आपको टीम में दो या तीन भूमिकाएं सौंपी गई हैं, तो इसका मतलब है कि प्रबंधन ने आप पर भरोसा जताया है. मेरे किरदारों का फैसला बोर्ड पर निर्भर करता है और उन्हें मेरे भविष्य का फैसला करने दें.'
(इनपुट आईएएनएस से भी)
वास्तव में बांग्लादेश टीम ने अपनी धरती पर इंग्लैंड के खिलाफ शानदार खेल दिखाया था, लेकिन भारत दौरे पर वह परास्त हो गई. कप्तान मुश्फिकुर रहीम ने 127 रनों की शतकीय पारी तो खेली, लेकिन वह विकेट के पीछे और कप्तानी के मामले में कमतर नजर आए. उन्होंने टीम इंडिया के विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा की आसान सी स्टंपिंग मिस कर दी और साहा ने शतक ठोककर भारत को बेहद मजबूत स्थिति में पहुंचा दिया था.
मुशफिकुर का कहना है कि बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) उनकी कप्तानी का 'विश्लेषण' कर सकता है और वह इसके लिए तैयार हैं. गौरतलब है कि भारत के खिलाफ सोमवार को समाप्त हुए एकमात्र टेस्ट मैच में बांग्लादेश को 208 रनों से हार मिली थी.
वेबसाइट 'ईएसपीएनक्रिकइन्फो डॉट कॉम' की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2013 में बांग्लादेश के वनडे टीम के कप्तान का पद छोड़ने के बाद से उनकी कप्तानी के बारे में चर्चा जारी रही है. 2015 के बाद से कप्तान के तौर पर उनकी आलोचनाएं बढ़ने लगीं और इसका असर भारत के खिलाफ खेले गए हैदराबाद टेस्ट मैच में साफ नजर आया, जहां उनकी विकेटकीपिंग भी सवालों के घेरे में आ गई.
हालांकि, मुश्फिकुर का कहना है कि वह टीम में विकेटकीपर, बल्लेबाज और कप्तान के तौर अपने किरदारों से खुश हैं और उन्होंने टीम को अपना बेस्ट दिया है. रहीम ने यह भी कहा है कि उन्हें टीम में विराट कोहली जैसे बल्लेबाज की कमी कल रही है, जो अपनी समझदारी भरी पारी से टेस्ट ड्रॉ करा सके. गौरतलब है कि शाकिब अल हसन, महमुदुल्लाह जैसे बल्लेबाजों ने संघर्ष तो दिखाया, लेकिन टीम को हार से नहीं बचा पाए.
बांग्लादेश के लिए हैदराबाद टेस्ट मैच की पहली पारी में मुश्फिकुर ने 127 रन बनाए थे, जिससे मध्यक्रम में बल्लेबाज के तौर पर उनकी भूमिका स्पष्ट हुई. उनका कहना है कि 2011 में बीसीबी द्वारा उन्हें विकेटकीपर, बल्लेबाज और कप्तान की भूमिकाएं सौंपे जाने के बाद से वह इन्हें निभाकर खुश हैं. यह बोर्ड पर है कि वह इस मुद्दे पर विचार करता है या नहीं.
मुश्फिकुर ने कहा, 'मेरा रन बनाने का औसत 33 या 34 से अधिक नहीं है. तो, फिर किस प्रकार मैं बांग्लादेश का शीर्ष बल्लेबाज कहला सकता हूं. यह जरूर है कि अगर आपको टीम में दो या तीन भूमिकाएं सौंपी गई हैं, तो इसका मतलब है कि प्रबंधन ने आप पर भरोसा जताया है. मेरे किरदारों का फैसला बोर्ड पर निर्भर करता है और उन्हें मेरे भविष्य का फैसला करने दें.'
(इनपुट आईएएनएस से भी)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
मुशफिकुर रहीम, विराट कोहली, एलिस्टर कुक, भारत बनाम बांग्लादेश, Mushfiqur Rahim, Virat Kohli, Cricket News In Hindi, Alastair Cook, India Vs Bangladesh, INDvsENG