- शांता रंगास्वामी ने हरमनप्रीत कौर से कप्तानी छोड़कर बल्लेबाजी और फील्डिंग पर ध्यान देने की सलाह दी
- अंजुम चोपड़ा ने रंगास्वामी के बयान की आलोचना करते हुए इसे निराधार और बार-बार दोहराए जाने वाला बताया
- अंजुम चोपड़ा ने कहा कि हर वर्ल्ड कप के बाद हरमनप्रीत को हटाने की मांगों का सिलसिला शुरू हो जाता है
Anjum Chopra on Harmanpreet Kaur : पूर्व भारतीय कप्तान शांता रंगास्वामी नेहरमनप्रीत कौर को लेकर बड़ा बयान दिया और कहा कि, " हरमनप्रीत को अब कप्तानी छोड़ देनी चाहिए और अपनी बल्लेबाजी और फील्डिंग पर ज़्यादा ध्यान देना चाहिए." पीटीआई से बात करते हुए, रंगास्वामी ने ज़ोर देकर कहा कि "यह बदलाव टीम के भविष्य को ध्यान में रखते हुए किया जाना चाहिए." उनकी इस बयान ने खलबली मचा दी है. फैन्स ने हरमनप्रीत की क्षमता को कम करके आंकने के लिए रंगास्वामी की आलोचना की.
वहीं, दूसरी ओर NDTV के साथ एक विशेष बातचीत में, पूर्व भारतीय कप्तान अंजुम चोपड़ा ने रंगास्वामी के बयान पर नाराज़गी व्यक्त की और आगे इस पर कोई टिप्पणी नहीं करने का फैसला किया. अंजुम चोपड़ा ने ने इंटरव्यू में कहा, "हर वर्ल्ड कप के बाद, इस तरह का एक बयान सामने आता है. पिछले चार-5 वर्ल्ड कप उठाकर देख लीजिए, आप देख सकते हैं कि इस तरह के बयान कितनी बार दिए गए हैं. जब भारत कोई टूर्नामेंट हारता है, तो वे कहते हैं कि हरमनप्रीत को हटा देना चाहिए. जब भारत कोई टूर्नामेंट जीतता है, तो वे कहते हैं कि हरमनप्रीत को हटा देना चाहिए, यह बिल्कुल अजीब है."
पूर्व भारतीय कप्तान अंजुम चोपड़ा आगे कहा, "इस तरह के बयान हर बार दिए जाते हैं, उन्होंने आगे कहा, "मैं अभी इस पर कोई बयान नहीं करना चाहती हू्ं क्योंकि इससे भारत की जीत का पल खराब हो जाएगा. "
हरमनप्रीत और अंजुम के बीच बहुत गहरा रिश्ता है. वर्ल्ड कप ट्रॉफी जीतने के बाद भी, भारतीय कप्तान ने शुरुआती दिनों में अंजुम की ओर से दिए गए समर्थन की तारीफ की. हरमनप्रीत के सफ़र पर बात करते हुए, अंजुम ने कहा, "जब मैंने उसे पहले दिन देखा था, तो वह हमारे साथ घरेलू क्रिकेट खेल रही थी. बाद में, हम सभी 2007-08 में मुंबई में चैलेंजर ट्रॉफी टूर्नामेंट खेलने के लिए एक भारतीय कैंप में थे. मैंने तुरंत महसूस किया कि वह कितनी प्रतिभाशाली है, एक अंडर-19 खिलाड़ी जो गेंद को दूर तक मार सकती थी. मुझे यकीन था कि वह खास है."
उन्होंने आगे कहा, "भारतीय टीम में शामिल होने से पहले मैं उसके साथ घरेलू क्रिकेट में खेली थी. उन कुछ मैचों में हरमन ने जिस तरह का कौशल दिखाया, उसने मुझे बहुत प्रभावित किया. पहले दिन से लेकर आज तक मैंने कभी नहीं सोचा कि वह मैच-विनर नहीं है. इसीलिए मैं सालों से हमेशा यह कहती रही हूं कि हरमन को हमारा कप्तान होना चाहिए."
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं