वनडे क्रिकेट के इतिहास में सिर्फ चार डबल सेंचुरी बनी है और चारों भारतीय खिलाड़ी हैं। रोहित शर्मा की प्रतिभा बताने के लिए इतना काफी है कि इसमें से दो दोहरे शतक उन्हीं के नाम हैं।
वनडे में रोहित ने कई मौकों पर अपनी काबिलियत साबित की, लेकिन खुद को टेस्ट में साबित करना अब भी बाकी है। रोहित ने अब तक सिर्फ 7 टेस्ट खेले हैं, जिसमें उनके नाम 489 रन है। इसमें दो शतक और एक अर्द्धशतक शामिल है।
रोहित ने अपना पहला वनडे 2007 में खेला, लेकिन टेस्ट में डेब्यू करने के लिए उन्हें करीब 6 साल इंतजार करना पड़ा और वेस्टइंडीज़ के खिलाफ उन्हें कोलकाता टेस्ट में खेलने का मौका दिया गया।
वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू टेस्ट में उन्होंने शानदार शतक लगाया और हर किसी को अपना दीवाना बना लिया। दक्षिण अफ्रीका दौरे पर रोहित को टेस्ट टीम में रखा गया, लेकिन अपने पहले विदेशी दौरे पर वह पूरी तरह नाकाम रहे।
दक्षिण अफ्रीका की उछाल भरी विकेटों पर डेल स्टेन और मॉर्नी मॉर्कल जैसे गेंदबाज़ों ने रोहित को खूब परेशान किया। खासकर डेल स्टेन ने रोहित को रन बनाने के कम मौके दिए। नतीजा रहा अपने पहले दोनों टेस्ट में शतक बनाने वाले रोहित अफ्रीकी जमीन पर खेले गए दो टेस्ट में सिर्फ 45 रन बना सके।
न्यूजीलैंड दौरा रोहित के लिए थोड़ा बेहतर रहा। यहां उन्होंने दो टेस्ट की चार पारियों में 122 रन बनाए, जिसमें ऑकलैंड टेस्ट की पहली पारी में 72 रन की शानदार पारी शामिल है।
इंग्लैंड दौरे पर टीम इंडिया के बड़े−बड़े बल्लेबाज़ फ्लॉप हो रहे थे और रोहित भी उसी कतार में शामिल हुए, हालांकि उन्हें सिर्फ एक टेस्ट खेलने का मौका मिला, जो टीम इंडिया के साथ−साथ रोहित के लिए भी भुला देने वाला रहा। यहां इंग्लैंड ने भारत को 266 रन के बड़े अंतर से हराया।
अब ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर रोहित के सामने बड़ी चुनौती है। जहां मिचेल जॉनसन के साथ तेज गेंदबाजों की बड़ी फौज उनका इम्तिहान लेने के लिए तैयार है।
अगर यहां रोहित ऑस्ट्रेलिया की तेज पिच पर रन बनाने में सफल हुए तो टेस्ट क्रिकेट में भी वह अपनी पहचान बनाने में सफल हो जाएंगे, लेकिन यहां नाकामी उन्हें टेस्ट क्रिकेट से दूर कर सकती है।
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