एमएस धोनी और विराट कोहली (फाइल फोटो)
आक्रामक क्रिकेट की बात आते ही टीम इंडिया की ऐसी तस्वीरें सामने आती हैं, जिससे कई बार लगता है कि खिलाड़ी कहीं मैदान पर झगड़ा करते या आंखें तरेरते न नजर आएं। लेकिन कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने धर्मशाला T-20 से पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पत्रकारों के सामने स्पष्ट किया कि जो आक्रामकता टीवी पर दिखाई जा रही है और अखबारों में लिखी जा रही है वो यकीनन आक्रामक क्रिकेट से अलग बात है।
द्रविड़ का दिया उदाहरण
माही ने इंडिया-ए और अंडर-19 टीम के कोच राहुल द्रविड़ का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि पूर्व कप्तान के मुताबिक अगर एक तेज गेंदबाज के खिलाफ अच्छा फॉरवर्ड डिफेंसिव शॉट खेला जाए, तो उसे आक्रामक क्रिकेट कहेंगे। धोनी कहते हैं आक्रामकता तो लेकर हम अक्सर इस गलतफहमी में आ जाते हैं कि खिलाड़ी आंखों में आंखें डालकर चेतावनी दें या फिर फिजिकल कॉन्टैक्ट करें, लेकिन यह सही आक्रामकता नहीं है।
सीमा का रखेंगे ध्यान
एमएस धोनी ने यह भी कहा कि तथाकथित आक्रामकता से खिलाड़ी कई बार सीमा लांघ जाते हैं और उन पर जुर्माना भी लग जाता है, लेकिन उनके मुताबिक टी-20 और वनडे में टीम इंडिया आक्रामक क्रिकेट तो खेलेगी, लेकिन इस बात का ख्याल भी रखेगी कि सीमा न लांघें।
द्रविड़ का दिया उदाहरण
माही ने इंडिया-ए और अंडर-19 टीम के कोच राहुल द्रविड़ का उदाहरण पेश करते हुए कहा कि पूर्व कप्तान के मुताबिक अगर एक तेज गेंदबाज के खिलाफ अच्छा फॉरवर्ड डिफेंसिव शॉट खेला जाए, तो उसे आक्रामक क्रिकेट कहेंगे। धोनी कहते हैं आक्रामकता तो लेकर हम अक्सर इस गलतफहमी में आ जाते हैं कि खिलाड़ी आंखों में आंखें डालकर चेतावनी दें या फिर फिजिकल कॉन्टैक्ट करें, लेकिन यह सही आक्रामकता नहीं है।
सीमा का रखेंगे ध्यान
एमएस धोनी ने यह भी कहा कि तथाकथित आक्रामकता से खिलाड़ी कई बार सीमा लांघ जाते हैं और उन पर जुर्माना भी लग जाता है, लेकिन उनके मुताबिक टी-20 और वनडे में टीम इंडिया आक्रामक क्रिकेट तो खेलेगी, लेकिन इस बात का ख्याल भी रखेगी कि सीमा न लांघें।
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