
Abhimanyu Easwaran Father on Gautam Gambhir: हाल ही में समाप्त हुई भारत बनाम इंग्लैंड सीरीज़ से कई हीरो उभरे, वहीं कुछ खिलाड़ी छाया में रहे. कुलदीप यादव, अर्शदीप सिंह, अभिमन्यु ईश्वरन जैसे सितारों को एक भी मैच में मौका नहीं मिला. इन तीनों में से ईश्वरन का मामला दिलचस्प है. उन्हें 2021-22 में पहली बार भारतीय टीम में शामिल किया गया था, लेकिन उसके बाद 15 खिलाड़ियों ने टेस्ट डेब्यू किया, लेकिन ईश्वरन ने नहीं. उनके पिता रंगनाथन ईश्वरन अपने बेटे के बार-बार चूकने से नाराज़ हैं. अभिमन्यु ईश्वरन ने 103 प्रथम श्रेणी मैच खेले हैं और 48.70 की औसत से 7841 रन बनाए हैं.
गौतम गंभीर ने जब मेरे बेटे से बात की, तो उन्होंने उसे आश्वासन दिया कि देखो, तुम सही काम कर रहे हो, तुम्हें अपनी बारी ज़रूर मिलेगी, तुम्हें लंबे समय तक खेलने का मौका मिलेगा. 'मैं वो नहीं हूँ जो तुम्हें एक या दो मैचों के बाद बाहर कर दूँ. मैं तुम्हें लंबा मौका दूँगा.' मेरे बेटे ने मुझे यही बताया. पूरी कोचिंग टीम ने उसे भरोसा दिलाया कि उसे उसका हक़ मिलेगा, उसे लंबे समय तक खेलने का मौका मिलेगा. मैं बस यही कह सकता हूँ. मेरा बेटा 4 साल से इंतज़ार कर रहा है, उसने 23 साल कड़ी मेहनत की है," रंगनाथन ने विक्की लालवानी के यूट्यूब चैनल पर एक इंटरव्यू में कहा.
"उसे एक रन कम पर खेलना चाहिए था. इसमें कोई शक नहीं है. इस बारे में कोई दूसरा विचार नहीं है. साईं सुदर्शन के लिए कोई बुरी भावना नहीं है. वह कहाँ फिट बैठता है? 0, 30, 61, 0 (लीड्स और मैनचेस्टर टेस्ट में साईं सुदर्शन का स्कोर). वे अभिमन्यु को आज़मा सकते थे. अभिमन्यु ने अपने लगभग 30% मैच ईडन गार्डन्स में खेले हैं, जहाँ हरी पिच है और उसे हरी पिचों पर खेलने का अनुभव है और रिकॉर्ड बताते हैं कि अभिमन्यु एक ऐसा खिलाड़ी है जो लंबे समय तक पारी को संभाले रखता है. रिकॉर्ड बोलते हैं," अभिमन्यु ईश्वरन के पिता ने कहा.
उन्होंने करुण नायर का भी उदाहरण दिया, जिन्होंने आठ साल बाद वापसी की और तीसरे नंबर पर खेले. "करुण नायर ने कभी वन-डाउन नहीं खेला. वह हमेशा विदर्भ के लिए टू-डाउन और थ्री-डाउन पर खेले हैं. वह वन-डाउन की दौड़ में कैसे आ गए? अचानक आपको ऐसे खिलाड़ी मिल जाएँगे जो चौथे और पाँचवें नंबर पर खेलते हैं, वे टॉप ऑर्डर बल्लेबाज़ बन जाते हैं. लेकिन मेरा बेटा टॉप ऑर्डर बल्लेबाज़ है. वह तीसरे या चौथे नंबर पर भी नहीं जा सकता, वह सिर्फ़ ओपनर ही खेल सकता है. यही पैमाना है जिसका इस्तेमाल वे करते हैं," उन्होंने कहा.
"यह चयनकर्ता को दोष देने की बात नहीं है. चयनकर्ताओं को उस पर भरोसा है. इसलिए वे उसे साल-दर-साल अलग-अलग टीमों में चुन रहे हैं. लेकिन सवाल यह है कि मुझे लगता है कि आईपीएल को रणजी ट्रॉफी पर हावी नहीं होना चाहिए."रंगनाथन ईश्वरन ने आगे कहा कि अभिमन्यु को चेतेश्वर पुजारा की जगह वन-डाउन खेलने के लिए कहा गया था.
"अभिमन्यु को भारत ए टीम में चुना गया. वह दक्षिण अफ्रीका गए. उस समय भारतीय कोचों की सलाह पर, अभिमन्यु को वन-डाउन खेलने के लिए कहा गया, क्योंकि चेतेश्वर पुजारा क्रिकेट छोड़ रहे थे. इसलिए उन्होंने तीसरे नंबर पर खेला और मार्को जेनसन और पाँच अन्य बेहतरीन गेंदबाजों के खिलाफ 103 रन बनाए," उन्होंने कहा.
"जब तक वह दक्षिण अफ्रीका से वापस आए, बंगाल क्वार्टर फाइनल में कर्नाटक से हार चुका था. कर्नाटक ने सौराष्ट्र के खिलाफ प्री-क्वार्टर फाइनल खेला. तब तक बंगाल विजय हजारे ट्रॉफी से बाहर हो चुका था. इसलिए प्रतिभा खोजकर्ताओं के पास कागज़ पर दिखाने के लिए कुछ भी नया नहीं था. और यही धारणा—और मेरे बेटे के प्रोफाइल में आईपीएल रिकॉर्ड का न होना—मुझे लगता है कि उसके भारत में चयन में एक बड़ी बाधा बन गई."
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