भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद ने उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर कहा कि जो नुकसान हुआ उसकी भरपाई नहीं हो सकती. जो आंदोलन हम लोग दो महीने से चला रहे थे वह हिंसा की वजह से पीछे चला गया. जो सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे उनके बीच डर पैदा कर दिया गया. यह सब साजिश है. सरकार के पास खुफिया जानकारी है.
चंद्रशेखर ने कहा कि राजधानी में इनके लोग जमा हैं, पीछे सपोर्ट है. सरकार के साथ पुलिस की मौजूदगी में हुआ, कौन है इनके पीछे. उन्होंने कहा कि 23 को भारत बंद जो आरक्षण के खिलाफ दलितों का था, उससे ध्यान हटाने के लिए किया गया. मंडल आया तो बाबरी मस्जिद शहीद हो गई.
हिंसा और तोड़ने वाले कामयाब हुए. प्रदर्शन करने वाले दो महीने से सड़क पर थे पर विरोध करने वाले चंद लोग आते हैं और हिंसा में तब्दील. उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी किसकी है.
उन्होंने कहा कि जब ये कहा जा रहा था कि तीन दिन में खाली करा देंगे, प्रवेश वर्मा, योगी जी और कपिल के बयान क्या थे. गरीब पिस गया है उसकी भरपाई कौन करेगा. सबकी जांच करें. मैं जामा मस्जिद में संविधान पढ़ता हूं तो गिरफ्तार कर लिया जाता है. पुलिस पथराव कर रही है. दुकानें जलाई जा रही हैं. अल्पसंख्यक और दलित में डर फैलाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि हम बाबा साहेब को मानने वाले हैं. कलम को मानते हैं, गोली और बोली के लोग नहीं हैं. अगर ये दिल्ली की सुरक्षा नहीं कर सकते तो देश की क्या करेंगे इस्तीफा दें. राजनीतिक एजेंडे के तहत देश को बरबाद कर रहे हैं. इन पर भरोसा नहीं है. लोग सामने आएं एक-दूसरे की मदद करें. दीवार बनें, मजहब की हिफाजत करें. जिनके घर जले हैं उनको मदद दे सरकार.
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