दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना (LG Vinay Saxena) ने हाल ही में हुए शिक्षकों के ट्रांसफर पर रोक लगा दी है. उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव और शिक्षा निदेशक को सलाह दी है कि ट्रांसफर प्रक्रिया में निष्पक्ष दृष्टिकोण अपनाएं.
दरअसल हाल ही में दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ा रहे 5000 शिक्षकों के ट्रांसफर का आदेश जारी किया गया था. ये वे शिक्षक थे जो एक ही स्कूल में 10 साल से काम कर रहे थे. इसके बाद दिल्ली सरकार की शिक्षा मंत्री आतिशी ने इसका जमकर विरोध किया.
आतिशी ने अधिकारियों को इसे रोकने के आदेश भी दिए थे, लेकिन अधिकारियों ने आदेश नहीं माना. इसके बाद आतिशी ने मुख्य सचिव को भी चिट्ठी लिखकर इस आदेश को तुरंत रद्द करने की मांग की थी. आतिशी ने अधिकारियों पर इस ट्रांसफर मामले में भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप भी लगाए थे और जांच की मांग की थी.
दिल्ली की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा, दो जुलाई को बीजेपी ने अपने एलजी के माध्यम से रातोंरात 5000 सरकारी स्कूलों के टीचर्स के ट्रांसफर कर दिए. यह ट्रांसफर दिल्ली की शिक्षा मंत्री के आदेश के खिलाफ जाकर कर दिए गए. यह ट्रांसफर क्यों किए गए?
उन्होंने कहा, इन 5000 शिक्षकों का ट्रांसफर इसलिए किया गया क्योंकि यह वे टीचर्स हैं जिन्होंने पिछले 10 साल में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर स्कूलों का कायापलट किया है. ये वे टीचर हैं जिनकी मेहनत की वजह से दिल्ली के सरकारी स्कूल आज प्राइवेट स्कूलों से बेहतर हैं. लेकिन हमने तभी यह वादा किया था, दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार स्कूलों को नुकसान नहीं होने देगी.
आतिशी ने कहा कि, हम टीचर्स के हक के लिए, दिल्ली के बच्चों की शिक्षा के लिए लड़ते रहेंगे. और आज इस बात की खुशी है कि बीजेपी को उनके एलजी को इन 5000 टीचर्स के ट्रांसफर को रोकना पड़ा. आगे भी अगर दिल्ली की शिक्षा क्रांति को रोकने की कोशिश की गई तो हम इसका जमकर विरोध करेंगे.
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