मुंबई:
अपनी हत्या के कुछ दिन पहले तक शीना बोरा अपनी मां से बेहद नाराज थी, लेकिन वो उससे मेल मिलाप की उम्मीद भी बांधे थी। शीना की मां पर इंद्राणी पर ही उसकी हत्या का आरोप लगा है।
मैं हमेशा इस बात से दुखी रहती
हत्या के करीब महीने भर पहले शीना ने अपनी मां इन्द्राणी को मेल लिखा था कि मैं हमेशा इस बात से दुखी रहती हूंकि आप ने मां होकर भी हमें अपने हाल पर छोड़ दिया। ये भी नहीं देखा कि हम जिन्दा भी हैं या नहीं। लेकिन मैं कभी ये समझ नहीं पाई कि क्यों आपने घर छोड़ दिया था?
चुभती बातों के लिए माफ़ी चाहती हूं
शीना ने आगे लिखा कि मैं अपनी चुभती बातों के लिए माफ़ी चाहती हूं। लेकिन मेरी ये समझ में नहीं आ रहा कि आपने अपने ही पैरेंट्स को क्यों धमकाया कि आप उनकी आर्थिक मदद रोक देंगी। अगर मैं राहुल के साथ गोहाटी जाऊंगी या फिर उससे शादी करुंगी तो? मैं बहुत उलझन में हूं और समझ नहीं पा रही हूं कि कौन झूठ बोल रहा है।
मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो
खैर दुश्मनी करने, झूठ बोलने के लिए जिंदगी बहुत छोटी होती है। चलिए एक खुशहाल जिंदगी जीते हैं, जिसमें झूठ और जोड़तोड़ न हो। शीना ने मेल के आखिरी में यहां तक लिखा कि कृपया मेरे इस मेल का जवाब नहीं देना। मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो बस और कुछ नहीं।
हम सब ठीक कर देंगे
लेकिन शीना के इस मेल का जवाब इन्द्राणी ने अगले दिन ही मेल के जरिये दिया। इन्द्राणी ने लिखा, मैं इंतजार ही कर रही थी। मुझे ख़ुशी है कि तुमने मुझसे संपर्क किया। हम सब ठीक कर देंगे।
अगले दिन यानी 11 मार्च को शीना ने इन्द्राणी को लिखा "कुछ भी ठीक करने की जरूरत नहीं है। मुझे तो आप से जवाब की भी उम्मीद नहीं थी... लेकिन अच्छा लगा। अगले दिन 14 मार्च को इन्द्राणी ने शीना को लिखा कि तुमसे फ़ोन पर बात नहीं हो पा रही है। दो दिन बाद शीना ने जवाब दिया कि वो बहुत व्यस्त थी।
हम दोनों छुट्टी पर जाएंगे
इन्द्राणी ने उसी दिन शीना को मेल लिखकर उसकी तारीफ की और लिखा, मैं बहुत खुश हूं कि तुम अच्छे से हो। मैं कुछ महीनों बाद ही इंडिया आऊंगी फिर हम दोनों छुट्टी पर जाएंगे। सिर्फ मैं और तुम।" शीना ने जवाब में लिखा कि वो अगस्त महीने के आखिरी में मास्टर्स की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड में होगी। (जांच कर्ताओं को शक है कि इसी मेल के आधार पर इन्द्राणी ने शीना के इंग्लैंड में पढ़ाई के लिए जाने की झूठी कहानी गढ़ी)
जवाब में 1 अप्रैल को इन्द्राणी ने शीना की मेल लिखकर बताया कि 7 अप्रैल को हिंदुस्तान में आने के बाद मिलने का प्लान बनाएंगे। शीना ने दूसरे दिन जवाब में लिखा कि जब भी मिलना हो बता देना। और 19 अप्रैल को शीना ने इन्द्राणी को मेल लिखकर मिलने की वो तारीख तय की जो उसकी जिंदगी का आखिरी दिन साबित हुई। 24 अप्रैल 2012 को शीना की हत्या कर इन्द्राणी ने बाद में कहानी गढ़ दी कि वो इंग्लैंड पढ़ाई के लिए गई है।
मैं हमेशा इस बात से दुखी रहती
हत्या के करीब महीने भर पहले शीना ने अपनी मां इन्द्राणी को मेल लिखा था कि मैं हमेशा इस बात से दुखी रहती हूंकि आप ने मां होकर भी हमें अपने हाल पर छोड़ दिया। ये भी नहीं देखा कि हम जिन्दा भी हैं या नहीं। लेकिन मैं कभी ये समझ नहीं पाई कि क्यों आपने घर छोड़ दिया था?
चुभती बातों के लिए माफ़ी चाहती हूं
शीना ने आगे लिखा कि मैं अपनी चुभती बातों के लिए माफ़ी चाहती हूं। लेकिन मेरी ये समझ में नहीं आ रहा कि आपने अपने ही पैरेंट्स को क्यों धमकाया कि आप उनकी आर्थिक मदद रोक देंगी। अगर मैं राहुल के साथ गोहाटी जाऊंगी या फिर उससे शादी करुंगी तो? मैं बहुत उलझन में हूं और समझ नहीं पा रही हूं कि कौन झूठ बोल रहा है।
मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो
खैर दुश्मनी करने, झूठ बोलने के लिए जिंदगी बहुत छोटी होती है। चलिए एक खुशहाल जिंदगी जीते हैं, जिसमें झूठ और जोड़तोड़ न हो। शीना ने मेल के आखिरी में यहां तक लिखा कि कृपया मेरे इस मेल का जवाब नहीं देना। मुझे मेरे हाल पर छोड़ दो बस और कुछ नहीं।
हम सब ठीक कर देंगे
लेकिन शीना के इस मेल का जवाब इन्द्राणी ने अगले दिन ही मेल के जरिये दिया। इन्द्राणी ने लिखा, मैं इंतजार ही कर रही थी। मुझे ख़ुशी है कि तुमने मुझसे संपर्क किया। हम सब ठीक कर देंगे।
अगले दिन यानी 11 मार्च को शीना ने इन्द्राणी को लिखा "कुछ भी ठीक करने की जरूरत नहीं है। मुझे तो आप से जवाब की भी उम्मीद नहीं थी... लेकिन अच्छा लगा। अगले दिन 14 मार्च को इन्द्राणी ने शीना को लिखा कि तुमसे फ़ोन पर बात नहीं हो पा रही है। दो दिन बाद शीना ने जवाब दिया कि वो बहुत व्यस्त थी।
हम दोनों छुट्टी पर जाएंगे
इन्द्राणी ने उसी दिन शीना को मेल लिखकर उसकी तारीफ की और लिखा, मैं बहुत खुश हूं कि तुम अच्छे से हो। मैं कुछ महीनों बाद ही इंडिया आऊंगी फिर हम दोनों छुट्टी पर जाएंगे। सिर्फ मैं और तुम।" शीना ने जवाब में लिखा कि वो अगस्त महीने के आखिरी में मास्टर्स की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड में होगी। (जांच कर्ताओं को शक है कि इसी मेल के आधार पर इन्द्राणी ने शीना के इंग्लैंड में पढ़ाई के लिए जाने की झूठी कहानी गढ़ी)
जवाब में 1 अप्रैल को इन्द्राणी ने शीना की मेल लिखकर बताया कि 7 अप्रैल को हिंदुस्तान में आने के बाद मिलने का प्लान बनाएंगे। शीना ने दूसरे दिन जवाब में लिखा कि जब भी मिलना हो बता देना। और 19 अप्रैल को शीना ने इन्द्राणी को मेल लिखकर मिलने की वो तारीख तय की जो उसकी जिंदगी का आखिरी दिन साबित हुई। 24 अप्रैल 2012 को शीना की हत्या कर इन्द्राणी ने बाद में कहानी गढ़ दी कि वो इंग्लैंड पढ़ाई के लिए गई है।
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