
देश की राजधानी दिल्ली की मेट्रो...यानी आसान और आरामदायक सफर का दूसरा नाम. कंपकपाती ठंड हो या फिर मॉनसून की बारिश या पसीने से तरबतर करने वाली गर्मी. मेट्रो सरपट पटरी पर दौड़कर यूं ही मुसाफिरों को एक जगह से दूसरी जगह बिना थके ले जाती रहती है. लेकिन आज मेट्रो में सफर करने वालों के लिए अच्छी खबर नहीं है, दरअसल हुआ ये है कि दिल्ली मेट्रो ने अपने किराए में बढ़ोतरी का ऐलान किया है जो कि अगस्त महीने की 25 तारीख यानि आज से लागू हो चुका है. भले ही दिल्ली मेट्रो में सफर के लिए लोगों को पहले ज्यादा जेब ढीली करनी होगी लेकिन राहत की बात ये है कि अभी भी दिल्ली मेट्रो, दिल्ली में ओला-उबर और ऑटो से सस्ती है.
किराया बढ़ा, फिर भी ऑटो-ऊबर से सस्ती मेट्रो
आज से दिल्ली मेट्रो का बढ़ा हुआ किराया लागू हो चुका है. इसका मतलब ये है कि अब लोगों को दिल्ली मेट्रो में सफर करने के लिए पहले से थोड़े ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे. यात्रियों को अब दूरी के हिसाब से 1 से 4 रुपये तक ज्यादा चुकाने होंगे. लेकिन सवाल यह है कि क्या अब भी मेट्रो अब भी राजधानी में सबसे किफायती यात्रा विकल्प है? दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (DMRC) ने कहा है कि यह बढ़ोतरी न्यूनतम है और इसका मकसद परिचालन लागत को थोड़ा और संतुलित करना है. लेकिन किराए में इस बढ़ोतरी के बाद अभी भी दिल्ली मेट्रो सबसे सस्ते यात्रा विकल्पों में से एक है. हालांकि, जब इन दरों की तुलना ऑटो रिक्शा या कैब सेवाओं (जैसे ऊबर/ओला) से की जाती है, तो मेट्रो अब भी काफी सस्ती है.

डीटीसी की बस अब भी सबसे सस्ता विकल्प
जहां मेट्रो की तुलना में ऑटो और कैब बहुत महंगे साधन हैं, वहीं दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की बसें अब भी सबसे सस्ती हैं. डीटीसी की नॉन एसी बसों में कम से कम 5 रुपये की टिकट मिलती है जो कि अधिकतम 15 रुपये तक जाती है. वहीं एसी बसों में ये किराया कम से कम 10 रुपये से शुरू होता है जो कि अधिकतम 25 रुपये तक जाता है. इस लिहाज से देखा जाए तो दिल्ली में मेट्रो के बाद सबसे सस्ता विकल्प डीटीसी बसों का ही है. DTC की बसें, दिल्ली मेट्रो की तुलना में कम किराया चार्ज करती हैं क्योंकि इनका संचालन सरकारी सब्सिडी पर निर्भर है, जबकि मेट्रो के बढ़े किराए का कारण रखरखाव लागत, बुनियादी ढांचे के विस्तार, और क्वालिटी बनाए रखना बताया जा रहा है.
मान लीजिए किसी को मंडी हाउस मेट्रो स्टेशन से कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन जाना है, जो लगभग 9 किलोमीटर की दूरी है. इस दूरी को तय करने के लिए उसके पास चार प्रमुख विकल्प हैं, जानिए दिल्ली में सफर करने के लिए कौन सा ट्रांसपोर्ट एक-दूसरे से कितना महंगा और सस्ता पड़ेगा--
- दिल्ली मेट्रो: सबसे तेज़ और सुविधाजनक विकल्प है. ₹32 किराया देना होगा और वह लगभग 15-20 मिनट में बिना ट्रैफिक की चिंता के पहुंच सकता है.
- डीटीसी बस: अगर कम पैसे में सफर करना है, तो ₹10 में बस से जा सकता है. हालांकि, इसमें ट्रैफिक और बस की उपलब्धता के कारण समय अधिक लग सकता है.
- ऑटो रिक्शा: ऑटो एक अच्छा विकल्प है, लेकिन महंगा है. मीटर के हिसाब से ₹113 तक का किराया बनता है. इसमें ₹30 शुरुआती 1.5 किमी के लिए और ₹11 प्रति किमी की दर से बाकी 7.5 किमी का हिसाब है. अगर ट्रैफिक में ऑटो रुका रहा या सामान ज्यादा हुआ, तो अतिरिक्त शुल्क भी लग सकता है.
- उबर कैब: सबसे आरामदायक लेकिन महंगा विकल्प है. लेकिन इसके लिए ₹189 के आसपास खर्च करने होंगे इसमें AC, ट्रैकिंग और सीधे पिकअप जैसी सुविधाएं मिलती हैं. हालांकि मांग, समय और अतिरिक्ति चार्ज को जोड़कर किराया और अधिक हो सकता है.
दिल्ली डीटीसी बसों का किराया -
नॉन एसी बस का किराया
- साधारण स्टेज कैरिज बसें (Non-AC):0-4 किमी: ₹5 (प्रति किमी ≈ ₹1.25)
- 4-10 किमी: ₹10 (6 किमी के लिए, प्रति किमी ≈ ₹1.67)
- >10 किमी: ₹15 (10 किमी से अधिक के लिए, प्रति किमी ≈ ₹1.50 या उससे कम, दूरी के आधार पर)
एसी बस का किराया
- एयर-कंडीशंड स्टेज कैरिज बसें (AC):0-4 किमी: ₹10 (प्रति किमी ≈ ₹2.50)
- 4-8 किमी: ₹15 (4 किमी के लिए, प्रति किमी ≈ ₹3.75)
- 8-12 किमी: ₹20 (4 किमी के लिए, प्रति किमी ≈ ₹5.00)
- >12 किमी: ₹25 (12 किमी से अधिक के लिए, प्रति किमी ≈ ₹2.08 या उससे कम, दूरी के आधार पर)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं