दिल्ली में डार्क स्पॉट (ऐसी जगह/गली/मोहल्ले/हिस्से जहां अंधेरा रहता हो) से निपटने के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार ने एक नई योजना लॉन्च की है. इस योजना को मुख्यमंत्री स्ट्रीट लाइट योजना का नाम दिया गया है. इस योजना के अंतर्गत पूरी दिल्ली में दो लाख 10 हजार स्ट्रीट लाइटें लगाने का प्रस्ताव है. इस योजना का ऐलान करते हुए खुद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि 'हमारी सरकार ने महिला सुरक्षा के लिए बहुत से कदम उठाए लेकिन एक मुद्दा हमेशा खटकता रहता था, वह था डार्क स्पॉट का, यानी जहां पर लाइट उपलब्ध नहीं है. कई कारणों से यह मुद्दा सुलझ नहीं पा रहा था. जैसे कि लाइट लगाने के लिए खंभे लगाएं तो कैसे लगाएं, नगर निगम से इजाजत की भी ज़रूरत थी. कच्ची कॉलोनी, पुरानी दिल्ली आदि में तो ऐसे संकरे स्थान थे जहां पर खंभे लगाने की जगह भी नहीं थी. इसलिए काफी सोच-विचार के बाद हमने एक तरीका निकाला है और मुख्यमंत्री स्ट्रीट लाइट योजना को लागू किया जा रहा है. इसके तहत दिल्ली में 2,10, 000 स्ट्रीट लाइटें लगाने की योजना है.
10 पॉइंट में जाने क्या है मुख्यमंत्री स्ट्रीट लाइट योजना
- पूरी दिल्ली में 2 लाख 10 हज़ार स्ट्रीट लाइटें लगाने की योजना.
- 20 वॉट और 40 वॉट की LED लाइटें लगेंगी.
- लाइट लगाना और उनकी देखरेख करना, बिजली वितरण कंपनियों की जिम्मेदारी.
- कोई भी व्यक्ति अपने गली-मोहल्ले में स्ट्रीट लाइट लगवाने के लिए विधायक से संपर्क करें.
- लाइट लगवाने के इच्छुक व्यक्ति बिजली अपने घर से देंगे, लेकिन बिजली का बिल सरकार वहन करेगी.
- इन लाइटों में टाइमर या सेंसर लगे होंगे, रात में जलेंगी, दिन में बंद रहेगी. 3 से 5 साल की वारंटी.
- दिल्ली सरकार इसके लिए वन टाइम 100 करोड़ रुपये खर्च करेगी, बाद में सालाना 10 करोड़ रुपये का खर्च रहेगा.
- एक नवंबर से दिल्ली में लगना शुरू होने की उम्मीद, 2-3 महीने में काम पूरा होने की उम्मीद.
- दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे भी इसी मॉडल पर लगाए गए.
- तीन बिजली वितरण कंपनी BSES यमुना, BSES राजधानी और टाटा पावर हैं. तीनों को अपने इलाके में 70-70 हजार लाइटें लगवानी हैं.