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This Article is From Jun 05, 2021

Delhi Unlock: व्यापारियों को पसंद नहीं आया केजरीवाल का दुकानें खोलने का फॉर्मूला, बेतुका बताया

कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ने दिल्ली सरकार के बाजार खोलने के फैसले का स्वागत किया, ऑड-ईवन फॉर्मूले पर उठाए सवाल

Delhi Unlock: व्यापारियों को पसंद नहीं आया केजरीवाल का दुकानें खोलने का फॉर्मूला, बेतुका बताया
प्रतीकात्मक फोटो.
Quick Take
Summary is AI generated, newsroom reviewed.
लगभग 40 दिनों तक तालाबंदी से व्यापारियों को हुई भारी हानि
ऑड-ईवन फॉर्मूला दिल्ली के व्यापारिक चरित्र से मेल नहीं खाता
बड़ा वितरण केंद्र होने के नाते दिल्ली का एक अलग व्यवसाय ढांचा
नई दिल्ली:

कॉन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने दिल्ली सरकार (Delhi Government) के 7 जून से दिल्ली में दुकानें और बाजार खोलने की अनुमति देने के फैसले का स्वागत किया है. कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली के व्यापारी अपनी दुकानें खुलने का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे क्योंकि राजधानी में लगभग 40 दिनों से पूर्ण तालाबंदी के कारण उन्हें भारी आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार का ऑड-ईवन लागू करने का निर्णय बेतुका है और दिल्ली के व्यापारिक चरित्र से मेल नहीं खाता है. 

दिल्ली सरकार के आदेश पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए खंडेलवाल एवं कैट के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने कहा कि दिल्ली के व्यापारी ऑड-ईवन फॉर्मूले के खिलाफ थे, जिससे दिल्ली सरकार को अवगत करा दिया गया था, किन्तु आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उसी ऑड-ईवन के आधार पर दिल्ली में दुकानें और बाजार खोलने का फरमान जारी किया है. उन्होंने कहा कि पिछले साल लॉकडाउन हटाने के बाद दिल्ली में ऑड -ईवन के आधार पर ही दुकानें खोली गई थीं और दिल्ली के व्यापारिक चरित्र को देखते हुए इसकी उपयोगिता न के बराबर थी. यह फॉर्मूला विशेष रूप से उपभोक्ताओं के लिए परेशानी का कारण बनेगा क्योंकि उन्हें यह मालूम ही नहीं रहेगा कि जिस दुकान से वे सामान खरीदने जा रहे हैं, व बंद है या खुली? वहीं दूसरी ओर उपभोक्ता सामान्यत: अनेक प्रकार की वस्तुओं की खरीदी करने बाजार जाते हैं और ऑड-ईवन फार्मूले के चलते यह संभावना बहुत है कि एक वास्तु की दुकान इस फार्मूला के तहत खुली हो, जबकि दूसरी वस्तु की दुकान बंद हो. यहां यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या उपभोक्ता दो बार बाजार जाएगा?

कैट के दिल्ली प्रदेश महामंत्री देवराज बवेजा एवं आशीष ग्रोवर ने कहा कि ऑड-ईवन फॉर्मूला दिल्ली के लिए अनुकूल नहीं है क्योंकि देश का सबसे बड़ा वितरण केंद्र होने के नाते दिल्ली का एक अलग व्यवसाय ढांचा है जहां एक व्यापारी दूसरे व्यापारी पर माल की खरीद के लिए निर्भर है. अधिकांश मामलों में ऑड-ईवन फॉर्मूले के कारण दुकानें अलग-अलग दिन खुलेंगी जिसके कारण सामान की आपूर्ति पर भी फर्क पड़ेगा. बेहतर होता यदि दिल्ली सरकार दिल्ली के विभिन्न बाजारों को अलग-अलग समय पर खोलने की योजना बनाती. 

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खंडेलवाल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री से अपने फैसले पर दोबारा विचार करने की अपील की है और ऑड-ईवन फॉर्मूला के बजाय विभिन्न बाजारों को अलग-अलग समय पर खोलने का आग्रह किया है. उन्होंने कहा कि यह संतोष की बात होगी कि दुकानें खुली हैं लेकिन वास्तव में व्यावसायिक गतिविधियां किस मात्रा में हो पाएंगी, इसका अनुमान लगाना मुश्किल है. दिल्ली सरकार को ऑड-ईवन फॉर्मूले पर निर्णय लेने से पहले व्यापारी संगठनों से परामर्श करना चाहिए था किन्तु यह बहुत खेद है कि रायशुमारी के चैंपियन केजरीवाल ने दिल्ली के किसी भी व्यापारिक संगठन से कोई परामर्श नहीं किया है, जो दिल्ली के व्यापार एवं व्यापारियों के प्रति उनके नजरिए को दर्शाता है.

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