दक्षिणी दिल्ली के नगर निगम ने नवरात्रों के चलते फ़रमान जारी किया जिसके तहत पूरे नवरात्र, यानि 11 अप्रैल तक दक्षिणी दिल्ली में मीट बेचने और खिलाने पर पूरी तरह पाबंदी रहेगी. इस फैसले पर मीट बेचने वालों का कहना है कि हर रोज उन्हें लाखों का नुकसान उठाना पड़ेगा. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के फ़ैसले के बाद कभी न बंद होने वाले INA मीट बाज़ार की सभी दुकानें बंद हैं. दक्षिणी दिल्ली के कई रेस्टोरेंटों के बाहर नोटिस लगा दिए गए हैं जिनमें साफ लिखा है कि नवरात्र के दौरान सिर्फ शाकाहारी खाना परोसा जाएगा.
मंजीत कौर 65 की हैं और वे 1976 से INA मार्केट में मीट की दुकान चला रही हैं. मंजीत का कहना है कि उनका परिवार पिछले 70 सालों से दुकान चला रहा है पर आज तक कभी भी मीट बैन जैसा फ़ैसला नहीं लिया गया. अचानक मीट पर रोक के फ़ैसले से उनका लाखों का नुकसान हो जाएगा. मंजीत कौर ने कहा कि हमें पहले बताया होता तो हमें नुकसान न होता. 70 साल से ऐसा नहीं हुआ. यह पहली बार हुआ.
दिल्ली निवासी राहुल ने कहा, मैंने ऐसा पहले कभी नहीं देखा. मैं अरुणाचल भवन में रेस्तरां चलाता हूं. मुझे अपने आर्डर पूरे करने हैं, जो नहीं कर पाऊंगा. दिल्ली की ही निवासी श्रेया बासु ने कहा कि ये लोगों का फैसला है कि वे क्या खाएं, क्या न खाएं. पर मीट पर बैन कर देना ठीक नहीं.
दक्षिणी दिल्ली के मेयर मुकेश सूर्यान को लगता है कि उनके फ़ैसले से दिल्ली वाले खुश हैं और वे सख़्ती के साथ इस आदेश का पालन कराएंगे. मुकेश सूर्यान ने कहा कि ''हम सख़्ती के साथ आदेश का पालन करा रहे हैं. हमें दिल्ली के लोगों ने कहा.'' उनसे सवाल करने पर कि क्या यह निजता पर हमला नहीं है? उन्होंने कहा कि ''नहीं, हम किसी व्यक्ति के ख़िलाफ़ नहीं हैं.''
दक्षिणी दिल्ली को देखते हुए पूर्वी दिल्ली नगर निगम ने भी मीट कारोबारियों से नवरात्र भर मीट न बेचने की अपील की है. सरकार तय कर रही है कि आप क्या खाएं. क्या न खाएं.. न्यू इंडिया में जहां चर्चा रोज़गार और महंगाई पर होनी चाहिए वहां ऐसे फ़ैसले लेकर चर्चा इन मुद्दों पर मोड़ दी जा रही है.
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