मुंबई में कोरोना वायरस संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण कोविड वॉर रूम फिर एक्टिव हो गए हैं. मुंबई में 50 प्रतिशत कोविड मरीज ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं. पॉजिटिविटी रेट 11 प्रतिशत से ऊपर है. ऐसे में सभी वार्डों के कोविड वॉर रूम अलर्ट पर हैं. बूस्टर डोज और टेस्टिंग से लोगों की हिचक दूर करना बड़ी चुनौती है.
मुंबई शहर के हर वॉर्ड में कोविड वॉर रूम फिर से एक्टिव हो गए हैं. कोविड बेड मैनेजमेंट, पेशेंट काउंसलिंग वगैरह सारा जिम्मा यही वॉर रूम संभालते हैं. फ़िलहाल बिना लक्षणों वाले मरीज़ ज़्यादा हैं.
बीएमसी के एफ साउथ वॉर्ड की मेडिकल ऑफिसर डॉ वैशाली खाड़े ने कहा कि,‘'दस में से छह मरीज असिम्पटोमेटिक हैं. दोनों जगह स्लम और नॉन स्लम से मरीज आ रहे हैं.''
मुंबई में कोविड पॉजिटिविटी रेट 11 प्रतिशत से ऊपर है. लोगों में कोरोना टेस्टिंग को लेकर हिचक है. इस वजह से टेस्टिंग कम है और पॉजिटिविटी ज़्यादा दिखती है. शहर की 15 फीसदी जनसंख्या ने ही बूस्टर डोज़ ली है. यह भी बीएमसी के सामने बड़ी चुनौती है.
असिस्टेंट मेडिकल ऑफिसर डॉ जुनैद शेख ने कहा कि,‘'टेस्टिंग में हिचक है, मना रहे हैं. बूस्टर डोज के लिए भी काउंसलिंग कर रहे हैं.''
दस दिनों के भीतर देश में कोविड पॉजिटिविटी रेट दोगुना हो गया है, वहीं एक्टिव मामलों में करीब ढाई गुना की बढ़ोतरी हुई है. गुरुवार को देश में पांच हजार से ज़्यादा कोरोना के मामले रिपोर्ट हुए.
दो अप्रैल को 3824 मामले रिपोर्ट हुए थे और 6 अप्रैल तक यह बढ़ते-बढ़ते 5,335 पर पहुंच गए. यानी पांच दिनों में ही 40 प्रतिशत का उछाल आया.
ILBS के डायरेक्टर डॉ एसके सरीन ने कहा कि, ‘'अभी जो वेरिएंट है वो उतना घातक नहीं है. अस्पताल में दाखिले बढ़े हैं पर मृत्यु दर ज्यादा नहीं है. XBB.1.16 वेरिएंट अभी है. वह जल्दी स्प्रेड करता है, बहुत इनफेक्टिव है.''
ज़्यादातर कम लक्षण वाले मरीज ही रिपोर्ट हो रहे हैं लेकिन इन सबके बीच महाराष्ट्र में बीते 16 दिनों में 23 मौतें और मुंबई शहर में कुल मरीज़ों में से 50% मरीज़ों का ऑक्सीजन सपोर्ट पर होना साफ़ ज़ाहिर करता है कि सावधानी ज़रूरी है.
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