
भारतीय शेयर बाजार आज यानी 7 अगस्त को एक बड़े झटके के साथ खुले. सुबह 9:15 बजे निफ्टी 50 इंडेक्स 24,500 के स्तर पर खुला, जो कि लगभग 74 अंकों (0.30%) की गिरावट को दिखाता है. वहीं, सेंसेक्स 257 अंक यानी 0.32% गिरकर 80,286 पर आ गया. इस गिरावट की सबसे बड़ी वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का भारत पर डबल टैरिफ लगाने का फैसला है .
अमेरिका ने भारत पर लगाया 50 फीसदी टैरिफ
ट्रंप ने बुधवार देर रात एक नया आदेश जारी किया, जिसके तहत अब भारत से अमेरिका को होने वाले निर्यात पर 25 फीसदी अतिरिक्त टैरिफ लगाया जाएगा. इससे कुल टैरिफ 50% हो जाएगा, जो चीन पर लगने वाले टैरिफ से भी 20% ज्यादा है.
पहले से लगाया गया 25% टैरिफ आज से लागू हो रहा है, जबकि दूसरा हिस्सा 21 दिनों के भीतर, यानी 27 अगस्त 2025 से लागू होगा.
ऑटो और एनर्जी शेयरों पर ज्यादा असर
बाजार में गिरावट का अधिक दबाव ऑटो और एनर्जी शेयरों में देखा जा रहा है. दोनों ही इंडेक्स 0.50 प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे. पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विसेज, मेटल, रियल्टी, प्राइवेट बैंक, इन्फ्रा, कमोडिटी और पीएसई इंडेक्स लाल निशान में थे, जबकि आईटी, फार्मा, एफएमसीजी, मीडिया और हेल्थकेयर हरे निशान में थे.
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप दोनों में गिरावट के साथ कारोबार हो रहा था. निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 121 अंक या 0.21 प्रतिशत की गिरावट के साथ 56,628 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 28 अंक या 0.13 प्रतिशत की कमजोरी के साथ 17,639 पर था.
किन कंपनियों के शेयर गिरे और कौन से चढ़े?
आज के शुरुआती कारोबार में कुछ कंपनियों ने अच्छा प्रदर्शन किया, जिनमें हीरो मोटोकॉर्प, सिप्ला, बजाज फिनसर्व, मारुति सुजुकी और जेएसडब्ल्यू स्टील शामिल रहीं. वहीं दूसरी ओर, कोटक महिंद्रा बैंक, टाटा स्टील, एसबीआई, कोल इंडिया और जियो फाइनेंशियल के शेयरों में गिरावट देखने को मिली.
रूस से तेल खरीदना बना भारत के लिए महंगा सौदा?
अमेरिका ने ये सख्त कदम इसलिए उठाया है क्योंकि भारत ने रूस से कच्चे तेल की खरीद जारी रखी है. ट्रंप सरकार ने इसे "पेनल्टी" बताया है और साफ कहा है कि जब तक भारत रूस से व्यापार करता रहेगा, तब तक ऐसे पेनाल्टी टैक्स लगाए जाते रहेंगे.
एक्सपोर्ट इंडस्ट्री पर सीधा असर पड़ने की आशंका
इस कदम से भारत की एक्सपोर्ट इंडस्ट्री पर सीधा असर पड़ने की आशंका है, क्योंकि अमेरिका भारतीय निर्यात का बड़ा बाजार है. अब जब भारत से जाने वाले सामान पर 50% टैक्स लगेगा, तो वह अमेरिकी मार्केट में महंगा हो जाएगा और वहां की कंपनियां या कंज्यूमर भारतीय प्रोडक्ट्स लेने से कतराने लगेंगे. इससे भारत की ग्लोबल कॉम्पिटीशन पोजिशन कमजोर पड़ सकती है.
निवेशकों के लिए चिंता, बाजार में उठा-पटक जारी
मार्केट में इस समय माहौल अनिश्चितता का बना हुआ है. निवेशक ये सोचकर परेशान हैं कि अगर भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील जल्द नहीं होती, तो आगे चलकर इसका असर लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट पर भी पड़ सकता है. फिलहाल बाजार में बुल्स यानी तेजी की उम्मीद लगाए निवेशकों को सतर्क रहना होगा, क्योंकि जब तक स्थिति स्पष्ट नहीं होती, बाजार में उठा-पटक बनी रह सकती है.
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