रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Ltd) पिछले कुछ महीनों से बेहाल है. कंपनी जुलाई के बाद से ही अपने बाजार पूंजीकरण (Market Capitalization) का करीब 50 अरब डॉलर गंवा चुकी है. इसके पीछे देश की सबसे मूल्यवान कंपनी की कमजोर कमाई और उसके आर्थिक मंदी से जूझने को कारण माना जा रहा है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, अरबपति मुकेश अंबानी के रिफाइनिंग से रिटेल वाले समूह के शेयरों में इस साल मुश्किल से ही बढ़ोतरी देखने को मिली है. यह करीब एक दशक में सबसे बड़े अंतर से बेंचमार्क एनएसई निफ्टी 50 से पीछे है. वहीं हालिया महीनों में विदेशी बिकवाली और आय में बढ़ोतरी की चिंताओं को लेकर भारतीय बाजार व्यापक रूप से दबाव में आ गए हैं. हालांकि देश के प्रमुख सूचकांक अभी भी 2024 में एशिया के सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाले प्रमुख बाजारों में से एक हैं.
रिलायंस के शेयरों में बड़ी गिरावट
रिलायंस के शेयरों में बड़ी हालिया गिरावट के पीछे पिछले महीने के निराशाजनक नतीजे हैं. इसके तेल से रसायन तक के बिजनेस के लिए कमजोर मांग के चलते कंपनी की आय लगातार छठी तिमाही में आम सहमति के अनुमान से कम रही है.
अगस्त में कंपनी ने अपने शेयरधारकों की वार्षिक बैठक में निवेशकों को हर शेयर के लिए एक मुफ्त शेयर की पेशकश की थी. हालांकि कंपनी ने अपनी टेलिकॉम और रिटेल यूनिट्स की बहुप्रतीक्षित लिस्टिंग को लेकर कोई डिटेल नहीं दी. इसके वायरलेस सर्विस डिविजन रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड ने टैरिफ बढ़ोतरी के बाद अपने कई ग्राहकों को खो दिया था.
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