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क्या अमेरिका में आ गई मंदी? US स्टॉक मार्केट में गिरावट से दुनिया डरी; भारत पर कितना असर?

US stock market Fall : अमेरिका दुनिया की अर्थव्यवस्था का दिल है. अगर दिल को कुछ हुआ तो फिर जान बचने के आसार बेहद कम हो जाते हैं. ऐसे ही अगर अमेरिका में मंदी आ गई तो पूरी दुनिया मंदी की शिकार हो जाएगी...पढ़ें क्या हुआ अमेरिका में...

US Stocks today : अमेरिका के शेयर बाजार में सोमवार को भारी गिरावट देखने को मिली.

Recession in America : अमेरिका के स्टॉक मार्केट (US Stock Market) नैस्डैक और एसएंडपी में सोमवार को बड़ी गिरावट के बाद से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था में हलचल है. अमेरिका में खराब जॉब डेटा से मंदी को लेकर बढ़ती चिंता के बीच यह गिरावट आई है. अमेरिकी अर्थव्यवस्था में अगर आर्थिक अनिश्चितता बढ़ती है तो इसका सीधा असर वहां भारतीय माइग्रेंट वर्करों के जॉब के साथ-साथ भारतीय एक्सपोर्टरों के हितों पर पड़ेगा. अमेरिका में मंदी की आशंका के बीच अमेरिकी स्टॉक मार्किट में उथल-पुथल जारी है. सोमवार को दुनिया भर के बाजारों में भारी गिरावट दर्ज की गयी थी, जिसके बाद अंतराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में तनाव बना हुआ है.

भारतीयों पर कितना असर?

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अमेरिका में बेरोजगारी दर बढ़कर 4.3 प्रतिशत पर पहुंच गई है. अब अमेरिका में मंदी की बढ़ती आहट का अमेरिका में रहने वाले भारतीय माइग्रेंट वर्करों पर असर पड़ने लगा है. इंडो-अमेरिकन चैम्बर ऑफ कॉमर्स के नेशनल एग्जीक्यूटिव कौंसिल के सदस्य सुनील जैन ने एनडीटीवी से कहा, "US में 7 Tech सेक्टर की कंपनियों ने पिछले दो दिनों में एक ट्रिलियन डॉलर मार्केट कैपिटलाइजेशन लूज किया है. अगर अमेरिकी अर्थव्यवस्था में रिसेशन आता है, तो प्रॉफिट गिरेंगे और रोजगार के अवसर कम होंगे. अमेरिका में बेरोजगारी दर बढ़ रही है. अमेरिकी इकोनॉमी में जो Tech सेक्टर है,  IT सेक्टर है, वहां पर अगर recession आता है तो रोजगार के अवसर पर असर पड़ेगा. Job opportunities कम होंगी. US जाने वाले Indian migrants के लिए ये मुश्किल समय है...लेकिन भारतीय वर्कर highky skilled होते हैं, hardworking होते हैं ... इसलिए उन पर दूसरे देशों के workers के मुकाबले कम असर होगा, लेकिन इंपैक्ट तो होगा.

कब तक सुधरेगी स्थिति?

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इंडो-अमेरिकन चैम्बर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष ललित भसीन ने बताया कि अगले कुछ महीने में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में स्थिरता आएगी. ललित भसीन ने एनडीटीवी से कहा, "किसी भी अर्थव्यवस्था में जब ग्रोथ रेट कम होती है तो रोजगार के अवसर कम होते हैं. अमेरिका में नए राष्ट्रपति के चुनाव होने वाले हैं...मेरी नजर में नवंबर में नई सरकार के बनने के बाद अमेरिकी अर्थव्यवस्था में स्थिरता आएगी, रोजगार के अवसर बेहतर होंगे." अमेरिका भारतीय एक्सपोर्टरों के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, ऐसे में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में मंदी के खतरे को देखते हुए भारतीय एक्सपोर्टरों की चिंता बढ़ती जा रही है.

भारत पर असर

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फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाईजेशन के डायरेक्टर जनरल और सीईओ डॉ. अजय सहाय ने एनडीटीवी से कहा, "अमेरिका भारतीय एक्सपोर्टर के लिए सबसे बड़ा एक्सपोर्ट डेस्टिनेशन है. यह हमारे लिए चिंता की बात है. पिछले कुछ हफ्ते से अंतरराष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में अनिश्चित बढ़ रही है. भारत को सतर्क रहना होगा. अगर ग्लोबल एक्सपोर्ट ट्रेड धीमा होगा तो इसका असर भारत के एक्सपोर्ट पर भी होगा". जाहिर है, भारत सरकार को अमेरिकी बाजार में उथलपुथल और और अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था पर इसके असर को लेकर सतर्क रहना होगा.

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