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RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुरू, रेपो रेट पर फ़ैसला शुक्रवार को

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दर (रेपो) में कटौती की उम्मीद नहीं है, क्योंकि मुद्रास्फीति अब भी चिंता का विषय बनी हुई है. फरवरी, 2023 से रेपो दर 6.5 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी हुई है. अर्थव्यवस्था में तेजी के बीच माना जा रहा है कि MPC ब्याज दरों में कटौती से बचेगी.

RBI की मौद्रिक नीति समिति की बैठक शुरू, रेपो रेट पर फ़ैसला शुक्रवार को
RBI की MPC की तीन-दिवसीय बैठक बुधवार को शुरू हुई, और गवर्नर शक्तिकांत दास शुक्रवार को समिति के निर्णयों की घोषणा करेंगे...
मुंबई:

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की तीन दिन की द्विमासिक बैठक बुधवार को शुरू हुई. माना जा रहा है कि MPC प्रमुख ब्याज दर रेपो को यथावत रखेगी. रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति द्वारा लिए गए निर्णयों की घोषणा करेंगे.

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दर (रेपो) में कटौती की उम्मीद नहीं है, क्योंकि मुद्रास्फीति अब भी चिंता का विषय बनी हुई है. फरवरी, 2023 से रेपो दर 6.5 प्रतिशत के उच्च स्तर पर बनी हुई है. अर्थव्यवस्था में तेजी के बीच माना जा रहा है कि MPC ब्याज दरों में कटौती से बचेगी.

केंद्रीय बैंक ने आखिरी बार फरवरी, 2023 में रेपो दर को बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था और तब से उसने लगातार सात बार इसे यथावत रखा है.

SBI के एक शोधपत्र के अनुसार, केंद्रीय बैंक को उदार रुख को वापस लेने के अपने निर्णय पर बरकरार रहना चाहिए. 'MPC बैठक की प्रस्तावना' शीर्षक वाली रिपोर्ट में उम्मीद जताई गई कि RBI चालू वित्तवर्ष की तीसरी तिमाही में रेपो दर में कटौती करेगा और "यह कटौती कम रहने की संभावना है..."

इसमें यह भी कहा गया है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति मई में पांच प्रतिशत के करीब रहने की उम्मीद है और उसके बाद जुलाई में घटकर तीन प्रतिशत रह जाएगी. खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े इस महीने के अंत में जारी किए जाएंगे. इसमें कहा गया कि अक्टूबर से वित्तवर्ष 2024-25 के अंत तक मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत से नीचे रहने की उम्मीद है.

RBI से उम्मीदों के बारे में हाउसिंग.कॉम और प्रॉपटाइगर.कॉम के समूह मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CEO) ध्रुव अग्रवाल ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था ने अपना मजबूत प्रदर्शन जारी रखा है और 2023-24 में 8.2 प्रतिशत की प्रभावशाली वृद्धि दर हासिल की है, जो 2022-23 में सात प्रतिशत थी.

उन्होंने कहा, "इसके मद्देनजर उम्मीद की जाती है कि RBI MPC मौजूदा मुद्रास्फीति दबावों के बीच अपने वर्तमान नीतिगत रुख को बनाए रखेगी और इस वर्ष ब्याज दरों में कटौती की संभावना कम ही नजर आ रही है..."

मनसुम सीनियर लिविंग के सह-संस्थापक अनंतराम वरयूर को भी उम्मीद है कि आगामी द्विमासिक नीति में केंद्रीय बैंक द्वारा ब्याज दर या तो यथावत रखी जाएगी या इसमें कटौती की जाएगी. उन्होंने कहा, "हमें ऐसे उपायों की उम्मीद है, जो बाजार में नकदी की कमी को कम करेंगे और उपभोक्ता विश्वास को बढ़ाएंगे, जिसका रीयल एस्टेट की बिक्री पर सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है..."

सरकार ने रिजर्व बैंक को खुदरा मुद्रास्फीति को दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य दिया है.

अरहास के CEO सौरभ राय ने कहा कि RBI को भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी, स्थिरता समाधान के वित्तपोषण और प्रोत्साहन की सुविधा के लिए मौद्रिक नीति पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता है. MPC में तीन बाहरी सदस्य और RBI के तीन अधिकारी शामिल हैं. दर निर्धारण समिति के बाहरी सदस्य शशांक भिडे, आशिमा गोयल और जयंत आर. वर्मा हैं.

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