मोदी 3.0 सरकार अगले कुछ ही दिनों में 100 दिन पूरे करने वाली है. तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने एक 100 दिन का एजेंडा सेट किया था. पहले 95 दिनों में सरकार का सबसे ज़्यादा फोकस आर्थिक मोर्चे पर रहा है. इस दौरान 3.20 लाख करोड़ से ज़्यादा के इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को मंज़ूरी दी गयी है. इसके पीछे क्या है मोदी सरकार की रणनीति. यहां विस्तार से जानिए
“वित्त वर्ष 2024-25 से 2028-29 तक प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना - IV (पीएमजीएसवाई-IV) के कार्यान्वयन” के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. बुधवार को मोदी कैबिनेट ने 25,000 अनकनेक्टेड बस्तियों को सड़कों से जोड़ने के लिए प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण के दौरान 62,500 किलोमीटर सड़क और पुलों के निर्माण के लिए 70,125 करोड़ रुपये आवंटित करने के ग्रामीण विकास विभाग के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी.
100 दिन के एजेंडे में इंफ्रास्ट्रक्चर टॉप पर
दरअसल मोदी सरकार के पहले 100 दिन के अजेंडे में इंफ्रास्ट्रक्चर टॉप पर है. अब फोकस इन बड़े महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स के कार्यान्वयन पर है. नेशनल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डवलेपमेंट कॉरपोरेशन यानि NICDC को 10 राज्यों में 12 नए स्मार्ट इंडस्ट्रियल सिटीज सेटअप करने की जिम्मेदारी दी गई है. इससे 40 लाख रोज़गार के अवसर पैदा होंगे. एनडीटीवी से एक्सक्लूसिव बातचीत में NICDC के सीईओ रजत कुमार सैनी ने कहा -- इसी साल नए स्मार्ट इंडस्ट्रियल सिटीज़ के कंस्ट्रक्शन का काम शुरू हो जाएगा.
3 साल में डेढ़ लाख करोड़ से ज्यादा निवेश की उम्मीद
रजत कुमार सैनी ने एनडीटीवी से कहा, "इस प्रोजेक्ट के लिए 26,000 करोड रुपए के फंड्स को मंजूरी दी गई है. अभी तक करीब 28,000 एकड़ जमीन का अधिग्रहण कर लिया गया है. हमने 12 नए स्मार्ट इंडस्ट्रियल सिटीज के निर्माण के लिए मौजूदा वित्तीय साल में ही टेंडर जारी करने का फैसला किया है जिससे कि इसी साल इन नए स्मार्ट इंडस्ट्रियल सिटीज के कंस्ट्रक्शन का काम शुरू हो सके. इन नए प्रोजेक्ट्स के पूरा होने पर करीब 40 लाख नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे. हमें उम्मीद है की आने वाले 3 साल में डेढ़ लाख करोड़ से भी ज्यादा का निवेश आएगा".
इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 11,11,111 करोड़ का आवंटन
इस साल के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए 11,11,111 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. सरकार को उम्मीद है कि इससे आर्थिक विकास को गति मिलेगी और रोज़गार के अवसर बढ़ेंगे. पिछले सोमवार को ही कैबिनेट ने दो मेजर कमर्शियल सेंटर -- मुंबई और इंदौर को जोड़ने के लिए 309 किलोमीटर की एक नई रेल लाइन को मंजूरी दी थी . 18,036 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली ये नई रेलवे लाइन परियोजना इंदौर और मनमाड के बीच सीधा सम्पर्क प्रदान करेगी.
रेलवे के नेटवर्क में लगभग 309 किलोमीटर की वृद्धि होगी
यह परियोजना मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के लिए पीएम-गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान का परिणाम है. यह परियोजना 2 राज्यों, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के 6 जिलों को कवर करेगी, जिससे भारतीय रेलवे के मौजूदा नेटवर्क में लगभग 309 किलोमीटर की वृद्धि होगी. इस परियोजना के साथ 30 नए स्टेशन बनाए जाएंगे. नई रेलवे लाइन परियोजना से लगभग 1,000 गांवों और लगभग 30 लाख आबादी को सम्पर्क मिलेगा, यह परियोजना 2028-29 तक पूरी की जाएगी.
अर्थशास्त्री वेद जैन ने क्या कहा
अर्थशास्त्री वेद जैन ने एनडीटीवी से कहा, "इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स पर खर्च करने से अर्थव्यवस्था पर इसका मल्टीप्लाई इफेक्ट होता है ... इकोनामिक सेंटीमेंट मजबूत होता है, अर्थव्यवस्था में निवेश बढ़ता है और रोजगार के नए अवसर भी बड़े स्तर पर पैदा होते हैं. सरकार की तैयारी बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए आवंटित फंड्स को जल्दी से जल्दी खर्च करने की है जिससे आर्थिक विकास हो और रोज़गार के नए अवसर बड़े स्तर पर पैदा हों'. ज़ाहिर है, अब चुनौती इन महत्वाकांक्षी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को तय समय में पूरा करने की होगी.
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