केंद्र में तीसरी बार सत्ता में आने के बाद मोदी सरकार (Modi Government) ने पहला बड़ा फैसला कच्चे घरों में रहने वाले गरीब जरूरतमंद परिवारों के लिए 3 करोड़ नए पक्के घर बनाने का किया. शहरी इलाकों में गरीब जरूरतमंदों के लिए एक करोड़ घर बनाने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 को मंजूरी दी गई है. इसके तहत अगले पांच साल में 10 लाख करोड़ रुपये के इन्वेस्टमेंट का प्लान है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को झारखंड के टाटानगर में प्रधानमंत्री आवास योजना - ग्रामीण के 32 हजार लाभार्थियों को स्वीकृति पत्र वितरित किए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल के दौरान सरकार तेजी से गरीब जरूरतमंद परिवारों के लिए पक्के घर के निर्माण का काम आगे बढ़ा रही है. मोदी सरकार के तीसरी कार्यकाल के 100 दिन मंगलवार को पूरे हो रहे हैं.
कच्चे घर की चुनौतियों से मिल रही निजात
उत्तर प्रदेश के मोदीनगर के औरंगाबाद-गदाना गांव निवासी अजीत कुमार परिवार के साथ एक कच्चे घर में रहते हैं. पहली बार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उनका पक्का घर तैयार हो रहा है. परिवार को कच्चे घर में कई तरह की चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है.
प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी अजीत कुमार ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा, "प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2.50 लाख रुपए की मदद मिली है. दिसंबर से निर्माण चल रहा है. अगले 10-15 दिन में छत बन जाएगी और डेढ़ महीने में घर पूरी तरह से तैयार हो जाएगा. मेरे पास कच्चा घर है, बहुत परेशानी होती है. इस नए घर में एक ड्राइंग रूम, बाथरूम, किचन और एक बैडरूम बन रहा है".
उनके पड़ोसी सौरभ का घर भी प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिली वित्तीय सहायता से लगभग 75 फीसदी तैयार हो चुका है. सौरभ कहते हैं, "मेरे पक्के घर का निर्माण का 75% काम पूरा हो चुका है. बिजली और पानी की सप्लाई शुरू हो गई है. ये घर 52 वर्गमीटर में बना है".
पक्के मकानों के निर्माण से कई तरह से फायदा
मोदीनगर के गदाना गांव में करीब 45 ऐसे नए घरों का निर्माण अलग-अलग चरण में है. गांव में नए घरों के निर्माण का कई तरह से फायदा मिल रहा है. इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है, ग्रामीण वर्करों को रोजगार मिल रहा है और कंस्ट्रक्शन सेक्टर को भी फायदा पहुंच रहा है.
एनडीटीवी को गदाना गांव में ऐसे कई गरीब परिवार मिले जो कच्चे घरों में रहने को मजबूर हैं. जुबैदा और रियाजुद्दीन इस कच्चे घर में रहते हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के घर का आवेदन अभी तक स्वीकार नहीं हुआ है.
रियाजुद्दीन ने एनडीटीवी से कहा, "हमारे पास पक्का घर नहीं है. हम कच्चे घर में रहते हैं. हमने आवेदन किया था. प्रधान ने कहा कि नवंबर में हमारा आवेदन स्वीकार होगा." जुबैदा कहती हैं, "हमारे घर में बारिश होने से पूरे सीजन में पानी टपकता रहता है और कई बार हम रात-रात भर सो नहीं पाते हैं. हमें पक्का घर मिलना चाहिए"
मोदी सरकार से करोड़ों गरीब परिवारों को उम्मीद
अब ऐसे गरीब जरूरतमंदों के लिए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला किया है. मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के दौरान पहला बड़ा फैसला कैबिनेट ने गरीब जरूरतमंद परिवारों के लिए शहरी और ग्रामीण इलाकों में तीन करोड़ नए घर बनाने का किया है. तैयारी अगले चार-पांच साल में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 3 करोड़ अतिरिक्त कच्चे घरों में रहने वाले जरूरतमंद परिवारों के लिए पक्का घर बनाने की है.
मोदी सरकार के फैसले से कच्चे घरों में रहने वाले करोड़ों गरीब परिवारों में उम्मीद बंधी है कि भविष्य में उनका भी पक्का घर होगा. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के घर की रजिस्ट्री परिवार के उसी व्यक्ति के नाम पर की जाती है, जिसके नाम पर जमीन रजिस्टर्ड है. इस योजना के लाभार्थी बिल्लू कहते हैं, "मेरा घर 2 महीने में तैयार हो गया. जमीन मेरे पत्नी के नाम पर थी इसलिए नए घर की रजिस्ट्री पत्नी मुनेश के नाम पर ही की गई है".
अब मोदी सरकार के सामने अगली चुनौती तय समय में शहरी और ग्रामीण इलाकों में रहने वाले 3 करोड़ अतिरिक्त गरीब जरूरतमंद परिवारों के लिए अगले पांच साल में नए पक्के घर बनाने की होगी.
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