- अदाणी एयरपोर्ट्स के डायरेक्टर जीत अदाणी ने कहा कि एयरपोर्ट ऑपरेटरों के पास नेगोशिएशन पावर
- भारतीय एविएशन सेक्टर में टाटा ग्रुप और इंडिगो मिलकर देश के 90% से अधिक घरेलू बाजार को नियंत्रित करते हैं
- अदाणी ग्रुप वर्तमान में मुंबई सहित सात एयरपोर्ट्स का संचालन कर रहा है और नवी मुंबई एयरपोर्ट जल्द शुरू होगा
भारतीय एविएशन सेक्टर में इंडिगो और एयर इंडिया के बढ़ते दबदबे को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच अदाणी एयरपोर्ट्स के डायरेक्टर जीत अदाणी ने कहा है कि, जब तक एयरपोर्ट ऑपरेटरों के पास नेगोशिएशन पावर है, तब तक मार्केट में किसी एक या दो कंपनियों के एकाधिकार से कोई फर्क नहीं पड़ता.
'साझेदारी बराबरी की, डरने की बात नहीं'
हाल ही में इंडिगो के संकट और बढ़ती हवाई किरायों ने मार्केट में डुओपोली के खतरे को हवा दी थी. इस पर जीत अदाणी ने कहा, "हमारे लिए यह परेशानी का विषय नहीं है. डुओपोली तब समस्या बनती है जब आपके पास बातचीत करने की ताकत न हो. एयरपोर्ट और एयरलाइन बिजनेस की प्रकृति ऐसी है कि दोनों पक्षों के पास बराबर की शक्ति होती है."
टाटा और इंडिगो का 90% मार्केट पर कब्जा
बता दें कि पिछले एक दशक में जेट एयरवेज, किंगफिशर और गोफर्स्ट जैसी एयरलाइंस के बंद होने के बाद भारतीय एविएशन सेक्टर में अब दो ही बड़े खिलाड़ी बचे हैं. टाटा ग्रुप (एयर इंडिया, विस्तारा, एयर इंडिया एक्सप्रेस) और इंडिगो मिलकर देश के 90% से अधिक डोमेस्टिक मार्केट को कंट्रोल करते हैं.
मुंबई और दिल्ली एयरपोर्ट पर UDF फीस की वजह से 2009 और 2014 के बीच एयरलाइंस से 50,000 करोड़ रुपये की कम रिकवरी मामले पर जीत अदाणी ने कहा कि ये केस अभी सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है. उन्होंने भरोसा दिलाया, "अगर हम यह कानूनी लड़ाई जीत भी जाते हैं, तब भी हम एयरलाइंस के साथ मिलकर काम करेंगे ताकि ऐसी स्थिति पैदा न हो जो इंडस्ट्री के लिए संकट बन जाए."
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं