भारत का डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (Direct Tax Collection) पिछले दस वर्षों में 5.59 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 20 लाख करोड़ रुपये हो गया है.इस दौरान टैक्स-टू-जीडीपी रेश्यो भी बढ़कर 6 प्रतिशत पर पहुंच गया है, जो कि पहले 5.6 प्रतिशत था .राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने यह जानकारी दी.
'इनकम टैक्स डे' पर अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को टेक्नोलॉजी और टैक्सपेयर्स की सुविधा बढ़ाने पर फोकस करना चाहिए.
3.92 करोड़ ITR 15 से कम दिनों में ही प्रोसेस हुए
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट पिछले कुछ वर्षों में टैक्स बेस को दोगुना करने में सफल रहा है. साथ ही फेसलेस रिजीम, ई-वेरिफिकेशन और ई-फाइलिंग आदि के जरिए टैक्सपेयर्स के लिए अनुपालन को कम किया है.
बीते वित्त वर्ष नेट टैक्स कलेक्शन में 17.7 प्रतिशत की बढ़त
इसी कार्यक्रम में सीबीडीटी के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने कहा कि डिपार्टमेंट का फोकस टैक्सपेयर्स के लिए सर्विसेज को बढ़ाने और टेक्नोलॉजी के लिए अनुपालन को कम करने पर है. उन्होंने आगे कहा कि बीते वित्त वर्ष नेट टैक्स कलेक्शन में 17.7 प्रतिशत की बढ़त देखने को मिली थी. वहीं, पिछले वर्ष के मुकाबले इस साल (31 जुलाई तक) दाखिल होने वाले आईटीआर (ITR Filing 2024) की संख्या में 7.5 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.
न्यू टैक्स रिजीम के तहत 72% इनकम टैक्स रिटर्न फाइल
वहीं, 72 प्रतिशत इनकम टैक्स रिटर्न न्यू टैक्स रिजीम (New Tax Regime) के तहत भरे गए हैं. इसमें 58.57 लाख पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न जमा (Income Tax Return Filing 2024)करने वाले थे, जो दिखाता है कि टैक्स बेस भारत में बड़ा हो रहा है.
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