उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) ने रविवार को कहा कि वर्ष 2014 से पहले भारत ‘पांच कमजोर' अर्थव्यवस्थाओं में से एक था, लेकिन आज भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है. एक कार्यक्रम में संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि ‘‘हमारी आर्थिक साख को बनाए रखने के लिए सोने के भंडार को एक समय स्विट्जरलैंड स्थित बैंकों में जमा किया गया था, लेकिन भारत ने प्रगति की है और उन देशों से आगे निकल गया है जिन्होंने कभी हम पर शासन किया था.''
उन्होंने कहा कि भारत ने कनाडा, इंग्लैंड, फ्रांस को पीछे छोड़ा दिया है. हमने उन लोगों को पीछे छोड़ा है जिन्होंने सदियों तक देश पर राज किया और आने वाले दो-तीन साल में निश्चित रूप से हम जर्मनी और जापान को भी पीछे छोड़े देंगे. अगले दो से तीन वर्षों में हम जर्मनी और जापान से आगे निकल जाएंगे. हम दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक शक्ति बनेंगे.
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत निवेश (Investment) और अवसर का पसंदीदा स्थान है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'वोकल फॉर लोकल' इनीशिएटिव को लेकर बात करते हुए उन्होंने कहा कि विदेशी उत्पादों के स्थान पर स्थानीय स्तर पर निर्मित उत्पादों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए.
बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का अनुमान है कि अगले वित्त वर्ष 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर सात प्रतिशत रहेगी. जून और सितंबर तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर क्रमशः 7.2 प्रतिशत और 6.8 प्रतिशत रहेगी. वहीं दिसंबर और मार्च तिमाही में इसके सात प्रतिशत और 6.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
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