
भारत में ऑटो इंडस्ट्री को लेकर जून का महीना पॉजिटिव रहा. गाड़ियों की कुल रिटेल बिक्री में 5 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई. पैसेंजर व्हीकल्स, टू-व्हीलर, ट्रैक्टर और कमर्शियल व्हीकल्स सभी सेगमेंट में डिमांड सुधरती दिखी. यह डेटा फेडरेशन ऑफ ऑटोमोटिव डीलर्स एसोसिएशन यानी FADA की नई रिपोर्ट से सामने आया है.
कितनी हुई बिक्री?
FADA के मुताबिक, जून 2025 में देशभर में कुल 20,03,873 यूनिट व्हीकल्स का रजिस्ट्रेशन हुआ. जबकि पिछले साल जून 2024 में यह आंकड़ा 19,11,354 यूनिट था. यानी इस बार सालाना आधार पर करीब 4.84% ज्यादा गाड़ियां बिकीं.
पैसेंजर और टू-व्हीलर की डिमांड में सुधार
पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में जून में कुल 2,97,722 यूनिट गाड़ियों की बिक्री हुई, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 2,90,593 यूनिट था. यानी इस सेगमेंट में 2% की बढ़त देखने को मिली.
टू-व्हीलर की बात करें तो यहां भी सालाना आधार पर 5% की ग्रोथ देखने को मिली. जून 2025 में 14,46,387 यूनिट टू-व्हीलर बिके, जो पिछले साल की तुलना में बेहतर आंकड़ा है.
तिपहिया, कमर्शियल और ट्रैक्टर की बिक्री में अच्छी तेजी
तीन पहिया गाड़ियों यानी थ्री-व्हीलर की बिक्री जून में 7% बढ़कर 1,00,625 यूनिट पहुंच गई. वहीं कमर्शियल व्हीकल्स (जैसे ट्रक और लोडिंग व्हीकल्स) की बिक्री भी जून में 7% की ग्रोथ के साथ 73,367 यूनिट तक पहुंची.
ट्रैक्टर सेगमेंट में भी अच्छी रिकवरी दिखी. जून में ट्रैक्टर रजिस्ट्रेशन 9% बढ़कर 77,214 यूनिट रहा. यानी खेती-बाड़ी से जुड़े इलाकों में डिमांड मजबूत बनी हुई है.
अप्रैल-जून में कैसी रही परफॉर्मेंस?
जून क्वार्टर यानी अप्रैल से जून 2025 की बात करें तो इस पूरे पीरियड में गाड़ियों की कुल रिटेल बिक्री 65,42,586 यूनिट रही. जबकि पिछले साल इसी समय यह आंकड़ा 62,39,877 यूनिट था. यानी इस बार 5% की ग्रोथ दर्ज की गई.
पैसेंजर व्हीकल्स की कुल बिक्री इस तिमाही में 9,71,477 यूनिट रही, जो पिछले साल की तुलना में 3% ज्यादा है. टू-व्हीलर सेगमेंट में 47,99,948 यूनिट बिक्री हुई यानी सालाना आधार पर 5% की बढ़ोतरी.
कमर्शियल व्हीकल्स की बिक्री इस पीरियड में 1% और थ्री-व्हीलर की बिक्री 12% बढ़ी. वहीं, ट्रैक्टर की बिक्री 6% की ग्रोथ के साथ 2,10,174 यूनिट रही.
आगे का आउटलुक क्या है?
FADA का मानना है कि जुलाई में सामान्य से ज्यादा मानसून होने की उम्मीद है. इससे ग्रामीण इलाकों में डिमांड बेहतर हो सकती है. खासकर टू-व्हीलर और ट्रैक्टर सेगमेंट को इसका फायदा मिल सकता है. हालांकि ज्यादा बारिश वाले इलाकों में लॉजिस्टिक से जुड़ी कुछ चुनौतियां भी आ सकती हैं.
खरीफ की बुआई भी इस बार अच्छी रही है. अब तक 262.15 लाख हेक्टेयर जमीन पर बुआई हो चुकी है, जो पिछले साल से 11% ज्यादा है. इसका मतलब है कि किसान समुदाय की इनकम बढ़ सकती है और इससे गांवों में ऑटो सेक्टर को बूस्ट मिल सकता है.
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